जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) में त्रिस्तरीय जन अनुशासन दिशा निर्देश 5.0 गाइडलाइन (Rajasthan Unlock Guidelines 5.0) शनिवार सुबह 5:00 बजे से लागू हो गई है. नई गाइडलाइन के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ होने की संभावनाओं को देखते धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया है. इसके तहत कावड़ यात्रा पर रोक है, धार्मिक यात्रा जुलूस की प्रदेश में इजाजत नहीं होगी. यहां तक कि 21 जुलाई को ईद उल जुहा का त्योहार पर भी लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है. गोवर्धन क्षेत्र में होने वाले 'मुड़िया पूनो मेले' के आयोजन पर रोक लगाई गई है, तो जैन धर्म के चातुर्मास पर्व पर भीड़ करने पर रोक होगी.
एक ओर गहलोत सरकार (Gehlot Government) डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) के राजस्थान में फैलने से बचाव के लिए धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा रही है, तो दूसरी ओर प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कोरोना के सुपर स्प्रेडर (Super Spreader) बने हुए हैं. राजस्थान में चाहे भाजपा (BJP) हो या कांग्रेस (Congress) दोनों ही पार्टियों की ओर से लगातार धरने-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इन प्रदर्शनों में कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां (Violation of Corona Guideline) उड़ाई जा रही है.
राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) की ओर से शनिवार को पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों के खिलाफ जो प्रदर्शन किया गया, उसमें भी यही नजारा देखने को मिला. वैसे भी भाजपा (BJP) से ज्यादा जिम्मेदारी कांग्रेस (Congress) की इसलिए है क्योंकि कांग्रेस सत्ताधारी दल है और सत्ताधारी दल होने के नाते नियम कायदे मानना और उन्हें मनवाना कांग्रेस पार्टी की ही जिम्मेदारी है. लेकिन, बीते 10 दिनों से तो जिस तरह से कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर हैं, उससे तो लगता है कि नियम कायदे तोड़ने में कांग्रेस पार्टी विपक्षी दल भाजपा से भी आगे है.
वहीं, शनिवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से निकाली गई पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों की बढ़ोतरी के खिलाफ पैदल रैली (Paidal March) में राजस्थान के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला (BD Kalla) भी शामिल हुए. बीडी कल्ला से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या सरकार के प्रतिनिधि इस तरीके से नियम तोड़ेंगे तो जनता में गलत मैसेज नहीं जाएगा, तो उन्होंने कहा कि आज जो पैदल मार्च (Paidal March) निकाला जा रहा है, उसमें हम 2 गज दूरी बनाकर चलने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) भी मान रहे हैं.
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इसके साथ ही बीडी कल्ला ने कहा कि आज जब आम जनता महंगाई (Inflation) से बहुत ज्यादा परेशान है तो हमें आंदोलन करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर हम आंदोलन नहीं करेंगे तो जनता यही कहेगी कि कांग्रेस चुप है.
कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन (Violation of Corona Guideline) को लेकर जब विधायक साफिया जुबेर से सवाल किया गया तो उन्होंने इसे स्वतंत्रता आंदोलन के साथ जोड़ दिया. साफिया जुबेर ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किए और उस समय कई कानूनों को तोड़कर उन्होंने देश को आजादी दिलाई. वैसे ही आज भी देश के सामने जो समस्या है उसमें हमें कुछ कानूनों के खिलाफ जाकर काम करना होगा. इसके बाद ही देश को बीजेपी और RSS के नेतृत्व वाली कट्टरवादी सरकार से छुटकारा मिल सकेगा.
बीते 10 दिनों से लगातार कांग्रेस (Congress) पार्टी की ओर से महंगाई के विरोध (Protest Against Inflation) में इसी तरीके से प्रदर्शन किए जा रहे हैं और इसमें कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन भी रोजाना हो रहा है. लेकिन, धरना-प्रदर्शन कर कोविड-19 (COVID-19) के राजनीतिक सुपर स्प्रेडर (Super Spreader) बनने में भाजपा भी पीछे नहीं है. भाजपा (Rajasthan BJP) की ओर से भी लगातार धरने-प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिसमें बड़ी तादाद में भीड़ इकट्ठी हो रही है. भाजपा के प्रदर्शन में भी कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां (Violation of Corona Guideline) उड़ाई जा रही है.
यह हालात तो उस स्थिति में बना हुआ है जब राजस्थान में राजनीतिक रैलियों (Political Rallies in Rajasthan) पर रोक है और धारा 144 लगी हुई है. ऐसे में सरकार धार्मिक आयोजनों पर तो रोक लगाकर कोविड-19 (Corona Pandemic) रोकना चाहती है, लेकिन सरकार को चाहिए कि वे राजनीतिक पार्टियों के आयोजनों पर भी रोक लगाए. इसकी शुरुआत कम से कम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपनी पार्टी कांग्रेस से करवाए.