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पूनिया ने कहा 'निंदक नियरे राखिए', तो CM गहलोत बोले- आप जैसे व्यक्ति को भी निंदा करने के लिए ट्रेनिंग लेना पड़ती है...

सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद किया. जयपुर संभाग के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद के दौरान जहां कई मुद्दों पर चर्चा हुई, वहीं, जनप्रतिनिधियों के बीच राजनीतिक व्यंग्य के तीर भी चलते रहे.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
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Published : May 12, 2020, 9:08 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा विधायक और सांसदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद मंगलवार को भी जारी रहा. जयपुर संभाग के जनप्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान रूबरू हुए मुख्यमंत्री को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शासन चलाने के लिए निंदक पास रखने की सलाह दी और कबीरदास का दोहा भी सुनाया. इसके जवाब में सीएम ने कहा आप जैसे व्यक्ति को भी निंदा करने के लिए ट्रेनिंग लेना पड़ती है क्या..और हंसी के ठहाके छूट पड़े.

राजनीतिक व्यंग्य के तीर चले

दरअसल संवाद के दौरान जब आमेर विधायक सतीश पूनिया का नंबर आया तो उन्होंने कहा कि सभी विधायक सांसद आपकी तारीफ कर रहे हैं. जिससे मैं कंफ्यूज हूं, लेकिन अच्छा शासन चलाने के लिए जरूरी है कि नींदक भी पास रहना चाहिए, ताकि जो कोई कमी खामी हो वह समय पर पता चलती रहे और उसे दुरुस्त किया जा सके.

पढ़ेंः कृषक कल्याण टैक्स का विरोध, बुधवार बंद रहेगी जयपुर की सबसे बड़ी मुहाना मंडी

इस दौरान सतीश पूनिया ने कहा मेरे क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को लेकर मैं आपको पत्र में लिख दूंगा, लेकिन अभी मुझको कुछ बातों पर आपत्ति है, जिससे मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं. उन्होंने कहा मैंने और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मार्च में आपसे मुलाकात कर कुछ बिंदुओं का पद सौंपा था, वह हमारे सुझाव थे. समय-समय पर हम यह सुझाव देते रहते हैं, ताकि संकट के समय सबकी राय से समाधान हो सके.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए रूबरू

पूनिया ने कहा मुझे आपत्ति इस बात की है कि केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु एप निकाला और लोगों से उसे डाउनलोड करने का आह्वान किया, लेकिन राजस्थान में सरकार ने यह लाइन खींच दी की राज कोविड-19 ऐप डाउनलोड करो और आरोग्य सेतु एप हटाओ. पुनिया ने कहा कम से कम ऐसा तो नहीं होना चाहिए था.

पढ़ेंः सीएम गहलोत ने BJP पर साधा निशाना, कहा- यह वक्त हिन्दू-मुस्लिम करने का नहीं है

भाजपा नेताओं पर भी मुकदमे दर्ज, कहां तक उचित-

सतीश पूनिया ने संवाद के दौरान पिछले दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा छह जिलों में मुकदमा दर्ज किए जाने की घटना का भी जिक्र किया और कहा कि कम से कम 15 जिलों में भाजपा कार्यकर्ताओं के ऊपर सोशल मीडिया पर साधारण पोस्ट को लेकर मुकदमे दर्ज किए गए. लेकिन प्रधानमंत्री के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ता या नेता जो पोस्ट करते हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती.

उन्होंने कहा यदि आपको चाहिए तो मैं वह आंकड़े भी दे सकता हूं, लेकिन स्वस्थ लोकतंत्र में इस प्रकार की राजनीति की आवश्यकता नहीं होना चाहिए. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समाज के दौरान सतीश पूनिया को यह भी कहा कि आपने जो बात कही है वह तथ्यों के विपरीत है, जिस पर उन्होंने कहा यदि ऐसा है तो आप कम से कम अपने मुंह से यही बता दीजिए कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार ने आपदा की इस घड़ी में राजस्थान की कितनी मदद की. उन्होंने कहा यह कोई वाद विवाद का विषय नहीं है, लेकिन लोकतंत्र में एक स्वस्थ परंपरा का निर्वहन सबको करना चाहिए.

पढ़ेंः बस और ट्रेन की सुविधा नहीं मिली तो पैदल ही अपने गांव पलायन करने को मजबूर हुए प्रवासी मजदूर

ये दिए सुझाव-

सतीश पूनिया ने प्रवासी राजस्थानी की मेन पावर का उपयोग लिए जाने का निवेदन किया और कृषि और कृषक को राहत पहुंचाने की भी मांग की है. उन्होंने कहा प्रवासियों को बॉर्डर पर रोका जा रहा है, जिससे उन्हें दिक्कत हो रही है. लेकिन उस मेन पावर का सरकार को उपयोग करना चाहिए. वहीं कृषक कल्याण कर सहित कई मुद्दों पर सुधार के लिए भी पूनिया ने सुझाव दिया है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा विधायक और सांसदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद मंगलवार को भी जारी रहा. जयपुर संभाग के जनप्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान रूबरू हुए मुख्यमंत्री को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शासन चलाने के लिए निंदक पास रखने की सलाह दी और कबीरदास का दोहा भी सुनाया. इसके जवाब में सीएम ने कहा आप जैसे व्यक्ति को भी निंदा करने के लिए ट्रेनिंग लेना पड़ती है क्या..और हंसी के ठहाके छूट पड़े.

राजनीतिक व्यंग्य के तीर चले

दरअसल संवाद के दौरान जब आमेर विधायक सतीश पूनिया का नंबर आया तो उन्होंने कहा कि सभी विधायक सांसद आपकी तारीफ कर रहे हैं. जिससे मैं कंफ्यूज हूं, लेकिन अच्छा शासन चलाने के लिए जरूरी है कि नींदक भी पास रहना चाहिए, ताकि जो कोई कमी खामी हो वह समय पर पता चलती रहे और उसे दुरुस्त किया जा सके.

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इस दौरान सतीश पूनिया ने कहा मेरे क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को लेकर मैं आपको पत्र में लिख दूंगा, लेकिन अभी मुझको कुछ बातों पर आपत्ति है, जिससे मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं. उन्होंने कहा मैंने और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मार्च में आपसे मुलाकात कर कुछ बिंदुओं का पद सौंपा था, वह हमारे सुझाव थे. समय-समय पर हम यह सुझाव देते रहते हैं, ताकि संकट के समय सबकी राय से समाधान हो सके.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए रूबरू

पूनिया ने कहा मुझे आपत्ति इस बात की है कि केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु एप निकाला और लोगों से उसे डाउनलोड करने का आह्वान किया, लेकिन राजस्थान में सरकार ने यह लाइन खींच दी की राज कोविड-19 ऐप डाउनलोड करो और आरोग्य सेतु एप हटाओ. पुनिया ने कहा कम से कम ऐसा तो नहीं होना चाहिए था.

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भाजपा नेताओं पर भी मुकदमे दर्ज, कहां तक उचित-

सतीश पूनिया ने संवाद के दौरान पिछले दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा छह जिलों में मुकदमा दर्ज किए जाने की घटना का भी जिक्र किया और कहा कि कम से कम 15 जिलों में भाजपा कार्यकर्ताओं के ऊपर सोशल मीडिया पर साधारण पोस्ट को लेकर मुकदमे दर्ज किए गए. लेकिन प्रधानमंत्री के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ता या नेता जो पोस्ट करते हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती.

उन्होंने कहा यदि आपको चाहिए तो मैं वह आंकड़े भी दे सकता हूं, लेकिन स्वस्थ लोकतंत्र में इस प्रकार की राजनीति की आवश्यकता नहीं होना चाहिए. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समाज के दौरान सतीश पूनिया को यह भी कहा कि आपने जो बात कही है वह तथ्यों के विपरीत है, जिस पर उन्होंने कहा यदि ऐसा है तो आप कम से कम अपने मुंह से यही बता दीजिए कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार ने आपदा की इस घड़ी में राजस्थान की कितनी मदद की. उन्होंने कहा यह कोई वाद विवाद का विषय नहीं है, लेकिन लोकतंत्र में एक स्वस्थ परंपरा का निर्वहन सबको करना चाहिए.

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ये दिए सुझाव-

सतीश पूनिया ने प्रवासी राजस्थानी की मेन पावर का उपयोग लिए जाने का निवेदन किया और कृषि और कृषक को राहत पहुंचाने की भी मांग की है. उन्होंने कहा प्रवासियों को बॉर्डर पर रोका जा रहा है, जिससे उन्हें दिक्कत हो रही है. लेकिन उस मेन पावर का सरकार को उपयोग करना चाहिए. वहीं कृषक कल्याण कर सहित कई मुद्दों पर सुधार के लिए भी पूनिया ने सुझाव दिया है.

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