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जयपुर : बालिकाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग करने के लिए विशेष अभियान के तहत वेबीनार का आयोजन

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Published : Nov 9, 2020, 10:47 PM IST

प्रदेश की महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए और उन्हें अपने अधिकारों और कानूनों के प्रति सजग करने के लिए राजस्थान पुलिस की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, सोमवार को इस अभियान के तहत एक वेबीनार का आयोजन किया गया.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, Protection of Women and Child Rights
जयपुर में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर आयोजित हुआ वेबीनार

जयपुर. प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर उन्हें अपने अधिकारों और कानूनों के प्रति सजग करने के लिए और महिला अपराधों में कमी लाने के उद्देश्य से राजस्थान पुलिस की ओर से विशेष अभियान आवाज चलाया जा रहा है. पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने सोमवार को महिला और बाल अधिकार संरक्षण और उनके साथ हो रहे अत्याचार की रोकथाम संबंधी जागरूकता के लिए आयोजित वेबीनार में ये जानकारी दी है कि वेबीनार से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल माध्यमों से लगभग 20 लाख व्यक्ति जुड़े हैं.

डीजीपी ने बताया कि राजस्थान पुलिस की ओर से शुरू किए गए इस अभियान के तहत महिलाओं में सुरक्षा संबंधित कानूनी जागरूकता और युवाओं को नारी सम्मान के महत्व को समझाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. महिला अपराध और कानून संबंधित जानकारी के लिए विद्यालयों से संपर्क स्थापित कर ऑनलाइन जागरूकता के लिए भी कार्य किया जा रहा है.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, Protection of Women and Child Rights
महिलाओं और बालिकाओं को बताए जा रहे उनके कानून और अधिकार

इस अभियान के दौरान पुलिस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, एएनएम को सक्रिय कर जन जागरूकता के व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं. जिला कंट्रोल रूम और गरिमा हेल्पलाइन नंबर के प्रचार और थाना स्तरीय महिला और बाल डेस्क के संबंध में आमजन को जानकारी दी जा रही है. पुलिस मित्रों, सूचीबद्ध ग्राम रक्षकों और सीएलजी सदस्यों की इस अभियान में सक्रिय सहभागिता ली जा रही है.

डीजीपी लाठर ने बताया कि प्रदेश में प्रारंभ की गई निर्बाध पंजीकरण की नीति से महिलाएं और कमजोर वर्ग के व्यक्ति सुगमता से अपना परिवाद दर्ज करा सकते हैं. राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप पीड़ितों को न्याय दिलाने को प्राथमिकता देते हुए अनुसंधान की गुणवंता के साथ-साथ त्वरित अनुसंधान पर बल दिया जा रहा है. दुष्कर्म के प्रकरणों में अनुसंधान का औसत समय करीब 278 दिन हुआ करता था, जो अब घटकर 113 दिन रह गया है इसे और कम करने का प्रयास किया जा रहा है.

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पढ़ें- जयपुर: ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम में महापौर का चुनाव कल

आरपीएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डीजीपी का किया अभिनंदन...

आरपीएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पुलिस महानिदेशक से शिष्टाचार भेंट कर अभिनंदन किया. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आईपीएस कैडर राजस्थान पुलिस की रीढ़ है. जिसे मजबूत रहना अति आवश्यक है. सभी अधिकारी अपने अपने पद स्थापित स्थान पर पूरी जिम्मेदारी, लगन और ईमानदारी से कार्य करें. ताकि राजस्थान की जनता को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े और आमजन में पुलिस की छवि अच्छी बनी रहे.

इसके अलावा सभी अधिकारियों का समय पर प्रमोशन होने का भी आश्वासन दिया गया. महानिदेशक ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है. जो पुलिस का परम कर्तव्य है और उसे पूरी ईमानदारी लगन से निभाया जाना चाहिए. इस दौरान आरपीएस अधिकारी रघुवीर सैनी, सुलेश चौधरी, लालचंद कायल, बजरंग सिंह, नरोत्तम लाल वर्मा, समीर दुबे, चंद्रेश गुप्ता, राजवीर सिंह और पुष्पेंद्र सिंह समेत कई आरपीएस अधिकारी मौजूद रहे.

जयपुर. प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर उन्हें अपने अधिकारों और कानूनों के प्रति सजग करने के लिए और महिला अपराधों में कमी लाने के उद्देश्य से राजस्थान पुलिस की ओर से विशेष अभियान आवाज चलाया जा रहा है. पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने सोमवार को महिला और बाल अधिकार संरक्षण और उनके साथ हो रहे अत्याचार की रोकथाम संबंधी जागरूकता के लिए आयोजित वेबीनार में ये जानकारी दी है कि वेबीनार से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल माध्यमों से लगभग 20 लाख व्यक्ति जुड़े हैं.

डीजीपी ने बताया कि राजस्थान पुलिस की ओर से शुरू किए गए इस अभियान के तहत महिलाओं में सुरक्षा संबंधित कानूनी जागरूकता और युवाओं को नारी सम्मान के महत्व को समझाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. महिला अपराध और कानून संबंधित जानकारी के लिए विद्यालयों से संपर्क स्थापित कर ऑनलाइन जागरूकता के लिए भी कार्य किया जा रहा है.

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इस अभियान के दौरान पुलिस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, एएनएम को सक्रिय कर जन जागरूकता के व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं. जिला कंट्रोल रूम और गरिमा हेल्पलाइन नंबर के प्रचार और थाना स्तरीय महिला और बाल डेस्क के संबंध में आमजन को जानकारी दी जा रही है. पुलिस मित्रों, सूचीबद्ध ग्राम रक्षकों और सीएलजी सदस्यों की इस अभियान में सक्रिय सहभागिता ली जा रही है.

डीजीपी लाठर ने बताया कि प्रदेश में प्रारंभ की गई निर्बाध पंजीकरण की नीति से महिलाएं और कमजोर वर्ग के व्यक्ति सुगमता से अपना परिवाद दर्ज करा सकते हैं. राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप पीड़ितों को न्याय दिलाने को प्राथमिकता देते हुए अनुसंधान की गुणवंता के साथ-साथ त्वरित अनुसंधान पर बल दिया जा रहा है. दुष्कर्म के प्रकरणों में अनुसंधान का औसत समय करीब 278 दिन हुआ करता था, जो अब घटकर 113 दिन रह गया है इसे और कम करने का प्रयास किया जा रहा है.

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आरपीएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डीजीपी का किया अभिनंदन...

आरपीएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पुलिस महानिदेशक से शिष्टाचार भेंट कर अभिनंदन किया. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आईपीएस कैडर राजस्थान पुलिस की रीढ़ है. जिसे मजबूत रहना अति आवश्यक है. सभी अधिकारी अपने अपने पद स्थापित स्थान पर पूरी जिम्मेदारी, लगन और ईमानदारी से कार्य करें. ताकि राजस्थान की जनता को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े और आमजन में पुलिस की छवि अच्छी बनी रहे.

इसके अलावा सभी अधिकारियों का समय पर प्रमोशन होने का भी आश्वासन दिया गया. महानिदेशक ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है. जो पुलिस का परम कर्तव्य है और उसे पूरी ईमानदारी लगन से निभाया जाना चाहिए. इस दौरान आरपीएस अधिकारी रघुवीर सैनी, सुलेश चौधरी, लालचंद कायल, बजरंग सिंह, नरोत्तम लाल वर्मा, समीर दुबे, चंद्रेश गुप्ता, राजवीर सिंह और पुष्पेंद्र सिंह समेत कई आरपीएस अधिकारी मौजूद रहे.

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