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जलदाय मंत्री बीडी कल्ला का दावा, गर्मियों में पानी की नहीं होगी समस्या - जयपुर में पानी की समस्या

जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने दावा किया है कि इस बार गर्मियों में पानी की समस्या से राजस्थान और जयपुर को दो-चार नहीं होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि गर्मियों में पानी की किल्लत नहीं हो इसलिए फरवरी महीने में ही हर जिले के लिए कंटीन्जेसी प्लान के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर 50- 50 लाख रुपए मंजूर किए गए थे.

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जलदाय मंत्री बीडी कल्ला का दावा, गर्मियों में पानी की नहीं आएगी कोई समस्या
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Published : May 24, 2021, 10:05 PM IST

जयपुर. राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है जहां रेगिस्तान अधिक होने के कारण गर्मियों में पानी की किल्लत हमेशा बनी रहती है. सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में पानी की खपत भी ज्यादा होती है. जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. राजधानी जयपुर की बात की जाए तो पानी साप्लाई पूरी तरह से बीसलपुर बांध पर निर्भर है. हालांकि सरकार की ओर से गर्मियों में पानी की व्यवस्था के लिए अलग से इंतजाम किए जाते हैं और वह नाकाफी रहते हैं. जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने दावा किया है कि गर्मियों में पानी को लेकर कोई समस्या नहीं आएगी.

पढे़ं: गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी के आगे झुकी वेदांता ग्रुप की कंपनी, इन मांगों पर बनी सहमति...

जयपुर में बीसलपुर बांध से पानी सप्लाई किया जा रहा है लेकिन यह पानी नाकाफी है. जयपुर शहर के जो इलाके बीसलपुर सप्लाई से जुड़े हुए नहीं है वहां ट्यूबवेलों और टैंकरों से पानी सप्लाई किया जाता है. सबसे बड़ी समस्या बजट को लेकर भी सामने आती है जो योजनाएं बनाई जाती है उनके लिए बजट समय पर नहीं आता. इसके कारण योजनाए ठंडे बस्ते में चली जाती है और लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाता.

जलदाय मंत्री बीडी कल्ला का दावा

बीडी कल्ला ने कहा कि गर्मियों में पानी की किल्लत नहीं हो इसलिए फरवरी महीने में ही हर जिले के लिए कंटीन्जेसी प्लान के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर 50- 50 लाख रुपए मंजूर किए गए थे. अधीक्षण अभियंता और अतिरिक्त मुख्य अभियंता को कलेक्टर के साथ बैठक कर इस कंटीन्जेसी प्लान में मंजूर किए गए बजट का उपयोग करना है. ताकि आम जनता को राहत मिल सके. इस कंटीन्जेसी प्लान के तहत हैंडपंपों की मरम्मत करना, सूखे हुए ट्यूबवेल को वापस रिवाइव करना, नलों की मरम्मत करना, शहर के जिन टेल एन्ड के इलाकों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. वहां टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाना कंटीन्जेसी प्लान में तय किए गए.

बीडी कल्ला ने कहा कि यदि किसी जिले में 50 लाख रुपए के अतिरिक्त भी बजट की आवश्यकता होगी तो राज्य सरकार की ओर से और बजट जिलों को उपलब्ध कराए जाएंगे. प्रत्येक जिला स्तर पर कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं. जहां शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की शिकायतें दर्ज होती हैं और उनका समाधान भी किया जाता है. ताकि गर्मियों में आम जनता को पानी को लेकर किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री कार्यालय में भी एक कंट्रोल रूम बनाया हुआ है. जहां पानी से संबंधित कोई शिकायत आती है तो जलदाय विभाग के कर्मचारी उस पर तुरंत एक्शन लेते हैं और समस्या का समाधान करते हैं.

राज्य स्तर का भी एक कंट्रोल रूम बनाया हुआ है. बीडी कल्ला ने कहा कि प्रत्येक दिन अतिरिक्त मुख्य अभियंता अपने संबंधित जिलों के अधिकारियों से सुबह 11 से दोपहर 1 बजे के बीच बात करके पानी से संबंधित समस्याओं की जानकारी लेते हैं और उनका समाधान करते हैं. इसकी रिपोर्ट मुख्य अभियंता शहरी और मुख्य अभियंता ग्रामीण को भेजी जाती है. बीडी कल्ला ने कहा कि ज्यादा गंभीर समस्या आती हैं तो वह मुझ तक भी पहुंचती है और उसका समाधान भी किया जाता है.

वस्तुओं की बिक्री, निर्माण, पैकिंग की जानकारी हिंदी, अंग्रेजी दोनों भाषा में देना जरूरी

वस्तुओं की बिक्री, निर्माण, पैकिंग और आयातक के बारे में जानकारी देने के लिए लेबलिंग और घोषणा जैसी शर्त की पालना निर्माता, पैकर एवं आयातक के द्वारा किया जाना जरूरी होता है. यह घोषणा हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में होनी चाहिए. यह सभी प्रावधान लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009 (एलएम एक्ट) और लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) रूल्स, 2011 (पीसी रूल्स) में किए गए हैं. जिससे उपभोक्ता के हितों की रक्षा की जाती है.

कोरोना जागरूकता रैली

कोविड-19 की दूसरी लहर से बचाव के लिए आमजन को जागरूक करने एवं सभी पात्र लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने के लिए जिला प्रशासन जयपुर द्वारा जनजागरूकता एवं 'डोर टू डोर' सर्वे अभियान जारी है. सोमवार को जयपुर नगर निगम क्षेत्र के 4 सीबीईओ कार्यालय के निर्देशन में 56 कलस्टर प्रभारियों एवं 461 एंटी कोविड टीमों ने शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर घर-घर सर्वे किया एवं कोविड से बचाव के उपायों का प्रचार-प्रसार किया. पूरे शहर में कई जगह मोटरसाइकिल रैली भी निकाली गई.

जयपुर. राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है जहां रेगिस्तान अधिक होने के कारण गर्मियों में पानी की किल्लत हमेशा बनी रहती है. सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में पानी की खपत भी ज्यादा होती है. जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. राजधानी जयपुर की बात की जाए तो पानी साप्लाई पूरी तरह से बीसलपुर बांध पर निर्भर है. हालांकि सरकार की ओर से गर्मियों में पानी की व्यवस्था के लिए अलग से इंतजाम किए जाते हैं और वह नाकाफी रहते हैं. जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने दावा किया है कि गर्मियों में पानी को लेकर कोई समस्या नहीं आएगी.

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जयपुर में बीसलपुर बांध से पानी सप्लाई किया जा रहा है लेकिन यह पानी नाकाफी है. जयपुर शहर के जो इलाके बीसलपुर सप्लाई से जुड़े हुए नहीं है वहां ट्यूबवेलों और टैंकरों से पानी सप्लाई किया जाता है. सबसे बड़ी समस्या बजट को लेकर भी सामने आती है जो योजनाएं बनाई जाती है उनके लिए बजट समय पर नहीं आता. इसके कारण योजनाए ठंडे बस्ते में चली जाती है और लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाता.

जलदाय मंत्री बीडी कल्ला का दावा

बीडी कल्ला ने कहा कि गर्मियों में पानी की किल्लत नहीं हो इसलिए फरवरी महीने में ही हर जिले के लिए कंटीन्जेसी प्लान के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर 50- 50 लाख रुपए मंजूर किए गए थे. अधीक्षण अभियंता और अतिरिक्त मुख्य अभियंता को कलेक्टर के साथ बैठक कर इस कंटीन्जेसी प्लान में मंजूर किए गए बजट का उपयोग करना है. ताकि आम जनता को राहत मिल सके. इस कंटीन्जेसी प्लान के तहत हैंडपंपों की मरम्मत करना, सूखे हुए ट्यूबवेल को वापस रिवाइव करना, नलों की मरम्मत करना, शहर के जिन टेल एन्ड के इलाकों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. वहां टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाना कंटीन्जेसी प्लान में तय किए गए.

बीडी कल्ला ने कहा कि यदि किसी जिले में 50 लाख रुपए के अतिरिक्त भी बजट की आवश्यकता होगी तो राज्य सरकार की ओर से और बजट जिलों को उपलब्ध कराए जाएंगे. प्रत्येक जिला स्तर पर कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं. जहां शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की शिकायतें दर्ज होती हैं और उनका समाधान भी किया जाता है. ताकि गर्मियों में आम जनता को पानी को लेकर किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री कार्यालय में भी एक कंट्रोल रूम बनाया हुआ है. जहां पानी से संबंधित कोई शिकायत आती है तो जलदाय विभाग के कर्मचारी उस पर तुरंत एक्शन लेते हैं और समस्या का समाधान करते हैं.

राज्य स्तर का भी एक कंट्रोल रूम बनाया हुआ है. बीडी कल्ला ने कहा कि प्रत्येक दिन अतिरिक्त मुख्य अभियंता अपने संबंधित जिलों के अधिकारियों से सुबह 11 से दोपहर 1 बजे के बीच बात करके पानी से संबंधित समस्याओं की जानकारी लेते हैं और उनका समाधान करते हैं. इसकी रिपोर्ट मुख्य अभियंता शहरी और मुख्य अभियंता ग्रामीण को भेजी जाती है. बीडी कल्ला ने कहा कि ज्यादा गंभीर समस्या आती हैं तो वह मुझ तक भी पहुंचती है और उसका समाधान भी किया जाता है.

वस्तुओं की बिक्री, निर्माण, पैकिंग की जानकारी हिंदी, अंग्रेजी दोनों भाषा में देना जरूरी

वस्तुओं की बिक्री, निर्माण, पैकिंग और आयातक के बारे में जानकारी देने के लिए लेबलिंग और घोषणा जैसी शर्त की पालना निर्माता, पैकर एवं आयातक के द्वारा किया जाना जरूरी होता है. यह घोषणा हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में होनी चाहिए. यह सभी प्रावधान लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009 (एलएम एक्ट) और लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) रूल्स, 2011 (पीसी रूल्स) में किए गए हैं. जिससे उपभोक्ता के हितों की रक्षा की जाती है.

कोरोना जागरूकता रैली

कोविड-19 की दूसरी लहर से बचाव के लिए आमजन को जागरूक करने एवं सभी पात्र लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने के लिए जिला प्रशासन जयपुर द्वारा जनजागरूकता एवं 'डोर टू डोर' सर्वे अभियान जारी है. सोमवार को जयपुर नगर निगम क्षेत्र के 4 सीबीईओ कार्यालय के निर्देशन में 56 कलस्टर प्रभारियों एवं 461 एंटी कोविड टीमों ने शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर घर-घर सर्वे किया एवं कोविड से बचाव के उपायों का प्रचार-प्रसार किया. पूरे शहर में कई जगह मोटरसाइकिल रैली भी निकाली गई.

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