जयपुर. राजधानी की चारदीवारी यानी परकोटा इलाके में अब अवैध निर्माण करना आसान नहीं होगा. राज्य सरकार ने परकोटे के विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के बाद नए बिल्डिंग बायलॉज तैयार किए हैं.अब इनके लागू होने का इंतजार है. वहीं परकोटे में अतिक्रमण और अवैध निर्माण की लंबी फेहरिस्त है.
292 साल पहले 9 वर्ग किलोमीटर में बसी चारदीवारी के हेरिटेज को बचाने और संरक्षित करने के लिए हेरिटेज बायलॉज बनाए गए. इसमें चारदिवारी की हेरिटेज इमारतों के साथ-साथ बरामदे, चौकड़िया, पुराना ड्रेनेज सिस्टम को भी शामिल किया गया है. मुख्य नगर नियोजक, कानून विद, हेरिटेज विशेषज्ञ और चारदीवारी को समझने वाले विषय विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक उच्चस्तरीय तकनीकी समिति बनाई गई थी. उनके सामने ये मसौदा तैयार किया गया. अब इन बायलॉज के आधार पर ही चारदीवारी में निर्माण सुधार करने की अनुमति मिल पाएगी.
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इसमें खास बात ये होगी कि मुख्य बाजारों की तरफ झांकती इमारतों की डिजाइन और फसाड़ पूरी तरह एक जैसा होगा. इसके अलावा सभी 9 चौकड़ियों को उनके मूल स्वरूप में लाना और यहां किए गए अतिक्रमण और अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई भी जल्द शुरू होगी.
इस संबंध में मुख्य नगर नियोजक आरके विजयवर्गीय ने बताया कि वॉल सिटी रेगुलेशंस का प्रारूप तैयार कर आपत्ति आमंत्रित की गई थी. इन आपत्तियों का संशोधन कर स्वायत्त शासन निदेशक को प्रेषित किया गया है. परकोटे में धरोहर के चार मुख्य बिंदु हैं, इनमें मुख्य सड़कों पर फसाड़ वर्क, भू उपयोग, ऊंचाई और आर्किटेक्चर करैक्टर को बरकरार रखा जाना है. इसी के लिए विस्तृत गाइडलाइन तैयार की गई है. अब स्वायत्त शासन विभाग के ऊपर निर्भर है कि वो ये बायलॉज कब लागू करता है.
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ड्रोन सर्वे में सामने आया था कि परकोटा आज 90 फ़ीसदी अतिक्रमण और अवैध निर्माण की भेंट चढ़ चुका है. कई जगह तो परकोटे के अवशेष भी नजर नहीं आते. कई धरोहर बदहाल हो चली है. ऐसे में अब हेरिटेज बायलॉज को प्रभावी बनाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा.