जयपुर. प्रदेश में सभी 49 निकायों में निकाय प्रमुख चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं. परिणाम बता रहे हैं कि सत्तारूढ़ कांग्रेस को एक बार फिर भारी बढ़त मिली है, लेकिन विपक्षी दल भाजपा कांग्रेस की इस बढ़त को पार्षदों की खरीद-फरोख्त का नतीजा बता रहे हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को महाराष्ट्र की तो चिंता है लेकिन राजस्थान में इन निकाय चुनाव में जो नंगा नाच किया गया उसका कोई ध्यान नहीं.
इस दौरान सतीश पूनिया ने 2 दिन पहले मुख्यमंत्री के ऑफिशयल टि्वटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट स्क्रीन शॉट्स भी दिखाया, जिसमें चुनाव परिणाम आने से पहले ही इस निकायों में 30 निकायों में कांग्रेस, 16 में भाजपा और 3 में अन्य की जीत का आकलन किया गया था. पूनिया के अनुसार यह ट्वीट करने के 3 मिनट बाद ही इसे हटा दिया गया. लेकिन ट्वीट में चुनावी परिणाम का आकलन किस आधार पर किया गया था इसका जवाब मुख्यमंत्री ही दे सकते हैं.
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पत्रकारों से बातचीत के दौरान सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि राजस्थान में 56 साल के इतिहास में पहली बार वार्ड पार्षद के चुनाव और निकाय प्रमुख के चुनाव में करीब एक सप्ताह का गेप रखा गया. पूनिया के अनुसार अलवर और रूपवास की घटना है इसका ताजा उदाहरण है कि इस गैप को रखने के पीछे सरकार की मंशा क्या थी. क्योंकि जिस तरह अलवर में सरकार के मंत्री गुंडागर्दी कर पार्षदों को उठा ले गए और रुपवास में बीजेपी की निर्विरोध पालिका अध्यक्ष को जबरन अपने साथ लेकर कांग्रेस में शामिल करवाया वह सबके सामने है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इस चुनाव को पार्षदों की खरीद की मंडी बना कर छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि जबकि बीजेपी ने इन चुनावों में पूरा धैर्य रखा.