जयपुर. प्रदेश में सेवा सप्ताह अभियान के तहत बनाए गए पार्टी के होर्डिंग में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के फोटो गायब होने के मामले में सियासत होने लगी. इस बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का भी बयान सामने आया. पत्रकारों के सवाल के जवाब में कटारिया ने इस मामले में तर्क के साथ वह कारण बताएं जो वोटिंग में इन नेताओं के फोटो नहीं आने का उनकी नजरों में मुख्य कारण था.
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों ने जब कटारिया से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने मीडिया से कहा कि आपने भी देखा होगा कि पार्टी में प्रदेश में इस प्रकार के कई अभियानों के मेन पोस्टर्स में कभी भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के फोटो नहीं देखे होंगे. कटारिया ने कहा कि हो सकता हैं, नेता प्रतिपक्ष के नाते मेरा फोटो लगाया होगा और प्रदेश अध्यक्ष के नाते सतीश पूनिया का.
कटारिया ने इस दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर का भी उदाहरण दिया तो राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव का भी और यह भी कहा कि आप पुराने भी सारे होर्डिंग आदि की जानकारी ले लो. हालांकि, इसके बाद एकाएक उन्होंने थोड़ा संभलते हुए ये भी कह दिया की पोस्टर की लड़ाई में कोई ईगो नहीं टकराता है. आदमी यदि काम करेगा तो उसका पोस्टर जनता के मन में चिपक जाएगा.
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हालांकि, गुलाबचंद कटारिया इस दौरान ये भूल गए कि सतीश पूनिया के प्रदेश अध्यक्ष बनने के दौरान पार्टी के प्रदेश मुख्यालय के बाहर पार्टी की ओर से ही एक बड़ा होर्डिंग स्थाई रूप से लगाया गया था, जिसमें आज भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौड़ का फोटो लगाया गया था, जो आज भी यथावत है. लेकिन अब भाजपा की सेवा सप्ताह के दौरान पार्टी ने एक और होर्डिंग पार्टी मुख्यालय के सामने लगाया है, जिसमें से वसुंधरा राजे और राजेंद्र राठौड़ का फोटो गायब कर दिया गया है.
उस वोटिंग में प्रदेश से केवल पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष नेता कटारिया के फोटो को ही शामिल किया गया है. मतलब गुलाबचंद कटारिया जो बयान दे रहे हैं कि पूर्व में भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में मुख्य होर्डिंग में नेताओं के फोटो नहीं लगे तो गलत है.