जयपर. इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के दौर में अधिकतर लोग ट्विटर (twitter) का उपयोग करते हैं. राजनेता, अभिनेता, खिलाड़ी और बड़ी नामचीन हस्तियां ट्विटर पर अपने ब्लू टिक के साथ उपस्थित नजर आती हैं. इस ब्लू टिक का क्या अर्थ होता है और यह ब्लू टिक किन लोगों की प्रोफाइल पर लगाया जाता है, इसके बारे में ईटीवी भारत ने साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज से जानकारी हासिल की.
साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि ट्विटर अपनी वेरिफिकेशन पॉलिसी (twitter verification policy) के आधार पर लोगों को उनकी प्रोफाइल पर ब्लू टिक की फैसिलिटी प्रदान करता है. जिससे उस व्यक्ति का अकाउंट ट्विटर की तरफ से वेरिफाइड किया जाता है. यानी ट्विटर की तरफ से वेरिफाइड प्रोफाइल (verified profile) पर ब्लू टिक प्रदर्शित किया जाता है.
पहले पब्लिक होता था ब्लू टिक वेरिफिकेशन
साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि पहले ट्विटर का ब्लू टिक वेरिफिकेशन (twitter blue tick verification) पब्लिक हुआ करता था. इसके लिए जिस भी व्यक्ति को अपनी प्रोफाइल पर ब्लू टिक चाहिए होता था उसे एक फॉर्म भरना पड़ता था. फॉर्म भरने के साथ ही उस व्यक्ति को खुद से संबंधित खबरों के लिंक, सरकार की ओर से जारी आई कार्ड, व्यक्ति विधायक है या सांसद आदि इन तरह की तमाम जानकारियां उपलब्ध करानी होती थी. यह जानकारी उपलब्ध कराने के बाद ट्विटर उस व्यक्ति के अकाउंट को वेरिफाई करता था. हालांकि ट्विटर ने अब इस प्रक्रिया को बंद कर दिया है और अब नए तरीके से व्यक्ति का टि्वटर अकाउंट वेरीफाई किया जाता है.
अब अकाउंट वेरीफाई करने के लिए ट्विटर टीम खुद करती है संपर्क
साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि अब किसी भी व्यक्ति का अकाउंट वेरीफाई (twitter account verification) करने के लिए ट्विटर की टीम खुद ही उस व्यक्ति या उससे संबंधित ऑथराइज्ड व्यक्ति से संपर्क करती है. यदि व्यक्ति किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध रखता है तो उसके कार्यालय से, सांसद और विधायक के कार्यालय से, ऑथराइज्ड व्यक्ति की ओर से ट्विटर की टीम को अकाउंट वेरिफाई करने की रिक्वेस्ट भेजी जाती है. इसके बाद ट्विटर की टीम संबंधित व्यक्ति की आइडेंटिटी को प्रूफ करती है. इसके बाद प्रोफाइल पर ब्लू टिक प्रदान किया जाता है.
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ब्लू टिक पाने के लिए ट्विटर की इन शर्तों का पालन जरूरी
साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि टि्वटर अकाउंट को वेरिफाई करवा कर ब्लू टिक पाने के इच्छुक व्यक्ति को ट्विटर की कुछ शर्तों का पालन करना पड़ता है.
- जिस अकाउंट को ब्लू टिक दिया जा रहा है उसका अकाउंट सिक्योरिटी सेटअप (Account Security Setup) एकदम परफेक्ट होना चाहिए.
- अकाउंट का टू स्टेप वेरिफिकेशन (two step verification)ऑन होना चाहिए.
- अकाउंट का पासवर्ड हर 3 महीने में चेंज होना चाहिए.
- पासवर्ड की लेंथ 10 डिजिट से ज्यादा होनी चाहिए.
- पासवर्ड अल्फा न्यूमैरिक (alpha numeric password) होना चाहिए.
- अकाउंट पर रेगुलर एक्टिविटी होनी चाहिए.
- संबंधित व्यक्ति की ओर से अकाउंट के जरिए किसी भी जाति, धर्म या संप्रदाय को लेकर विवादास्पद टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए.
- अकाउंट का उपयोग किसी देश विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए.
इन तमाम शर्तों का पालन करने पर ही ट्विटर व्यक्ति के अकाउंट को वेरिफाई कर ब्लू टिक देता है. अगर कोई भी व्यक्ति इन शर्तों का उल्लंघन करता है तो ट्विटर ब्लू टिक की सुविधा वापस ले लेता है.
ट्विटर की ओर से 5 कैटेगरी के अकाउंट का किया जाता है वेरिफिकेशन
साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक होने का अर्थ यह है कि यह उस संबंधित का ऑफिशियल (twitter official account) या असली अकाउंट है. ट्विटर की ओर से 5 अलग-अलग कैटेगरी के अकाउंट को वेरिफाई करने के बाद ब्लू टिक प्रदान किया जाता है. जिसमें गवर्नमेंट, ब्यूरोक्रेट्स, पॉलीटिशियंस, जनरलिस्ट और बिजनेसमैन की कैटेगरी शामिल है. व्यक्ति जिस भी कैटेगरी से संबंध रखता है उसी कैटेगरी के तहत ट्विटर की ओर से उसके अकाउंट को वेरिफाई कर ब्लू टिक प्रदान किया जाता है.
सेंट्रल गवर्नमेंट के विभिन्न डिपार्टमेंट और मिनिस्ट्री के साथ ट्विटर की ओर से डायरेक्ट टाईअप किया जाता है. अगर स्टेट गवर्नमेंट में भी उनकी कोई यूनिट स्थापित है तो उससे संबंधित अकाउंट को वेरिफाई कर ब्लू टिक प्रदान किया जाता है.