जयपुर. प्रदेश में आए दिन पैंथर जंगलों से बाहर निकलकर आबादी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. इसको लेकर राजस्थान वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर का कहना है कि पैंथर के क्षेत्र में इंसान घुस गए हैं. कई जगहों पर अवैध कब्जों के जरिए लोग रहने लगे हैं. जयपुर शहर के आसपास झालाना और नाहरगढ़ के जंगलों में पैंथर रहते हैं. जंगलों के पास अवैध कब्जे होने से पैंथर्स को डिस्टरबेंस होता है. वहीं झालाना में करीब 28 पैंथर और नाहरगढ़ में करीब 5 पैंथर है.
तोमर ने कहा कि जंगलों में भी पैंथर्स की भोजन की व्यवस्था की जाती है, लेकिन आसानी से शिकार करने के लिए वह आबादी क्षेत्रों में निकलते हैं. पैंथर को जंगल से बाहर निकलने से रोकने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं. वन विभाग की ओर से झालाना लेपर्ड सफारी में ग्रास लैंड डवलप की गई है, जिससे वन्यजीवों को भोजन मिल सके. जंगल में घास पनपने से वन्यजीवों का भोजन चक्र बना रहेगा और पैंथर्स को भी आसानी से भोजन मिल सकेगा.
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अगर पैंथर आबादी क्षेत्र में आता है तो वह बिना बात किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता. जब तक इंसान वन्यजीव को तंग नहीं करता, तब तक वह अटैक नहीं करता है. पैंथर आबादी क्षेत्र में नजर आए तो उसके साथ मारपीट नहीं करनी चाहिए, बल्कि पैंथर को अकेला छोड़ दें और अपने परिवारजनों को सुरक्षित रखने का प्रयास करें. साथ ही तुरंत वन विभाग को सूचना दें, जिससे विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर उसका रेस्क्यू कर सके. ऐसे वक्त में वन विभाग की टीम अपने सीमित संसाधनों से पूरे प्रयास करती है. दिन में पैंथर बाहर नहीं निकलता, बल्कि रात को ही जंगल से बाहर आता है. दिन में लोगों की ज्यादा भीड़भाड़ होने की वजह से वो नहीं आता है.