जयपुर. जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अनुला मौर्य ने अपने वेतन से एक लाख रुपए की राशि विश्वविद्यालय के कोष में जमा करवाकर मिसाल पेश की है. कुलपति डॉ. अनुला मौर्य ने यह राशि छात्रवृत्ति के लिए जमा करवाई हैं. जिससे भविष्य में कोई भी अभावग्रस्त या जरूरतमंद विद्यार्थी संस्कृत भाषा में निहित ज्ञान-विज्ञान पर उच्च स्तरीय शोध कर सके.
जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के मीडिया समन्वयक कोसलेन्द्र शास्त्री ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों विश्वविद्यालय के वार्षिकोत्सव में कुलपति ने संस्कृत भाषा में निहित ज्ञान-विज्ञान पर उच्च स्तरीय शोध को बढ़ावा देने की बात कही थी.
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इसी कड़ी में उन्होंने अपने पिता डॉ. बुद्धिप्रिय मौर्य की स्मृति में छात्रवृत्ति के लिए एक लाख रुपए की राशि दी है. कुलपति डॉ. अनुला मौर्य ने यह छात्रवृत्ति अपने पिता डॉ. बुद्धप्रिय मौर्य की स्मृति में शुरू करवाई है. डॉ. बुद्धप्रिय मौर्य भारत सरकार में मंत्री और तीन बार संसद सदस्य रहे हैं.