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जयपुर में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर वेबिनार...बाल श्रम रोकथाम के लिए बनेगी हाई पाॅवर कमेटी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(Chief Minister Ashok Gehlot) ने शनिवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour 2021) पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वेबिनार को संबोधित किए. इस दौरान सीएम ने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम के लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं. अभियानों के साथ-साथ बाल श्रम रोकने के लिए कानूनों की कठोरता से पालना करानी होगी.

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जयपुर में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर वेबिनार
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Published : Jun 12, 2021, 10:50 PM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) शनिवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम के लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन इन अभियानों के साथ-साथ हमें बाल श्रम रोकने के लिए कानूनों की कठोरता से पालना करानी होगी.

ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार अपने बच्चों को बाल श्रम के लिए भेजने को मजबूर नहीं हो. परिवार किसी मजबूरी के कारण अपने 18 वर्ष से कम के बच्चों को काम करने के लिए भेजते हैं, उन परिवारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए प्रयास हो. साथ ही कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण एवं बाल श्रम की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं.

पढ़ें: Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot: ...क्या इस बार पायलट की नाराजगी दूर करके ही गहलोत कर पाएंगे 'ऑल इज वेल'?

इस दिशा में काम कर रहे एनजीओ और स्वयं सेवी संस्थाओं को भी राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फील्ड में जाकर बाल श्रमिकों को छुड़ाने, बाल शोषण और उनकी तस्करी रोकने का कार्य करने वाले एनजीओ को पुलिस संरक्षण मिलना चाहिए. ताकि वे निश्चिंत होकर कार्य कर सकें. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए राज्य सरकार ने विशेष पैकेज जारी किया है. उन्होंने ऐसे बच्चों की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. ताकि उन्हें भी कहीं बाल श्रम में नहीं झोंक दिया जाए.

वेबिनार के मुख्य वक्ता नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि बाल श्रम मानवता और मानव अधिकारों का मुद्दा है. बाल श्रम से एक भी बच्चे का बचपन बर्बाद हो और वह शिक्षा के अधिकार से वंचित हो तो हम सभी को इस विषय में गहराई से सोचने की जरूरत है. बच्चों को बाल श्रम से मुक्त नहीं कराते हैं तो हम उन्हें उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करने के साथ अपनी जिम्मेदारी भी नहीं निभा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: रनवे से फिर फिसला पायलट का 'प्लेन'...सोलंकी का सरकार पर आरोप...विधायकों की हो रही फोन टैपिंग

उन्होंने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम और बाल श्रमिकों के पुनर्वास पर राजस्थान में अच्छे कार्य हुए हैं. उन्होंने बाल श्रमिकों के पुनर्वास पर प्रभावी अमल के लिए उनके संगठन बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री राजेंद्र यादव ने बताया कि बच्चों के पुनर्वास की दिशा में अभिनव पहल करते हुए सभी जिला मुख्यालयों पर गोरा धाय ग्रुप फास्टर केयर का संचालन किया जा रहा है. अनाथ बच्चों के पारिवारिक पुनर्वास के लिए सभी जिलों में विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण एजेंसियां काम कर रही हैं.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) शनिवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम के लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन इन अभियानों के साथ-साथ हमें बाल श्रम रोकने के लिए कानूनों की कठोरता से पालना करानी होगी.

ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार अपने बच्चों को बाल श्रम के लिए भेजने को मजबूर नहीं हो. परिवार किसी मजबूरी के कारण अपने 18 वर्ष से कम के बच्चों को काम करने के लिए भेजते हैं, उन परिवारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए प्रयास हो. साथ ही कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण एवं बाल श्रम की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं.

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इस दिशा में काम कर रहे एनजीओ और स्वयं सेवी संस्थाओं को भी राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फील्ड में जाकर बाल श्रमिकों को छुड़ाने, बाल शोषण और उनकी तस्करी रोकने का कार्य करने वाले एनजीओ को पुलिस संरक्षण मिलना चाहिए. ताकि वे निश्चिंत होकर कार्य कर सकें. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए राज्य सरकार ने विशेष पैकेज जारी किया है. उन्होंने ऐसे बच्चों की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. ताकि उन्हें भी कहीं बाल श्रम में नहीं झोंक दिया जाए.

वेबिनार के मुख्य वक्ता नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि बाल श्रम मानवता और मानव अधिकारों का मुद्दा है. बाल श्रम से एक भी बच्चे का बचपन बर्बाद हो और वह शिक्षा के अधिकार से वंचित हो तो हम सभी को इस विषय में गहराई से सोचने की जरूरत है. बच्चों को बाल श्रम से मुक्त नहीं कराते हैं तो हम उन्हें उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करने के साथ अपनी जिम्मेदारी भी नहीं निभा रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम और बाल श्रमिकों के पुनर्वास पर राजस्थान में अच्छे कार्य हुए हैं. उन्होंने बाल श्रमिकों के पुनर्वास पर प्रभावी अमल के लिए उनके संगठन बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री राजेंद्र यादव ने बताया कि बच्चों के पुनर्वास की दिशा में अभिनव पहल करते हुए सभी जिला मुख्यालयों पर गोरा धाय ग्रुप फास्टर केयर का संचालन किया जा रहा है. अनाथ बच्चों के पारिवारिक पुनर्वास के लिए सभी जिलों में विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण एजेंसियां काम कर रही हैं.

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