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राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियां : अभी कार्यकर्ताओं को करना होगा इंतजार, संविधानिक नियुक्तियां फरवरी अंत तक संभव

राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियां (political appointments in rajasthan congress) अटकी हुई हैं. कभी चुनाव, कभी राजनीतिक संकट तो कभी राजस्थान में कैबिनेट विस्तार नहीं होने के चलते अटकी इन नियुक्तियों का रास्ता साफ नहीं हो पा रहा है. सरकार के 3 साल पूरे होने के बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता टकटकी लगाकर नियुक्तियों के इंतजार में है.

Congress organization expansion in Rajasthan
राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियां
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Published : Jan 8, 2022, 2:21 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 2:58 PM IST

जयपुर. राजस्थान में अब राजनीतिक संकट के हालात नहीं हैं, न ही कोई चुनाव बचे हैं जिनमें कार्यकर्ता की परीक्षा बाकी हो. फिर भी राजस्थान का कांग्रेस कार्यकर्ता अपने लिए राजनीतिक नियुक्तियों (Congress organization expansion in Rajasthan ) का इंतजार कर रहा है. यह इंतजार सरकार के 3 साल पूरे हो जाने के बाद भी पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा.

राज्य सरकार ने संवैधानिक पदों पर नियुक्ति देने के लिए कोर्ट में फरवरी अंत तक का समय मांग लिया है. यह इस बात की ओर इशारा है कि कांग्रेस पार्टी की नजर अब अप्रैल महीने में होने वाले राज्यसभा चुनाव पर है. राज्यसभा चुनाव को देखते हुए ही बोर्ड आयोगों में नियुक्ति दी जाएगी.

कार्यकर्ताओं को करना होगा इंतजार

राजस्थान कांग्रेस में जो राजनीतिक नियुक्तियां (political appointments in rajasthan congress) दी जानी हैं उनमें से 9 पद बोर्ड आयोगों के संवैधानिक पद हैं. जिन पर नियुक्तियां नहीं होने से काम भी अटका हुआ है, लेकिन सरकार ने अब कोर्ट में भी यह कह दिया है कि वह खाली पड़े आयोगों में नियुक्तियां फरवरी के अंत तक ही करेंगे. इसका मतलब साफ है कि जब संवैधानिक पदों पर कोर्ट के कहने पर भी सरकार बार-बार समय ले रही है तो ऐसे में साफ है कि अभी इन पदों पर नियुक्ति दी जाने के लिए हरी झंडी नहीं मिली है. बता दें कि राज्य सरकार की ओर से महिला आयोग, किसान आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, निशक्तजन आयोग, एससी आयोग, एसटी आयोग ,ओबीसी आयोग, गौ सेवा आयोग, जनजाति आयोग में नियुक्तियां होनी हैं.

पढ़ें- Rajasthan BJP on PM Security Breach: गहलोत-डोटासरा के बयान पर भड़के पूनिया और राठौड़, कही ये बड़ी बात...

राज्यसभा चुनाव में तीसरी सीट पर नजर

राजस्थान में जुलाई महीने में 4 राज्यसभा सीटें (Rajya Sabha seat from Rajasthan) खाली होने जा रही हैं. ओम माथुर, केजे अल्फांजो, राजकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर के रूप में चारों भाजपा सांसदों का कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त होगा. विधानसभा में बहुमत के हिसाब से 2 सीट कांग्रेस और एक सीट भाजपा के हाथ में आसानी से चली जाएगी. लेकिन असल लड़ाई उस चौथी सीट के लिए होगी जिसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों के पास बहुमत नहीं है.

बहुमत के लिए जरूरी 42 वोट कांग्रेस पार्टी निर्दलीय के सहारे पा सकती है. इसके लिए जरूरी है कि निर्दलीयों और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को राजी रखा जा सके. यही कारण है कि अभी कांग्रेस पार्टी यह देख रही है कि राज्यसभा सीटों को देखते हुए किसे राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएं ताकि राज्यसभा चुनाव में उसे फायदा मिल सके.

सीएम सलाहकार-संसदीय सचिव बनाकर साधेंगे

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यसभा चुनाव को देखते हुए तीन निर्दलीय विधायकों बाबूलाल नागर, रामकेश मीणा और संयम लोढ़ा को तो मुख्यमंत्री सलाहकार बना दिया है. हालांकि अभी इन्हें मंत्री का दर्जा नहीं मिला है. लेकिन एकबारगी तीन निर्दलीय विधायकों को एडजस्ट कर दिया गया है. लेकिन अब भी बसपा से कांग्रेस में आए 5 विधायक और चार से पांच निर्दलीय विधायक ऐसे हैं जिन्हें संसदीय सचिव या अन्य पद देकर एडजस्ट किया जाएगा. ताकि राज्यसभा चुनाव में ये विधायक कांग्रेस के साथ जुड़े रहें. इसी एक्सरसाइज के चक्कर में अभी राजनीतिक नियुक्तियां अटकी हुई हैं. ये नियुक्तियां अभी कुछ और समय ले सकती हैं.

पढ़ें- Committee verification in Rajasthan BJP : भाजपा में संगठन विस्तार के साथ सत्यापन का काम भी जारी

राज्यसभा चुनावो में ये होगा गणित

कांग्रेस के पास अभी 6 बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों समेत कुल 108 विधायक हैं. जबकि 13 निर्दलीय विधायकों और राष्ट्रीय लोक दल के एक विधायक का साथ भी कांग्रेस को मिला हुआ है, तो भाजपा के पास अपने 71 विधायक हैं. राज्यसभा सांसद बनने के लिए प्रथम वरीयता के 42 वोटों की आवश्यकता होगी. ऐसे में 2 सीट कांग्रेस और 1 सीट भाजपा आसानी से जीत लेगी. लेकिन चौथी सीट के लिए दोनों पार्टियों के बीच रस्साकशी होगी.

क्योंकि दोनों के पास ही बहुमत नहीं है. लेकिन अगर निर्दलीयों के साथ ही कम्युनिस्ट पार्टी के दो, ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों का साथ कांग्रेस पार्टी को मिल जाए तो ऐसे में तीसरी सीट पर भी कांग्रेस अपना राज्यसभा (Rajya Sabha Election Rajasthan Congress) सांसद बना सकती है. ऐसे में इन विधायकों को एडजस्ट करना राज्यसभा चुनाव को देखते हुए भी कांग्रेस के लिए जरूरी है और यह भी एक कारण है कि अभी राजनीतिक नियुक्तियों में कुछ देरी संभव है.

पढ़ें- Gehlot question central Gov. : जब पूरी दुनिया में 2 साल के बच्चों को वैक्सीन लग रही तो हमारे देश में क्यों नहीं : सीएम गहलोत

ये पद हैं अभी खाली

1. बोर्ड और निगम - अल्पसंख्यक वित्त विभाग, देव स्थान बोर्ड ,वक्फ बोर्ड, हाउसिंग बोर्ड, बीज निगम, घुमंतु अर्ध घुमंतु बोर्ड, वक्फ विकास परिषद, मेवात विकास बोर्ड, डांग विकास बोर्ड, खादी बोर्ड, समाज कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड ,हज कमेटी

2.आदमियों के अध्यक्ष- साहित्य अकादमी, उर्दू अकादमी, संस्कृत अकादमी, ब्रजभाषा अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, सिंधी भाषा अकादमी

3. ये राजनीतिक पद भी हैं खाली - आरटीडीसी ,जन अभाव अभियोगनिराकरण समिति, राजस्थान राज्य बीज निगम, मेंला विकास प्राधिकरण, जयपुर, जोधपुर और अजमेर विकास प्राधिकरण, 20 सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष, सभापति सार्वजनिक प्रन्यास मंडल अध्यक्ष समेत कई पद अभी खाली पड़े हैं.

जयपुर. राजस्थान में अब राजनीतिक संकट के हालात नहीं हैं, न ही कोई चुनाव बचे हैं जिनमें कार्यकर्ता की परीक्षा बाकी हो. फिर भी राजस्थान का कांग्रेस कार्यकर्ता अपने लिए राजनीतिक नियुक्तियों (Congress organization expansion in Rajasthan ) का इंतजार कर रहा है. यह इंतजार सरकार के 3 साल पूरे हो जाने के बाद भी पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा.

राज्य सरकार ने संवैधानिक पदों पर नियुक्ति देने के लिए कोर्ट में फरवरी अंत तक का समय मांग लिया है. यह इस बात की ओर इशारा है कि कांग्रेस पार्टी की नजर अब अप्रैल महीने में होने वाले राज्यसभा चुनाव पर है. राज्यसभा चुनाव को देखते हुए ही बोर्ड आयोगों में नियुक्ति दी जाएगी.

कार्यकर्ताओं को करना होगा इंतजार

राजस्थान कांग्रेस में जो राजनीतिक नियुक्तियां (political appointments in rajasthan congress) दी जानी हैं उनमें से 9 पद बोर्ड आयोगों के संवैधानिक पद हैं. जिन पर नियुक्तियां नहीं होने से काम भी अटका हुआ है, लेकिन सरकार ने अब कोर्ट में भी यह कह दिया है कि वह खाली पड़े आयोगों में नियुक्तियां फरवरी के अंत तक ही करेंगे. इसका मतलब साफ है कि जब संवैधानिक पदों पर कोर्ट के कहने पर भी सरकार बार-बार समय ले रही है तो ऐसे में साफ है कि अभी इन पदों पर नियुक्ति दी जाने के लिए हरी झंडी नहीं मिली है. बता दें कि राज्य सरकार की ओर से महिला आयोग, किसान आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, निशक्तजन आयोग, एससी आयोग, एसटी आयोग ,ओबीसी आयोग, गौ सेवा आयोग, जनजाति आयोग में नियुक्तियां होनी हैं.

पढ़ें- Rajasthan BJP on PM Security Breach: गहलोत-डोटासरा के बयान पर भड़के पूनिया और राठौड़, कही ये बड़ी बात...

राज्यसभा चुनाव में तीसरी सीट पर नजर

राजस्थान में जुलाई महीने में 4 राज्यसभा सीटें (Rajya Sabha seat from Rajasthan) खाली होने जा रही हैं. ओम माथुर, केजे अल्फांजो, राजकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर के रूप में चारों भाजपा सांसदों का कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त होगा. विधानसभा में बहुमत के हिसाब से 2 सीट कांग्रेस और एक सीट भाजपा के हाथ में आसानी से चली जाएगी. लेकिन असल लड़ाई उस चौथी सीट के लिए होगी जिसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों के पास बहुमत नहीं है.

बहुमत के लिए जरूरी 42 वोट कांग्रेस पार्टी निर्दलीय के सहारे पा सकती है. इसके लिए जरूरी है कि निर्दलीयों और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को राजी रखा जा सके. यही कारण है कि अभी कांग्रेस पार्टी यह देख रही है कि राज्यसभा सीटों को देखते हुए किसे राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएं ताकि राज्यसभा चुनाव में उसे फायदा मिल सके.

सीएम सलाहकार-संसदीय सचिव बनाकर साधेंगे

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यसभा चुनाव को देखते हुए तीन निर्दलीय विधायकों बाबूलाल नागर, रामकेश मीणा और संयम लोढ़ा को तो मुख्यमंत्री सलाहकार बना दिया है. हालांकि अभी इन्हें मंत्री का दर्जा नहीं मिला है. लेकिन एकबारगी तीन निर्दलीय विधायकों को एडजस्ट कर दिया गया है. लेकिन अब भी बसपा से कांग्रेस में आए 5 विधायक और चार से पांच निर्दलीय विधायक ऐसे हैं जिन्हें संसदीय सचिव या अन्य पद देकर एडजस्ट किया जाएगा. ताकि राज्यसभा चुनाव में ये विधायक कांग्रेस के साथ जुड़े रहें. इसी एक्सरसाइज के चक्कर में अभी राजनीतिक नियुक्तियां अटकी हुई हैं. ये नियुक्तियां अभी कुछ और समय ले सकती हैं.

पढ़ें- Committee verification in Rajasthan BJP : भाजपा में संगठन विस्तार के साथ सत्यापन का काम भी जारी

राज्यसभा चुनावो में ये होगा गणित

कांग्रेस के पास अभी 6 बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों समेत कुल 108 विधायक हैं. जबकि 13 निर्दलीय विधायकों और राष्ट्रीय लोक दल के एक विधायक का साथ भी कांग्रेस को मिला हुआ है, तो भाजपा के पास अपने 71 विधायक हैं. राज्यसभा सांसद बनने के लिए प्रथम वरीयता के 42 वोटों की आवश्यकता होगी. ऐसे में 2 सीट कांग्रेस और 1 सीट भाजपा आसानी से जीत लेगी. लेकिन चौथी सीट के लिए दोनों पार्टियों के बीच रस्साकशी होगी.

क्योंकि दोनों के पास ही बहुमत नहीं है. लेकिन अगर निर्दलीयों के साथ ही कम्युनिस्ट पार्टी के दो, ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों का साथ कांग्रेस पार्टी को मिल जाए तो ऐसे में तीसरी सीट पर भी कांग्रेस अपना राज्यसभा (Rajya Sabha Election Rajasthan Congress) सांसद बना सकती है. ऐसे में इन विधायकों को एडजस्ट करना राज्यसभा चुनाव को देखते हुए भी कांग्रेस के लिए जरूरी है और यह भी एक कारण है कि अभी राजनीतिक नियुक्तियों में कुछ देरी संभव है.

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ये पद हैं अभी खाली

1. बोर्ड और निगम - अल्पसंख्यक वित्त विभाग, देव स्थान बोर्ड ,वक्फ बोर्ड, हाउसिंग बोर्ड, बीज निगम, घुमंतु अर्ध घुमंतु बोर्ड, वक्फ विकास परिषद, मेवात विकास बोर्ड, डांग विकास बोर्ड, खादी बोर्ड, समाज कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड ,हज कमेटी

2.आदमियों के अध्यक्ष- साहित्य अकादमी, उर्दू अकादमी, संस्कृत अकादमी, ब्रजभाषा अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, सिंधी भाषा अकादमी

3. ये राजनीतिक पद भी हैं खाली - आरटीडीसी ,जन अभाव अभियोगनिराकरण समिति, राजस्थान राज्य बीज निगम, मेंला विकास प्राधिकरण, जयपुर, जोधपुर और अजमेर विकास प्राधिकरण, 20 सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष, सभापति सार्वजनिक प्रन्यास मंडल अध्यक्ष समेत कई पद अभी खाली पड़े हैं.

Last Updated : Jan 8, 2022, 2:58 PM IST
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