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मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने पैंथर के शहरी क्षेत्र में दिखाई देने की बताई ये बड़ी वजह

प्रदेश में आए दिन पैंथर जंगलों से बाहर निकलकर आबादी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. इसको लेकर राजस्थान वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर का कहना है कि जंगलों में इंसानों के कब्जे होने और आसान शिकार की तलाश में पैंथर जंगलों से बाहर निकलते हैं. यही वजह है जयपुर में आए दिन पैंथर शहरी क्षेत्र में दिखाई देते हैं.

जयपुर खबर , Panther Story
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने पैंथर के शहरी क्षेत्र में दिखाई देने की बताई वजह
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Published : Dec 22, 2019, 7:15 AM IST

जयपुर. प्रदेश में आए दिन पैंथर जंगलों से बाहर निकलकर आबादी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. इसको लेकर राजस्थान वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर का कहना है कि पैंथर के क्षेत्र में इंसान घुस गए हैं. कई जगहों पर अवैध कब्जों के जरिए लोग रहने लगे हैं. जयपुर शहर के आसपास झालाना और नाहरगढ़ के जंगलों में पैंथर रहते हैं. जंगलों के पास अवैध कब्जे होने से पैंथर्स को डिस्टरबेंस होता है. वहीं झालाना में करीब 28 पैंथर और नाहरगढ़ में करीब 5 पैंथर है.

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने पैंथर के शहरी क्षेत्र में दिखाई देने की बताई वजह

तोमर ने कहा कि जंगलों में भी पैंथर्स की भोजन की व्यवस्था की जाती है, लेकिन आसानी से शिकार करने के लिए वह आबादी क्षेत्रों में निकलते हैं. पैंथर को जंगल से बाहर निकलने से रोकने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं. वन विभाग की ओर से झालाना लेपर्ड सफारी में ग्रास लैंड डवलप की गई है, जिससे वन्यजीवों को भोजन मिल सके. जंगल में घास पनपने से वन्यजीवों का भोजन चक्र बना रहेगा और पैंथर्स को भी आसानी से भोजन मिल सकेगा.

पढ़ेंः अलवरः भिवाड़ी में वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ा बदमाश सतवीर

अगर पैंथर आबादी क्षेत्र में आता है तो वह बिना बात किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता. जब तक इंसान वन्यजीव को तंग नहीं करता, तब तक वह अटैक नहीं करता है. पैंथर आबादी क्षेत्र में नजर आए तो उसके साथ मारपीट नहीं करनी चाहिए, बल्कि पैंथर को अकेला छोड़ दें और अपने परिवारजनों को सुरक्षित रखने का प्रयास करें. साथ ही तुरंत वन विभाग को सूचना दें, जिससे विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर उसका रेस्क्यू कर सके. ऐसे वक्त में वन विभाग की टीम अपने सीमित संसाधनों से पूरे प्रयास करती है. दिन में पैंथर बाहर नहीं निकलता, बल्कि रात को ही जंगल से बाहर आता है. दिन में लोगों की ज्यादा भीड़भाड़ होने की वजह से वो नहीं आता है.

जयपुर. प्रदेश में आए दिन पैंथर जंगलों से बाहर निकलकर आबादी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. इसको लेकर राजस्थान वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर का कहना है कि पैंथर के क्षेत्र में इंसान घुस गए हैं. कई जगहों पर अवैध कब्जों के जरिए लोग रहने लगे हैं. जयपुर शहर के आसपास झालाना और नाहरगढ़ के जंगलों में पैंथर रहते हैं. जंगलों के पास अवैध कब्जे होने से पैंथर्स को डिस्टरबेंस होता है. वहीं झालाना में करीब 28 पैंथर और नाहरगढ़ में करीब 5 पैंथर है.

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने पैंथर के शहरी क्षेत्र में दिखाई देने की बताई वजह

तोमर ने कहा कि जंगलों में भी पैंथर्स की भोजन की व्यवस्था की जाती है, लेकिन आसानी से शिकार करने के लिए वह आबादी क्षेत्रों में निकलते हैं. पैंथर को जंगल से बाहर निकलने से रोकने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं. वन विभाग की ओर से झालाना लेपर्ड सफारी में ग्रास लैंड डवलप की गई है, जिससे वन्यजीवों को भोजन मिल सके. जंगल में घास पनपने से वन्यजीवों का भोजन चक्र बना रहेगा और पैंथर्स को भी आसानी से भोजन मिल सकेगा.

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अगर पैंथर आबादी क्षेत्र में आता है तो वह बिना बात किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता. जब तक इंसान वन्यजीव को तंग नहीं करता, तब तक वह अटैक नहीं करता है. पैंथर आबादी क्षेत्र में नजर आए तो उसके साथ मारपीट नहीं करनी चाहिए, बल्कि पैंथर को अकेला छोड़ दें और अपने परिवारजनों को सुरक्षित रखने का प्रयास करें. साथ ही तुरंत वन विभाग को सूचना दें, जिससे विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर उसका रेस्क्यू कर सके. ऐसे वक्त में वन विभाग की टीम अपने सीमित संसाधनों से पूरे प्रयास करती है. दिन में पैंथर बाहर नहीं निकलता, बल्कि रात को ही जंगल से बाहर आता है. दिन में लोगों की ज्यादा भीड़भाड़ होने की वजह से वो नहीं आता है.

Intro:पैंथर के क्षेत्र में घुसे इंसान तो निकलने लगा जंगलों से बाहर
जयपुर
एंकर- प्रदेश में आए दिन पैंथर जंगलों से बाहर निकलकर आबादी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं। जंगल में भोजन व्यवस्था है फिर भी पैंथर आबादी क्षेत्रों में क्यों आ रहे हैं। इसको लेकर राजस्थान वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर से कारण जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि जंगलों में इंसानों के कब्जे होने और आसान शिकार की तलाश में पैंथर जंगलों से बाहर निकलते हैं। यही वजह है जयपुर में आए दिन पैंथर शहरी क्षेत्र में दिखाई देते हैं। पैंथर के क्षेत्र में इंसानी दखल की वजह से पैंथर जंगलों से बाहर निकलने लगे हैं।


Body:राजस्थान वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर ने बताया कि पैंथर के क्षेत्र में इंसान घुस गए हैं। कई जगह पर अवैध कब्जों के जरिए लोग रहने लगे हैं। जयपुर शहर के आसपास झालाना और नाहरगढ़ के जंगलों में पैंथर रहते हैं। जंगलों के पास अवैध कब्जे होने से पैंथर्स को डिस्टरबेंस होता है। झालाना में करीब 28 पैंथर और नाहरगढ़ में करीब 5 पैंथर है। पैंथर्स को जंगल से बाहर निकलने में ज्यादा लाभ मिल रहा है। पैंथर को जंगल के बाहर आबादी क्षेत्रों में खाने के लिए कुत्ते, बकरी, सूअर, गाय भैंस के बच्चे मिल जाते है। यह सभी चीजें मनुष्य के आसपास में उपलब्ध हो जाते हैं। शहर में यह जानवर पैंथर को आसानी से शिकार के लिए मिल जाते हैं। जंगली जानवर का शिकार करने के लिए पैंथर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। जिसमें कई बार फेल भी हो जाते हैं लेकिन आबादी क्षेत्रों में शिकार आसानी से मिल जाता है। इसी तरह रणथंभोर में भी टाइगर जंगलों से बाहर निकलकर मवेशियों का शिकार करते हैं उसकी भी यही वजह है। पैंथर को जंगल से बाहर निकलने से रोकने के लिए आबादी क्षेत्रों में कुत्ते बकरी सूअर और बछड़ों पर रोकथाम जरूरी है। अगर कोई इनका पालन करता है तो अपने घर में सुरक्षित रखें बाहर खुले में ना रखें। ताकि वह पैंथर को उपलब्ध ना हो। उन्होंने कहा कि जंगलों में भी पैंथर्स की भोजन की व्यवस्था की जाती है। लेकिन आसानी से शिकार करने के लिए वह आबादी क्षेत्रों में निकलते हैं।






Conclusion:पैंथर को जंगल से बाहर निकलने से रोकने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। वन विभाग की ओर से झालाना लेपर्ड सफारी में ग्रास लैंड डवलप की गई है ताकि वन्यजीवों को भोजन मिल सके। जंगल में घास पनपने से वन्यजीवों का भोजन चक्र बना रहेगा और पैंथर्स को भी आसानी से भोजन मिल सकेगा। अगर पैंथर आबादी क्षेत्र में आता है तो वह बिना बात किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। जब तक इंसान वन्यजीव को तंग नहीं करता तब तक वह अटैक नहीं करता है। पैंथर आबादी क्षेत्र में नजर आए तो उसके साथ मारपीट नहीं करनी चाहिए बल्कि पैंथर को अकेला छोड़ दें और अपने परिवारजनों को सुरक्षित रखने का प्रयास करे। अकेले में बाहर नही छोड़े। तुरंत वन विभाग को सूचना दें ताकि विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर उसका रेस्क्यू कर सके। ऐसे वक्त में वन विभाग की टीम अपने सीमित संसाधनों से पूरे प्रयास करती है। दिन में पैंथर बाहर नहीं निकलता बल्कि रात को ही जंगल से बाहर आता है। दिन में लोगों की ज्यादा भीड़भाड़ होने की वजह से वह नहीं आता है।

बाईट- अरिंदम तोमर, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, राजस्थान

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