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होम लोन की पेनल्टी के लिए पेंशन परिलाभ रोकना गलत - हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने होम लोन की पेनल्टी के लिए राज्य सरकार की ओर से शिक्षक के पेंशन परिलाभ को रोकने को गलत माना है. इसके साथ ही अदालत ने पेनल्टी के आदेश को रद्द करते हुए दो माह में पेंशन परिलाभ जारी करने के आदेश दिया है.

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Published : Sep 13, 2019, 8:58 PM IST

highcourt news in hindi, होम लोन की पेनल्टी की खबर

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने होम लोन की पेनल्टी के लिए राज्य सरकार की ओर से शिक्षक के पेंशन परिलाभ को रोकने को गलत माना है. इसके साथ ही अदालत ने पेनल्टी के आदेश को रद्द करते हुए दो माह में पेंशन परिलाभ जारी करने के आदेश दिया है. न्यायाधीश पीएस भाटी की एकलपीठ ने यह आदेश भंवलाल साहु की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 1998 में राज्य सरकार से अनुदान पर होम लोन लिया था. जिसकी प्रथम किश्त के तौर पर 51 हजार तीन सौ रुपए राज्य सरकार की ओर से जारी किया गया. वहीं याचिकाकर्ता की पत्नी की बीमारी के चलते वह घर का निर्माण नहीं करा पाया. जिसके चलते राज्य सरकार ने दूसरी किश्त पर रोक लगा दी.

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याचिकाकर्ता के नवंबर 2009 में सेवानिवृत्ति होने पर उसने प्रथम किश्त और उस पर 23 हजार 126 रुपए का ब्याज जमा भी करा दिया. दूसरी ओर राज्य सरकार ने उस पर पेनल्टी लगाते हुए पेंशन परिलाभ पर रोक लगा दी. जिसपर याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. जिसपर अदालत ने पेनल्टी के आदेश को रद्द करते हुए दो माह में पेंशन परिलाभ जारी करने के आदेश दिया.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने होम लोन की पेनल्टी के लिए राज्य सरकार की ओर से शिक्षक के पेंशन परिलाभ को रोकने को गलत माना है. इसके साथ ही अदालत ने पेनल्टी के आदेश को रद्द करते हुए दो माह में पेंशन परिलाभ जारी करने के आदेश दिया है. न्यायाधीश पीएस भाटी की एकलपीठ ने यह आदेश भंवलाल साहु की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 1998 में राज्य सरकार से अनुदान पर होम लोन लिया था. जिसकी प्रथम किश्त के तौर पर 51 हजार तीन सौ रुपए राज्य सरकार की ओर से जारी किया गया. वहीं याचिकाकर्ता की पत्नी की बीमारी के चलते वह घर का निर्माण नहीं करा पाया. जिसके चलते राज्य सरकार ने दूसरी किश्त पर रोक लगा दी.

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याचिकाकर्ता के नवंबर 2009 में सेवानिवृत्ति होने पर उसने प्रथम किश्त और उस पर 23 हजार 126 रुपए का ब्याज जमा भी करा दिया. दूसरी ओर राज्य सरकार ने उस पर पेनल्टी लगाते हुए पेंशन परिलाभ पर रोक लगा दी. जिसपर याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. जिसपर अदालत ने पेनल्टी के आदेश को रद्द करते हुए दो माह में पेंशन परिलाभ जारी करने के आदेश दिया.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने होम लोन की पेनल्टी के लिए राज्य सरकार की ओर से शिक्षक के पेंशन परिलाभ को रोकने को गलत माना है। इसके साथ ही अदालत ने पेनल्टी के आदेश को रद्द करते हुए दो माह में पेंशन परिलाभ जारी करने को कहा है। न्यायाधीश पीएस भाटी की एकलपीठ ने यह आदेश भंवलाल साहु की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
Body:याचिका में कहा गया कि उसने वर्ष 1998 में राज्य सरकार से अनुदान पर होम लोन लिया था। जिसकी प्रथम किश्त के तौर पर 51 हजार तीन सौ रुपए राज्य सरकार की ओर से जारी किए। वहीं याचिकाकर्ता की पत्नी की बीमारी के चलते वह निर्माण नहीं करा पाया। जिसके चलते राज्य सरकार ने दूसरी किश्त रोक ली। याचिकाकर्ता के नवंबर 2009 में रिटायर्ड होने पर उसने प्रथम किश्त और उस पर 23 हजार 126 रुपए का ब्याज जमा करा दिया। दूसरी ओर राज्य सरकार ने उस पर पेनल्टी लगाते हुए पेंशन परिलाभ रोक लिए। इसे याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
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