जयपुर. कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा एक स्वयंसेवी संस्था के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सोमवार दोपहर तक जयपुर पहुंच जाएंगी. उनके इस जयपुर दौरे को पूर्ण रूप से गैर राजनीतिक रखने के लिए पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं को खास निर्देश भी दिए हैं. जिसके कारण कार्यकर्ता अब प्रियंका के स्वागत के लिए एयरपोर्ट नहीं जाएंगे.
लेकिन माना यही जा रहा है कि देर शाम तक अपने तय कार्यक्रम से फारिग होने के बाद प्रियंका गांधी की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात (Priyanka Gandhi Can Meet CM Ashok Gehlot) हो सकती है. इस मुलाकात के पीछे पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस प्रत्याशियों को संभावित खरीद-फरोख्त से दूर रखने के लिहाज से प्रदेश में होने वाली बाड़ेबंदी का अनुमान लगाया जा रहा है.
प्रियंका का राजस्थान में रणथंभौर से लगाव: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर में बाघों की अठखेलियां देखने के लिए अक्सर आती रहती (Priyanka Gandhi Rajasthan Connection) हैं. वे स्वयं और परिजनों के जन्मदिन के अलावा भी कई मौकों पर यहां देखी गई है. सालों पहले से अपने दोनों बच्चों के साथ छुट्टियां बिताने का मौका प्रियंका गांधी नहीं छोड़ती हैं. माना जाता है कि बचपन से ही वन्य जन-जीवन ने प्रियंका को खासा आकर्षित किया है और रणथंभौर टाइगर रिजर्व दिल्ली से करीब होने के कारण उनकी पसंदीदा जगहों में शुमार हो गया है.
दो प्रमुख नेताओं का प्रियंका को साथ: राजस्थान कांग्रेस के दो नेता लंबे समय से प्रियंका गांधी के लिये उत्तर प्रदेश में सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं. जहाजपुर से कांग्रेस के पूर्व विधायक और राजस्थान बीज निगम के अध्यक्ष धीरज गुर्जर यूपी में सह प्रभारी के तौर पर काम संभाल रहे हैं. वे लगातार चुनावी दौरों के बीच सक्रियता के साथ प्रियंका गांधी के साथ नजर आते हैं. उन्हें राजस्थान से दिल्ली बुलाकर राहुल गांधी ने यूपी की राजनीतिक कमान में गांधी परिवार के सहयोगी की भूमिका सौंपी थी.
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इसी तरह से अलवर के रामगढ़ से विधायक साफिया खान के पति जुबेर खान भी करीब तीन साल से पूर्वी यूपी में प्रियंका गांधी के साथ सह प्रभारी के रूप में पार्टी का दिया काम संभाल रहे हैं. प्रियंका गांधी के साथ जुड़े होने के कारण इन नेताओं का राष्ट्रीय स्तर पर और प्रदेश कांग्रेस में भी कद बढ़ गया है.
गहलोत-पायलट प्रकरण में रहा अहम रोल: एक समय जब राजस्थान कांग्रेस के अंदर की आग बगावत के रूप में देश के सामने आई, तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की खाई को पाटने में प्रियंका गांधी ने ही मध्यस्थता की थी. पायलट समेत बागी हुए नेताओं को प्रदेश से पार्टी ने रुखसत करने का मानस बना लिया था. तब प्रियंका गांधी से दिल्ली में कई दौर की मुलाकात के बाद पायलट गुट के नेताओं ने ग्रुप फोटो साझा करके सम्मानजनक वापसी पाई थी.
इसके बाद भी लगातार मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में दोनों गुटों के बीच संतुलन की कवायद के पीछे माना जाता है कि प्रियंका गांधी की अहम भूमिका रही है. इस बार उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रियंका गांधी के साथ कई बार सचिन पायलट नजर आए, जिनके मायने प्रदेश की सियासत के लिहाज से अहम है.