जयपुर. देश में अब तक 40 करोड़ से अधिक बच्चों को मीजल्स रूबेला का टीका लगाया जा चुका है. प्रदेश में सोमवार से इसकी शुरुआत होगी. जहां 2 करोड़ से अधिक बच्चों को टीका लगाया जाएगा. लेकिन इससे पहले प्रदेश के शेखावाटी इलाके में तेजी से एक मैसेज वायरल किया जा रहा है. जिसमें बताया जा रहा है कि यह वैक्सीन अल्पसंख्यकों को नपुंसक बना देगी तो ऐसे में अल्पसंख्यक अपने बच्चों को यह टीका ना लगवाएं.
मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने इस मैसेज की सच्चाई जानने की कोशिश की तो सामने आया कि देश के अन्य राज्यों में जब यह टीकाकरण शुरू किया गया था. तब भी इस तरह के मैसेज वायरल हुए थे. इसपर जब अलग अलग मुस्लिम संगठनों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर सरकार बच्चों टीके लगा रही है तो जरूर लगवाने चाहिए. इससे किसी तरह का कोई खतरा नहीं है और चिकित्सकों का भी कहना है कि बच्चों को यह टीके जरूर लगाएं और इस टीके से किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है.
टीकाकरण को लेकर कुछ समय पहले राज्य स्तरीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था. जहां यूनिसेफ से जुड़े अधिकारियों ने भी मीजल्स रूबेला टीका लगवाने के लिए अपील की थी.
जानिए...क्या हैं मीजल्स व रूबेला
- मीजल्स (खसरा) को आम तौर पर छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है. यह अत्यधिक संक्रामक होता है. संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से यह बीमारी फैलती है. इसमें निमोनिया, डायरिया व दिमागी बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है. चेहरे पर गुलाबी-लाल चकत्ते, तेज बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखें लाल होना मर्ज के लक्षण हैं.
- रूबेला गर्भावस्था के दौरान होने वाला संक्रमण है. यह नवजात शिशुओं के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. संक्रमित माता से जन्मे शिशु को ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, बहरापन, मंद बुद्धि व दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. रूबेला से गर्भपात, समय पूर्व प्रसव व गर्भ में बच्चे की मौत भी हो सकती है.