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नियुक्ति का इंतजार कर रहे शिक्षकों के परिवार की महिलाओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर मनाया करवा चौथ - धरने पर बैठी महिला नीतू सिंह

21 साल से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे चयनित शिक्षकों के परिवार से महिलाए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर करवा चौथ का पर्व मनाया. महिलाओं ने कहा कि सरकार की संवेदनहीनता के चलते जो घर में मनाने वाले त्यौहार यहां मना रही है.

women Celebration of Karva Chauth, जिला कलेक्ट्रेट पर मनाया करवा चौथ
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Published : Oct 17, 2019, 11:07 PM IST

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट पर इन चयनित शिक्षकों को धरना प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को 134 दिन हो गए है. अभी तक सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. गुरुवार को महिलाओं ने धरना स्थल पर ही मेहंदी लगाई और करवा चौथ मनाया. महिलाओं ने नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. धरने पर बैठी महिलाओं ने कहा कि सरकार हमें नियुक्ति की थाली दिखाकर वापस ले लेती है. सरकार के कारण हम अपना घर-परिवार छोड़कर यहां धरने पर बैठने को मजबूर हैं. अगर सरकार हमें नियुक्ति दे दे तो हमें यहां नहीं बैठना पड़ेगा,

महिलाओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर मनाया करवा चौथ.

धरने पर बैठी महिला नीतू सिंह ने कहा कि हम किस मुंह से अपने बच्चों को पढ़ाई लिखाई के लिए बोले. जब पढ़ने लिखने और परीक्षा पास करने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल रही है. नीतू सिंह ने कहा कि माता-पिता ने हमें किस मेहनत से और किस मजबूरी में पढ़ाया होगा यह सरकार को नहीं पता.

ये भी पढ़ें: करवा चौथ विशेषः यहां तीन पत्नियों ने एक ही पति के लिए रखा व्रत...मांगी लंबी उम्र की दुआ

अपने बेटे की नियुक्ति के लिए धरने पर बैठी माली देवी ने कहा कि गहलोत साहब हमने पैसे उधार लेकर अपने बेटे को पढ़ाया है. दिन रात मेहनत की. शिक्षक भर्ती में चयन होने के बाद भी उसे नियुक्ति नहीं मिल पा रही है. महिला ने कहा अभी तक ब्याज के पैसे चुका रहे हैं. घर चलाने के लिए पैसे नहीं है. धरने पर बैठी महिलाओं ने कहा कि वसुंधरा राजे तो राजा महाराजा के परिवार से थी वह तो हमारा दुख ही समझती थी कम से कम. गहलोत सरकार तो हमारा दुख-दर्द नहीं समझ रही. महिलाओं ने कहा कि आज करवा चौथ के दिन भी हम घर छोड़ के यहां बैठे हैं. हमारे पास चूरमा बनाने तक के लिए पैसे नहीं है

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट पर इन चयनित शिक्षकों को धरना प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को 134 दिन हो गए है. अभी तक सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. गुरुवार को महिलाओं ने धरना स्थल पर ही मेहंदी लगाई और करवा चौथ मनाया. महिलाओं ने नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. धरने पर बैठी महिलाओं ने कहा कि सरकार हमें नियुक्ति की थाली दिखाकर वापस ले लेती है. सरकार के कारण हम अपना घर-परिवार छोड़कर यहां धरने पर बैठने को मजबूर हैं. अगर सरकार हमें नियुक्ति दे दे तो हमें यहां नहीं बैठना पड़ेगा,

महिलाओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर मनाया करवा चौथ.

धरने पर बैठी महिला नीतू सिंह ने कहा कि हम किस मुंह से अपने बच्चों को पढ़ाई लिखाई के लिए बोले. जब पढ़ने लिखने और परीक्षा पास करने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल रही है. नीतू सिंह ने कहा कि माता-पिता ने हमें किस मेहनत से और किस मजबूरी में पढ़ाया होगा यह सरकार को नहीं पता.

ये भी पढ़ें: करवा चौथ विशेषः यहां तीन पत्नियों ने एक ही पति के लिए रखा व्रत...मांगी लंबी उम्र की दुआ

अपने बेटे की नियुक्ति के लिए धरने पर बैठी माली देवी ने कहा कि गहलोत साहब हमने पैसे उधार लेकर अपने बेटे को पढ़ाया है. दिन रात मेहनत की. शिक्षक भर्ती में चयन होने के बाद भी उसे नियुक्ति नहीं मिल पा रही है. महिला ने कहा अभी तक ब्याज के पैसे चुका रहे हैं. घर चलाने के लिए पैसे नहीं है. धरने पर बैठी महिलाओं ने कहा कि वसुंधरा राजे तो राजा महाराजा के परिवार से थी वह तो हमारा दुख ही समझती थी कम से कम. गहलोत सरकार तो हमारा दुख-दर्द नहीं समझ रही. महिलाओं ने कहा कि आज करवा चौथ के दिन भी हम घर छोड़ के यहां बैठे हैं. हमारे पास चूरमा बनाने तक के लिए पैसे नहीं है

Intro:जयपुर। 21 साल से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे चयनित शिक्षकों के परिवारों की महिलाओं ने गुरुवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर मेहंदी लगाकर करवा चौथ का पर्व मनाया। महिलाओं ने कहा कि सरकार की संवेदनहीनता के चलते हैं जो त्यौहार हमें अपने घर पर बनाना चाहिए था वह हमें कलेक्ट्रेट पर मनाना पड़ रहा है। महिलाओं ने सरकार से चयनित शिक्षकों को नियुक्ति देने की मांग की।


Body:जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर इन चयनित शिक्षकों को धरना प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को 134 दिन हो गए। फिर भी सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। गुरुवार को महिलाओं ने धरना स्थल पर ही मेहंदी लगाई और करवा चौथ मनाई। महिलाओं ने नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। धरने पर बैठी महिलाओं ने कहा कि सरकार हमें नियुक्ति की थाली दिखाकर वापस ले लेती है और सरकार के कारण हम अपना घर-परिवार छोड़कर यहां धरने पर बैठने को मजबूर हैं यदि सरकार हमें नियुक्ति दे दे तो हमें यहां नहीं बैठना पड़ेगा। धरने पर बैठी महिला नीतू सिंह ने कहा कि हम किस मुंह से हमारे बच्चों को पढ़ाई लिखाई के लिए बोले। जब पढ़ने लिखने और परीक्षा पास करने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल रही है। नीतू सिंह ने कहा कि माता-पिता ने हमें किस मेहनत से और किस मजबूरी में पढ़ाया होगा यह सरकार को नहीं पता। नीतू सिंह ने सरकार पर भाई भतीजावाद और भेदभाव का आरोप लगाया।
अपने बेटे की नियुक्ति के लिए धरने पर बैठी माली देवी ने कहा कि गहलोत साहब हमने पैसे उधार लेकर अपने बेटे को पढ़ाया। दिन रात मेहनत की। शिक्षक भर्ती में चयन होने के बाद भी उसे नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। मैं ब्याज तक के पैसे नहीं चुका पा रही मेरे पास घर चलाने का भी कोई जरिया नहीं है वसुंधरा राजे तो राजा महाराजा के परिवार से थी वह तो हमारा दुख ही समझती थी। कम से कम आप तो हमारा दुख को समझो। आज करवा चौथ के दिन भी हम घर छोड़ के यहां बैठे हैं हमारे पास चूरमा बनाने तक के लिए पांच रुपये भी नहीं है।

बाईट 1. नीतू सिंह, चयनित शिक्षक के परिवार की सदस्य
2. माली देवी, चायनित शिक्षक की मां


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