जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को महिलाओं को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद अब प्रदेश की गहलोत सरकार और मंत्री शांति धारीवाल महिला संगठनों के निशाने (Women angry on shanti Dhariwal statement) आ गए हैं. महिलाओं ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा तो दे नहीं पा रही, लेकिन उनका भरे सदन में अपमान जरूर कर रही है.
सरकार ठीक वैसे ही महिलाओं का मजाक बना रही है जैसे दुशासन की मंडली में द्रोपदी का उपहास उड़ाया था. महिलाओं और तमाम सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस तरह के आपत्तिजनक बयान देने वाले मंत्री को तत्काल पद से हटाया जाए.
मंत्री तत्काल दें पद से इस्तीफा
सामाजिक कार्यकर्ता निशा सिद्धू ने कहा कि राजस्थान सरकार के मंत्री का यह बयान बहुत ही गैरजिम्मेराना है. शांति धारीवाल ने विधानसभा के अंदर जिस तरह का बयान दिया है वह उनकी पुरुष मानसिकता को दर्शाता है. सिद्धू ने कहा कि मर्दों का शहर बताना या दुष्कर्म में प्रदेश का नंबर वन होना गर्व की बात नहीं हो सकती है और ना ही इसको इस रूप में देखना चाहिए.
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धारीवाल का बयान कोई जुबान फिसलने या बड़बोलेपन में दिया हुआ बयान नहीं है. सदन में इस तरह का बयाना उनकी मासिकता को दर्शाता है. निशा सिद्धू ने कहा कि किसी सरकार के लिए यह गर्व की बात नहीं हो सकती कि उसके प्रदेश में महिला दुष्कर्म में अपराध में बढ़ोतरी हो रही है. उनका बयान निंदनीय और शर्मिंदगी भरा है.
जिम्मेदारी से नहीं भागा जा सकता
सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा सिंह ने कहा कि राजस्थान में जिस तरह से महिला अपराध के मामले बढ़ रहे हैं. बालिकाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है, लेकिन उससे भी बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण शांति धारीवाल का वह बयान है जो उन्होंने भरी विधानसभा में दिया. उन्होंने कल कहा कि दुष्कर्म के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण इंटरनेट है. इस तरह के बयान देकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है. धारीवाल का बयान जिम्मेदारी से भागने वाला बयान है.
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राजस्थान का इतिहास पढ़ लें पहले...
फोर्टी महिला विंग की उपाध्यक्ष ललिता कुच्छल ने कहा कि विधानसभा जैसी जगह सरकार के एक मंत्री का यह बयान कि प्रदेश में महिला दुष्कर्म के मामले इस लिए बढ़ रहे हैं क्योंकि यह पुरुषों का प्रदेश है या इंटरनेट जैसी तकनीक इसका कारण है. यह बहुत ही निंदनीय बयान है. कुच्छल ने कहा कि कितने दुख की बात है कि हमारे प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार, बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में हम यूपी-बिहार से भी ऊपर पहुंच चुके हैं.
विधानसभा जैसी जगह पर जहां गंभीर विषय पर चर्चा होती है, वहां पर व्यंग्यात्मक रूप से यह कहना कि राजस्थान रेप मामलों में नंबर वन है, क्योंकि यह पुरुषों का प्रदेश है. ललिता ने कहा कि प्रदेश की तरक्की में क्या महिलाओं का कोई योगदान नहीं है? ललिता ने कहा कि अगर उन्हें लगता है राजस्थान पुरुषों का ही प्रदेश है तो उन्हें इतिहास उठा कर देख लेना चाहिए. प्रदेश की मुखिया भी एक महिला रही हैं. इसी राजस्थान की महिलाओं के इतिहास को गर्व से याद किया जाता है.
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मंत्री का बयान सरकार की सोच दर्शाता है
मॉडल एंड एक्टर्स अपर्णा वाजपेयी ने भी इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने कहा कि मंत्री धारीवाल का बयान उनकी सोच को दर्शाता है. हैरत की बात है कि उनके हिसाब से जो दुष्कर्म की घटनाएं हो रहीं है उसका कारण इंटरनेट है. रेप के मामलो में राजस्थान शीर्ष पर है और वह कह रहे कि यह तो मर्दों का ही प्रदेश है. मर्दों के प्रदेश से उनका क्या तात्पर्य क्या है? क्या राजस्थान में पुरुष ही रहते हैं, महिलाएं नहीं हैं? इस तरह के बयान देना यह दर्शाता है कि सरकार हम महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम है.
नंबरों में नहीं बांटा जा सकु
वुमन एक्टिविस्ट सपना मोहंती ने कहा कि आज समाज कहां जा रहा है. अगर महिलाओं और बालिकाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रहीं हैं तो यह चिंता का विषय है. इसपर रैंकिंग देने की बात नहीं है. इस विषय पर जो मंत्री शांति धारीवाल ने बयान दिया वह उनको शोभा नहीं देता है. राजस्थान पुरुष प्रधान देश है तो इसका हम का क्या मतलब निकालें. क्या राजस्थान पुरुष प्रधान प्रदेश है और यहां दुष्कर्म होना कॉमन बात है? क्या इससे पुरुषों को दुष्कर्म करने का अधिकार मिल जाता है?
सपना मोहंती ने कहा कि आप एक मिनिस्टर होकर इस तरह का बयान देना चिंता जनक है. मंत्री को इस बात को समझना होगा कि जिस महिला के साथ या बच्ची के साथ दुष्कर्म जैसी घटना होती है, उसका जीवन कैसा हो जाता है. यह कोई मजाक या व्यंग्य करने का विषय नहीं है.