जयपुर. पिछले 13 वर्षों से रोजगार के नाम पर शोषित पीड़ित विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों ने रविवार को प्रदर्शन किया. जहां उन्होंने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की. वहीं 33 जिलों के नियमितीकरण व समायोजन की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन दिया.
राजस्थान विधार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के प्रदेश संयोजक अशोक सियाग के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पीड़ित विद्यार्थी मित्रों ने प्रदर्शन में भाग लिया. जहां प्रदर्शनकारी विद्यार्थी मित्रों ने कहा कि सरकारें बदलती रहीं, आश्वासन मिलते रहे और विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक स्थाई रोजगार की आस में दम तोड़ते गए. बात चाहे भाजपा सरकार की हो या कांग्रेस सरकार की हर सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बढ़-चढ़कर के विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों के नियमितीकरण का वादा किया. लेकिन उसके बाद इनका शोषण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
उन्होंने कहा कि एक बार फिर राज्य में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व और सत्ता में आने के बाद जोर-शोर से विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों को नियमितीकरण समायोजन करने का वादा किया. इसी संदर्भ में कमेटियों का गठन किया और कमेटियों के अंदर शामिल सदस्यों ने बार-बार विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों की मांगों और समस्याओं के समाधान की बात कही. यहां तक कि जोश खरोश में दीपावली से पूर्व नियमितीकरण का वादा भी कर डाला.
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ऐसे में आज तक विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों के आंकड़े इकट्ठे करने का ही खेल चल रहा है. ना समस्या का समाधान हुआ है और ना ही समय पर वेतन मानदेय का भुगतान हो पा रहा है. यहां तक की अल्प मानदेय में विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक घुट-घुट कर मरने को मजबूर है. राजस्थान के तमाम जिलों से एक बार फिर 27 हजार विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों ने सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए नियमितीकरण समायोजन की मांग को लेकर ज्ञापन जारी किया.