जयपुर. जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने गर्मियों के मौसम में प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता के लिए पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में आकस्मिक कार्यों के लिए 50-50 लाख रुपये की राशि खर्च करने की स्वीकृति दी है. इसके तहत जिला कलक्टरों की अनुशंसा पर सम्बंधित क्षेत्र के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अपने अधीन आने वाले जिलों में 50 लाख रुपये तक की सीमा में पेयजल व्यवस्था से सम्बंधित आवश्यक कार्य करा सकेंगे. साथ ही पेयजल व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए अतरिक्त वाहनों की भी स्वीकृति दी गई है.
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जलदाय मंत्री ने इस सम्बंध में स्वीकृति देने के बाद विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने गर्मियों और इंदिरा गांधी कैनाल परियोजना क्षेत्र के 9 जिलों में मार्च माह में प्रस्तावित नहरबंदी के सम्बंध में सभी जिला कलक्टरों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं. इनमें कलक्टरों को अपने-अपने जिलों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 50 लाख रुपये की सीमा में आकस्मिक पेयजल व्यवस्थाओं के कार्य चिन्हित कर उनकी सूची का अनुमोदन करने को कहा गया है. जिला कलक्टरों द्वारा इन कार्यों को अनुमोदन के बाद सम्बंधित अतिरिक्त मुख्य अभियंता इस सम्बंध में कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति विभागीय वेबसाईट पर उपलब्ध मॉड्यूल के माध्यम से जारी करेंगे.
डॉ. कल्ला ने बताया कि प्रत्येक जिले के लिए स्वीकृत धनराशि का उपयोग विभागीय नियमों और प्रावधानों का पालन करते हुए अधिकतम उपभोक्ताओं को लाभांवित करने के उद्देश्य से किया जाएगा. अधिकारियों को स्वीकृत किए जाने वाले कार्यों को एक निश्चित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे गर्मी के मौसम में प्रभावित उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके. सभी जिलों में 50 लाख रुपये की सीमा में ही खर्च की अनुमति होगी. अगर किसी स्थान इस सीमा के बाहर व्यय की आकस्मिक जरूरत होगी तो सक्षम स्तर से इस बारे में विचार कर निर्णय लिया जाएगा.
जलदाय मंत्री डॉ. कल्ला ने खास तौर पर आगामी मार्च माह में 9 जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चुरू, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर एवं झुंझुनू के क्षेत्रों में इंदिरा गांधी नहर में प्रस्तावित नहरबंदी के मद्देनजर, सम्बंधित अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को इस दौरान पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए की जाने वाली आवश्यक व्यवस्थाओें और गतिविधियों की रिपोर्ट भी मुख्य अभियंता शहरी एवं ग्रामीण के माध्यम से भिजवाने के निर्देश दिए हैं.
इंदिरा गांधी नहर परियोजना के 9 जिलों में नहरबंदी के दौरान कम गहराई के नलकूप, ग्रामीण एवं शहरी पेयजल परियोजना क्षेत्रों में जल परिवहन, निजी जल स्रोतों को किराए/लीज पर लेने, नहर के पानी को संग्रहित करने के लिए कॉफर डैम या नई जल संरचनाएं तैयार करने, पाइप या जम्बो पम्पसैट्स के माध्यम से पानी को लिफ्ट करने के अलावा सम्बंधित जिला कलेक्टर या जल संसाधन विभाग के साथ समन्वय करते हुए पेयजल सप्लाई व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए इस धनराशि का सही तरीके से उपयोग किया जाएगा.
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जलदाय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में आगामी गर्मियों में पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग के लिए विभाग में किराए पर आगामी 31 मार्च तक के लिए 260 तथा एक अप्रेल 2021 से 31 अगस्त 2021 तक के लिए 421 अतिरिक्त वाहनों के उपयोग की भी स्वीकृति जारी की गई है. विभाग में नियमित किराए के 460 वाहनों के अलावा स्वीकृत इन वाहनों का उपयोग हैंडपम्प मरम्मत अभियान और समर कंटीजेंसी कार्यों के साथ पेयजल परियोजनाओं तथा जलापूर्ति से सम्बंधित कार्यों की निगरानी के लिए भी किया जाएगा.
डॉ. कल्ला ने बताया कि विभाग में 31 मार्च 2021 तक अजमेर रीजन में 36, भरतपुर में 23, बीकानेर में 27, जयपुर में 47, जोधपुर में 55, कोटा में 23 तथा उदयपुर रीजन में 49 अतिरिक्त वाहनों का उपयोग किया जा सकेगा. इसी प्रकार 31 मार्च 2021 से 31 अगस्त 2021 की अवधि के लिए अजमेर रीजन में 60, भरतपुर में 38, बीकानेर में 34, जयपुर में 64, जोधपुर में 119, कोटा में 43 तथा उदयपुर रीजन में 63 अतिरिक्त वाहनों के उपयोग की स्वीकृति जारी की गई है. जलदाय मंत्री ने बताया कि जलदाय विभाग के सभी क्षेत्रीय एवं जिलों के प्रभारी अभियंताओं को हैंडपम्प मरम्मत अभियान, पेयजल योजनाओं के रखरखाव तथा मॉनिटरिंग के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए हैं जिससे गर्मी के मौसम में राज्य के किसी भी हिस्से में लोगों को पेयजल से सम्बंधित किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो.