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विवादित ढांचा विध्वंस मामला: अप्रैल तक फैसला आने की उम्मीद, आडवाणी समेत 32 लोग हैं आरोपी

अयोध्या जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में भी अप्रैल तक फैसला आने की उम्मीद है. इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती और कल्याण सिंह सहित 32 लोग आरोपी हैं.

अयोध्या जमीन विवाद,verdict on demolish of disputed structure of ayodhya
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Published : Nov 9, 2019, 10:22 PM IST

लखनऊ: अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस मामले में भी अप्रैल 2020 तक फैसला आने की सम्भावना है. सर्वोच्च न्यायालय ने 19 अप्रैल 2017 को इस मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन करने के निर्देश दिए थे. साथ ही इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत को दो साल में परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण कर लेने को कहा था.

हालांकि इस समय-सीमा में दिन-प्रतिदिन कार्यवाही चलने के बावजूद सुनवाई पूरी नहीं हो सकी, जिस पर विशेष अदालत के अनुरोध पर सर्वोच्च न्यायालय ने 19 जुलाई 2019 को विशेष अदालत को केस में फैसला सुनाने के लिए नौ महीने का समय और दिया. साथ ही विशेष अदालत को यह भी निर्देश दिया गया कि छह माह के भीतर गवाहियां पूरी कर ली जाएं. इसे देखते हुए, लखनऊ की विशेष अदालत में चल रहे इस आपराधिक मामले की इसी वर्ष दिसम्बर के आखिरी तक ट्रायल पूरा होने की सम्भावना है.

उल्लेखनीय है कि इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनेाहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती विनय कटियार सहित कुल 32 लोगों के खिलाफ सीबीआई गवाह पेश कर रही है. सत्र न्यायालय में चल रही इन दिनों की कार्रवाई में कल्याण सिंह के खिलाफ गवाहों को पेश किया जा रहा है. अब तक सीबीआई लगभग 337 गवाह पेश कर चुकी है.

ये भी पढ़ें: निकाय चुनाव 2019: भरतपुर के वार्ड 19 में ना ठीक सड़कें, ना साफ-सफाई..फिर भी पार्षद से खुश वार्डवासी..जानिए ये है वजह

कुल 48 अभियुक्तों पर आरोप हुए तय

6 दिसम्बर 1992 में घटी घटना के बाद थाना रामजन्म भूमि में मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनकी विवेचना बाद में सीबीआई ने की. आरोप पत्र आने के बाद कुल 48 अभियुक्तों पर आरेाप तय हुआ. इनमें से अब 32 ही जीवित हैं. इस मामले में अभियुक्त रहे बाठाकरे, महंत अवैद्य नाथ, विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष विष्णु हरि डालमिया रामजन्म भूमि न्यास के महंत रामचंद्र परमहंस दासमेत कुल 16 लोग दिवंगत हो चुके हैं.

लखनऊ: अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस मामले में भी अप्रैल 2020 तक फैसला आने की सम्भावना है. सर्वोच्च न्यायालय ने 19 अप्रैल 2017 को इस मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन करने के निर्देश दिए थे. साथ ही इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत को दो साल में परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण कर लेने को कहा था.

हालांकि इस समय-सीमा में दिन-प्रतिदिन कार्यवाही चलने के बावजूद सुनवाई पूरी नहीं हो सकी, जिस पर विशेष अदालत के अनुरोध पर सर्वोच्च न्यायालय ने 19 जुलाई 2019 को विशेष अदालत को केस में फैसला सुनाने के लिए नौ महीने का समय और दिया. साथ ही विशेष अदालत को यह भी निर्देश दिया गया कि छह माह के भीतर गवाहियां पूरी कर ली जाएं. इसे देखते हुए, लखनऊ की विशेष अदालत में चल रहे इस आपराधिक मामले की इसी वर्ष दिसम्बर के आखिरी तक ट्रायल पूरा होने की सम्भावना है.

उल्लेखनीय है कि इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनेाहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती विनय कटियार सहित कुल 32 लोगों के खिलाफ सीबीआई गवाह पेश कर रही है. सत्र न्यायालय में चल रही इन दिनों की कार्रवाई में कल्याण सिंह के खिलाफ गवाहों को पेश किया जा रहा है. अब तक सीबीआई लगभग 337 गवाह पेश कर चुकी है.

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कुल 48 अभियुक्तों पर आरोप हुए तय

6 दिसम्बर 1992 में घटी घटना के बाद थाना रामजन्म भूमि में मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनकी विवेचना बाद में सीबीआई ने की. आरोप पत्र आने के बाद कुल 48 अभियुक्तों पर आरेाप तय हुआ. इनमें से अब 32 ही जीवित हैं. इस मामले में अभियुक्त रहे बाठाकरे, महंत अवैद्य नाथ, विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष विष्णु हरि डालमिया रामजन्म भूमि न्यास के महंत रामचंद्र परमहंस दासमेत कुल 16 लोग दिवंगत हो चुके हैं.

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विवादित ढांचा विध्वंस मामले में भी अप्रैल तक फैसला आने की सम्भावना 
आडवाणी, कल्याण सिंह व उमा भारती समेत 32 लोगों के विरुद्ध चल रहा है मुकदमा  

विधि संवाददाता
लखनऊ। अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस मामले में भी अप्रैल 2020 तक फैसला आने की सम्भावना है सर्वोच्च न्यायालय ने 19अप्रैल 2017 को इस मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन करने के निर्देश दिये थे। साथ ही इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत को दो साल में परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण कर लेने को कहा था हालांकि इस समय-सीमा में दिन-प्रतिदिन कार्यवाही चलने के बावजूद सुनवा पूरी नहीं हो सकी। जिस पर विशेष अदालत के अनुरोध पर सर्वोच्च न्यायालय ने 19 जुलाई 2019 को विशेष अदालत को केस में फैसला सुनाने के लिए नौ महीने का समय और दिया। साथ ही विशेष अदालत को यह भी निर्देश दिया गया कि छह माह के भीतर गवाहियां पूरी कर ली जाएं

   इसे देखते हुए, 
लखनऊ की विशेष अदालत में चल रहे इस आपराधिक मामले की इसी वर्ष दिसम्बर के आखिरी तक ट्रायल पूरा होने की सम्भावना हैउल्लेखनीय है कि इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणीमुरली मनेाहर जोशीकल्याण सिंहउमा भारती व विनय कटियार सहित कुल 32 लोगोंके खिलाफ सीबीआई गवाह पेश कर रही है। सत्र न्यायालय में चल रही इन दिनों की कार्यवाही में कल्याण सिंह के खिलाफ गवाहों को पेश किया जा रहा है। अब तक सीबीआई लगभग 337 गवाह पेश कर चुकी है। 6 दिसम्बर 1992 में घटी घटना के बाद थाना रामजन्म भूमि में मुकदमें दर्ज हुए थे जिनकी विवेचना बाद में सीबीआई ने की। आरोप पत्र आने के बाद कुल 48 अभियुक्तों पर आरेाप तय हुआ। इनमें से अब 32  ही जीवित हैं। इस मामले में अभियुक्त रहे, बाठाकरेमहंत अवैद्य नाथविश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष विष्णु हरि डालमिया  रामजन्म भूमि न्यास के महंत रामचंद्र परमहंस दास समेत कुल 16 लोगदिवंगत हो चुके हैं।  

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Chandan Srivastava
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