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Weather Forecast Rajasthan : जुलाई में 11 सालों में सबसे अधिक बारिश, फिर मानसून पकड़ेगा रफ्तार...15 अगस्त तक जमकर बरसेंगे मेघ

प्रदेश में मानसून की इस बार खास मेहरबानी रही है. इसी के चलते जुलाई में प्रदेश मे बारिश का 11 साल पुराना रिकॉर्ड टूट (Record raining in July) गया. जुलाई में प्रदेश में 266 एमएम बारिश दर्ज की गई. अब मौसम विभाग ने गुरुवार से फिर से मानसून के रफ्तार पकड़ने का पूर्वानुमान जताया है. ये दौर 15 अगस्त तक बरकरार रहने के आसार हैं.

Weather forecast Rajasthan: Record rain in July, Monsoon reactive from 4th August in Rajasthan
जुलाई में 11 सालों में सबसे अधिक बारिश, गुरुवार से फिर मानसून पकड़ेगा रफ्तार, 15 अगस्त तक जमकर बरसेंगे मेघ
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Published : Aug 1, 2022, 6:34 PM IST

जयपुर. लंबे समय बाद प्रदेश में मानसून पूरी तरह मेहरबान है. प्रदेश में जुलाई में बारिश का 11 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. जुलाई में सबसे अधिक 266 एमएम बारिश दर्ज की गई है. जुलाई महीने में झमाझम बारिश से बांधों में भी पानी की आवक का सिलसिला जारी है. गुरुवार से फिर से मानसून को प्रदेश में गति मिलेगी और 15 अगस्त तक मेघ जमकर (Monsoon rain forecast in Rajasthan) बरसेंगे.

जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, पाली, जालौर में सबसे ज्यादा बारिश हुई है. श्रीगंगानगर और जोधपुर में बाढ़ से बचाव के लिए सेना और आपदा प्रबंधन टीमों को मोर्चा संभालना पड़ा. मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई महीने में 11 साल में सबसे अधिक 266 एमएम बारिश दर्ज हुई. हालांकि तीन से चार दिन प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा. जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक बुधवार तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की गतिविधियों में कमी होने की संभावना है. इस दौरान उत्तरी भाग को छोड़कर शेष भाग में केवल छिटपुट स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई गई है. इसके साथ ही तापमान में 3 से 5 डिग्री तक बढ़ोतरी होने की संभावना है.

पढ़ें: Heavy Rainfall in Bhilwara: पानी में फंसी बस, तीन मंजिला मकान गिरा...मलबे में दबी महिला को रेस्क्यू कर निकाला

अधिकतम तापमान: प्रदेश में अधिकतम तापमान की बात की जाए तो अजमेर में 30.4 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 31.4 डिग्री सेल्सियस, वनस्थली में 31.5 डिग्री सेल्सियस, अलवर में 33.8 डिग्री सेल्सियस, जयपुर में 30.8 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 33.9 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 32.5 डिग्री सेल्सियस, कोटा में 32.9 डिग्री सेल्सियस, बूंदी में 34.8 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 32 डिग्री सेल्सियस, डबोक में 30.2 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 31.3 डिग्री सेल्सियस, पाली में 31.6 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में 35.5 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है.

वहीं जोधपुर में 32.4 डिग्री सेल्सियस, फलौदी में 35.2 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 35.8 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 35.9 डिग्री सेल्सियस, श्रीगंगानगर में 34.4 डिग्री सेल्सियस, धौलपुर में 35.1 डिग्री सेल्सियस, नागौर में 32.2 डिग्री सेल्सियस, टोंक में 32 डिग्री सेल्सियस, बारां में 33 डिग्री सेल्सियस, डूंगरपुर में 31.5 डिग्री सेल्सियस, हनुमानगढ़ में 34.3 डिग्री सेल्सियस, जालौर में 31.3 डिग्री सेल्सियस, सिरोही में 31.5 डिग्री सेल्सियस, सवाई माधोपुर में 31.3 डिग्री सेल्सियस, करौली में 34.2 डिग्री सेल्सियस, बांसवाड़ा में 33.2 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है.

पढ़ें: Flood Like Situation in Kota : मानसून की झमाझम से हाड़ौती के 38 डैम हुए लबालब, बड़े बांधों से गेट खोलकर हो रही पानी की निकासी...

मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को जयपुर, अजमेर, झुंझुनू, चूरू, सीकर, नागौर, सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां समेत अन्य जगहों पर बारिश होने की संभावना जताई गई है. कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन और आकाशीय बिजली के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, नागौर, जोधपुर जिले में इस बार हुई बारिश ने पूरे मानसून सीजन का कोटा पूरा कर दिया है. अब तक प्रदेश में 66 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है. गुरुवार के बाद से मानसून का तीसरा दौर प्रभावी रहने के आसार हैं. 15 अगस्त तक पूरी तरह से पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में परवान पर रहेगा.

बीसलपुर बांध में आया दो सेंटीमीटर पानी: जयपुर समेत अन्य तीन जिलों की एक करोड़ से अधिक आबादी के लिए पेयजल की आपूर्ति वाले बीसलपुर बांध में फिलहाल पानी की आवक का बेसब्री से इंतजार है. बीसलपुर बांध परियोजना के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि बांध अब तक पांच बार ओवरफ्लो हुआ है. वर्ष 2004 में पहली बार बांध ओवरफ्लो हुआ. इसके बाद 2006, 2014, 2016 और साल 2019 में ओवरफ्लो हुआ. फिलहाल कैचमेंट एरिया टोंक, केकड़ी, चित्तौड़ सहित अन्य जगहों पर बारिश नहीं होने से त्रिवेणी में पानी की आवाजाही नहीं शुरू हुई. इसके साथ ही बीते 24 घंटे में बांध में महज दो सेंटीमीटर पानी की आवक हुई. सोमवार सुबह का जलस्तर 310.56 आरएल मीटर दर्ज किया गया.

पढ़ें: जोधपुर-जैसलमेर रेल खंड पर रेल यातायात बहाल... बारिश से पटरियों के नीचे की बह गई थी मिट्टी

जोधपुर में बारिश के बाद की परेशानी, व्यापारियों ने ढोल बजाकर जताया विरोध: जोधपुर शहर में गत माह हुई बारिश के बाद हालात अभी तक नहीं सुधरे हैं.खासकर भीतरी शहर जहां सर्वाधिक पानी बहा था, वहां जगह-जगह पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं. वजह है नालियों की सफाई समय पर नहीं होना और घटिया निर्माण जिसके चलते सड़कों पर जगह-जगह पर गड्ढे होने से गंदा पानी जमा होने से आमजन परेशान है. व्यापारियों का कहना है कि निगम की लचर कार्यशैली के चलत ऐसे हालात बने हैं. हमारी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है. इसलिए हमने सोमवार को ढोल बजाकर अपना विरोध जताया जिससे कोई हमारी परेशानी सुन ले.

Protest in Jodhpur
जोधपुर में व्यापारियों ने ढोल बजाकर जताया विरोध...

व्यापारी श्यामलाल ने बताया कि हमने विधायक व महापौर प्रतिपक्ष नेता सभी को फोन लगाए, लेकिन किसी के पास यहां आने के लिए समय नहीं है. इनकी वजह से जो हालात बने हैं, उससे हमारा व्यापार प्रभावित हो रहा है. खरीददार गंदगी के चलते नहीं आ रहे हैं. निवासी आंनदराज ने बताया कि बाजार के साथ जुड़ी गलियों में अभी तक पानी जमा है. सीवरेज लाइन भर जाने से नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है. ऐसे ही हालात रहे तो बीमारियां भी फैलेंगी. गौरतलब है कि 26 से 28 जुलाई तक हुई बारिश से शहर के बाहरी इलाकों में भी कई कॉलोनियां में जलभराव की स्थिति बनी, जो अभी भी जस की तस है.

जयपुर. लंबे समय बाद प्रदेश में मानसून पूरी तरह मेहरबान है. प्रदेश में जुलाई में बारिश का 11 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है. जुलाई में सबसे अधिक 266 एमएम बारिश दर्ज की गई है. जुलाई महीने में झमाझम बारिश से बांधों में भी पानी की आवक का सिलसिला जारी है. गुरुवार से फिर से मानसून को प्रदेश में गति मिलेगी और 15 अगस्त तक मेघ जमकर (Monsoon rain forecast in Rajasthan) बरसेंगे.

जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, पाली, जालौर में सबसे ज्यादा बारिश हुई है. श्रीगंगानगर और जोधपुर में बाढ़ से बचाव के लिए सेना और आपदा प्रबंधन टीमों को मोर्चा संभालना पड़ा. मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई महीने में 11 साल में सबसे अधिक 266 एमएम बारिश दर्ज हुई. हालांकि तीन से चार दिन प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा. जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक बुधवार तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की गतिविधियों में कमी होने की संभावना है. इस दौरान उत्तरी भाग को छोड़कर शेष भाग में केवल छिटपुट स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई गई है. इसके साथ ही तापमान में 3 से 5 डिग्री तक बढ़ोतरी होने की संभावना है.

पढ़ें: Heavy Rainfall in Bhilwara: पानी में फंसी बस, तीन मंजिला मकान गिरा...मलबे में दबी महिला को रेस्क्यू कर निकाला

अधिकतम तापमान: प्रदेश में अधिकतम तापमान की बात की जाए तो अजमेर में 30.4 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 31.4 डिग्री सेल्सियस, वनस्थली में 31.5 डिग्री सेल्सियस, अलवर में 33.8 डिग्री सेल्सियस, जयपुर में 30.8 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 33.9 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 32.5 डिग्री सेल्सियस, कोटा में 32.9 डिग्री सेल्सियस, बूंदी में 34.8 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 32 डिग्री सेल्सियस, डबोक में 30.2 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 31.3 डिग्री सेल्सियस, पाली में 31.6 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में 35.5 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है.

वहीं जोधपुर में 32.4 डिग्री सेल्सियस, फलौदी में 35.2 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 35.8 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 35.9 डिग्री सेल्सियस, श्रीगंगानगर में 34.4 डिग्री सेल्सियस, धौलपुर में 35.1 डिग्री सेल्सियस, नागौर में 32.2 डिग्री सेल्सियस, टोंक में 32 डिग्री सेल्सियस, बारां में 33 डिग्री सेल्सियस, डूंगरपुर में 31.5 डिग्री सेल्सियस, हनुमानगढ़ में 34.3 डिग्री सेल्सियस, जालौर में 31.3 डिग्री सेल्सियस, सिरोही में 31.5 डिग्री सेल्सियस, सवाई माधोपुर में 31.3 डिग्री सेल्सियस, करौली में 34.2 डिग्री सेल्सियस, बांसवाड़ा में 33.2 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है.

पढ़ें: Flood Like Situation in Kota : मानसून की झमाझम से हाड़ौती के 38 डैम हुए लबालब, बड़े बांधों से गेट खोलकर हो रही पानी की निकासी...

मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को जयपुर, अजमेर, झुंझुनू, चूरू, सीकर, नागौर, सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां समेत अन्य जगहों पर बारिश होने की संभावना जताई गई है. कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन और आकाशीय बिजली के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, नागौर, जोधपुर जिले में इस बार हुई बारिश ने पूरे मानसून सीजन का कोटा पूरा कर दिया है. अब तक प्रदेश में 66 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है. गुरुवार के बाद से मानसून का तीसरा दौर प्रभावी रहने के आसार हैं. 15 अगस्त तक पूरी तरह से पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में परवान पर रहेगा.

बीसलपुर बांध में आया दो सेंटीमीटर पानी: जयपुर समेत अन्य तीन जिलों की एक करोड़ से अधिक आबादी के लिए पेयजल की आपूर्ति वाले बीसलपुर बांध में फिलहाल पानी की आवक का बेसब्री से इंतजार है. बीसलपुर बांध परियोजना के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि बांध अब तक पांच बार ओवरफ्लो हुआ है. वर्ष 2004 में पहली बार बांध ओवरफ्लो हुआ. इसके बाद 2006, 2014, 2016 और साल 2019 में ओवरफ्लो हुआ. फिलहाल कैचमेंट एरिया टोंक, केकड़ी, चित्तौड़ सहित अन्य जगहों पर बारिश नहीं होने से त्रिवेणी में पानी की आवाजाही नहीं शुरू हुई. इसके साथ ही बीते 24 घंटे में बांध में महज दो सेंटीमीटर पानी की आवक हुई. सोमवार सुबह का जलस्तर 310.56 आरएल मीटर दर्ज किया गया.

पढ़ें: जोधपुर-जैसलमेर रेल खंड पर रेल यातायात बहाल... बारिश से पटरियों के नीचे की बह गई थी मिट्टी

जोधपुर में बारिश के बाद की परेशानी, व्यापारियों ने ढोल बजाकर जताया विरोध: जोधपुर शहर में गत माह हुई बारिश के बाद हालात अभी तक नहीं सुधरे हैं.खासकर भीतरी शहर जहां सर्वाधिक पानी बहा था, वहां जगह-जगह पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं. वजह है नालियों की सफाई समय पर नहीं होना और घटिया निर्माण जिसके चलते सड़कों पर जगह-जगह पर गड्ढे होने से गंदा पानी जमा होने से आमजन परेशान है. व्यापारियों का कहना है कि निगम की लचर कार्यशैली के चलत ऐसे हालात बने हैं. हमारी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है. इसलिए हमने सोमवार को ढोल बजाकर अपना विरोध जताया जिससे कोई हमारी परेशानी सुन ले.

Protest in Jodhpur
जोधपुर में व्यापारियों ने ढोल बजाकर जताया विरोध...

व्यापारी श्यामलाल ने बताया कि हमने विधायक व महापौर प्रतिपक्ष नेता सभी को फोन लगाए, लेकिन किसी के पास यहां आने के लिए समय नहीं है. इनकी वजह से जो हालात बने हैं, उससे हमारा व्यापार प्रभावित हो रहा है. खरीददार गंदगी के चलते नहीं आ रहे हैं. निवासी आंनदराज ने बताया कि बाजार के साथ जुड़ी गलियों में अभी तक पानी जमा है. सीवरेज लाइन भर जाने से नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है. ऐसे ही हालात रहे तो बीमारियां भी फैलेंगी. गौरतलब है कि 26 से 28 जुलाई तक हुई बारिश से शहर के बाहरी इलाकों में भी कई कॉलोनियां में जलभराव की स्थिति बनी, जो अभी भी जस की तस है.

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