जयपुर. राजस्थान में गर्मी के साथ ही पानी की किल्लत भी शुरू हो जाती है. प्रदेश में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां (Water crisis in Rajasthan) पर पानी के लिए त्राहि-त्राहि होती है. लोगों को पानी पीने के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ता है. ऐसे में पानी की किल्लत को देखते हुए रेलवे ने एक सराहनीय पहल शुरू की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की पहल पर मरुप्रदेश में जलापूर्ति के लिए रेलवे ने वाटर स्पेशल ट्रेन का संचालन किया. वाटर स्पेशल ट्रेन की 100वीं ट्रिप के संचालन के साथ ही 20 करोड़ लीटर पेयजल आपूर्ति की जा चुकी है. भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से पाली तक करीब 70 किलोमीटर की दूरी के लिए वाटर स्पेशल ट्रेन संचालित की जा रही है.
राजस्थान का पाली जिला पिछले कई दशकों से पानी की समस्या से जूझ रहा है. पाली में पानी का स्तर भूमि में काफी नीचे है. कई स्थानों पर बिल्कुल पानी खत्म हो गया है. पाली जिले में पानी के संकट को देखते हुए वाटर स्पेशल ट्रेन का संचालन किया गया. रेल मंत्री की पहल पर रेलवे बोर्ड ने वाटर स्पेशल ट्रेन (Water Special Train In Rajasthan) को मंजूरी दी गई. पेयजल की किल्लत वाले क्षेत्रों के लिए पानी पहुंचाने का कार्य किया गया है. पानी की समस्या खत्म होने तक इसी तरह वाटर स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी.
पानी की आपूर्ति चुनौतिपूर्ण: उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण के मुताबिक पाली जिले में लोगों को पानी के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. औद्योगिक इकाइयों के सामने भी जल संकट उत्पन्न हो जाता है. पश्चिम राजस्थान में इस वर्ष 45 डिग्री से अधिक तापमान होने के कारण पानी की किल्लत अप्रैल से ही होने लग गई थी. इस तपती गर्मी में पानी की समस्या ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया था. प्रदेश में मानसून का आगमन जून महीने के अंत में होता है. तब तक क्षेत्र में पानी की आपूर्ति करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है.
परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उत्तर-पश्चिम रेलवे ने अपनी ओर से उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करके जल परिवहन के लिए वाटर स्पेशल ट्रेन का संचालन किया. ताकि पेयजल की समस्या के कारण लोगों को पलायन नहीं करना पड़े और लोगों का जीवन यापन सामान्य तरीके से हो सके. राजस्थान के किसी भी क्षेत्र में पेयजल की समस्या होने पर रेलवे ने आगे बढ़कर उन क्षेत्रों के लिए पानी की आपूर्ति में सहयोग किया है. इसी कड़ी में इस वर्ष पश्चिम राजस्थान के पाली जिले में पेयजल का संकट उत्पन्न होने की स्थिति में रेलवे की ओर से जोधपुर के उपनगरीय स्टेशन भगत की कोठी से वाटर स्पेशल ट्रेन का संचालन किया जा रहा है.
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एक फेरे में 20 लाख लीटर पानी का परिवहन : मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के मुताबिक वर्तमान में रेलवे की ओर से भगत की कोठी से पाली 70 किलोमीटर दूरी के लिए वाटर स्पेशल ट्रेन के 2 रैक उपलब्ध करवाए हैं. प्रतिदिन औसतन 3 फेरे लग रहे हैं जिनमें प्रत्येक फेरे में 20 लाख लीटर पानी का परिवहन किया जा रहा है. वाटर ट्रेन के संचालन के लिए राज्य सरकार की ओर से रेलवे को 3.24 लाख रुपए प्रति फेरा राजस्व दिया गया है. भगत की कोठी स्टेशन पर हाइड्रेट की रिपेयर संबंधित कार्य पीएचईडी की ओर से किया गया. इसके साथ ही पानी भरने की क्षमता को 34 वैगन से 40 वैगन तक बढ़ाने का कार्य किया गया है.
पहले भी किया गया था वाटर स्पेशल ट्रेन का संचालन : अभी तक भगत की कोठी से पाली के लिए 4 बार वाटर ट्रेन का संचालन किया गया है. पाली में पेयजल की समस्या उत्पन्न होने पर जोधपुर से पाली के लिए सबसे पहले 2005 में वाटर ट्रेन का संचालन किया गया था. वर्ष 2022 में रेलवे की ओर से पाली के लिए लगभग 20 करोड़ लीटर पेयजल परिवहन किया गया है. रेलवे ने इससे पहले भी पानी की समस्या होने पर नसीराबाद से भीलवाड़ा के लिए वाटर ट्रेन का संचालन किया था.