जयपुर. गोविंद गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा की ओर से शनिवार को 'आधुनिक भारत के निर्माण में राजीव गांधी का योगदान' विषय पर वेबिनार आयोजित हुई. इस बेबीनार के मुख्य अतिथि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि राजीव गांधी ने पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने और सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए कार्य किया. लोकतंत्र की पहुंच गांव तक हुई है.
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आज भारत में ग्राम पंचायत स्तर पर जन सहभागिता बड़ी है और महिलाओं की भागीदारी भी हुई. राजीव गांधी की सोच का ही परिणाम था कि मतदान के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की गई. उन्होंने कहा कि देश को सूचना तकनीक से जोड़कर आधुनिक भारत के निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी का महत्वपूर्ण योगदान रहा. नई योजनाओं को लागू कर नवाचार करते हुए उन्होंने देश को आगे बढ़ाया. उनके कार्य सदैव प्रेरणादायी रहे और हमें मार्गदर्शन देते रहेंगे.
जनजातीय विकास मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि राजीव गांधी ने गांव-गांव में पीसीओ खुलवाए, जिसका रूप बदलकर आज हर व्यक्ति के हाथ में मोबाइल पहुंच चुका है. यह सब दूरसंचार क्रांति की ही देन है. उनके द्वारा स्थापित नवोदय आवासीय विद्यालय में गांव के विद्यार्थी पढ़कर अपना भविष्य संवार रहे हैं.
कुलपति प्रो.आईवी त्रिवेदी ने कहा कि राजीव गांधी ने दूरसंचार क्रांति, कंप्यूटरीकरण, वोटिंग एज में परिवर्तन, पंचायती राज में सुधार, शिक्षा नीति 1986 आदि सौगातें इस देश को दी है. उन्होंने विषम परिस्थितियों में देश के छठवें प्रधानमंत्री के रूप में बागडोर संभाली और भारत को आधुनिक बनाने के लिए विभिन्न कार्य किए. उनकी जीवनी पढ़कर युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए.
प्रोफेसर आरएस राय ने बताया कि राजीव गांधी मात्र 40 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने जो अभी तक के सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं. विद्यालयों में शिक्षा का स्तर एवं पंजीकरण बढ़ाने के लिए मिड डे मील जैसी योजना प्रारंभ की. एमटीएनएल जैसी कंपनियों की स्थापना की. वे युवाओं के रोल मॉडल थे और टीम वर्क के रूप में कार्य करते थे. राय ने कहा की राजीव गांधी ने 80 के दशक में ही देश में इम्यूनाइजेशन पर जोर दिया.