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Terror of Vehicle Thieves in Jaipur: पुलिस के लिए वाहन चोर बने सिरदर्द, राजधानी में 35 दिनों में 1000 से अधिक वाहन चोरी

जयपुर में वाहन चोर गिरोह (Vehicle Thief Gang in Jaipur) एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. ऐसी वारदातों पर रोक लगाने के लिए जयपुर की कमिश्नरेट स्पेशल टीम नई रणनीति बना रही है ताकि वाहन चोरी पर रोक लगाई जा सके.

Terror of Vehicle Thieves in Jaipur
एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी
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Published : Feb 5, 2022, 8:07 PM IST

जयपुर. वर्ष 2022 की शुरुआत के साथ ही राजधानी जयपुर में वाहन चोरी की वारदातों में काफी इजाफा देखने को मिला है. राजधानी जयपुर में पिछले 35 दिनों में 1000 से अधिक वाहन चोरी हुए हैं, जिसे देखते हुए अब वाहन चोरों पर नकेल कसने के लिए जयपुर की कमिश्नरेट स्पेशल टीम नई रणनीति बनाने में जुट गई है.

राजधानी जयपुर में प्रतिदिन औसतन 30 से अधिक वाहन चोरी हो रहे हैं, जिसमें 25 दोपहिया तो वहीं 5 से अधिक चोपहिया वाहन शामिल हैं. ताज्जुब की बात यह है की राजधानी जयपुर से जितने भी वाहन चोरी हो रहे हैं. वे तमाम वाहन दौसा, करौली और सवाई माधोपुर जिले में ले जाकर डंप किए जा रहे हैं या फिर उन्हें आगे सस्ती कीमत पर बेचा जा रहा है.

हर बार नई गैंग दे रही वारदात को अंजाम : एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि राजधानी में वाहन चोरी की जो वारदातें बढ़ रही हैं उसके पीछे किसी एक गैंग का हाथ नहीं है. बीते दिनों वाहन चोरों की कुछ गैंग पुलिस ने दबोची थी, जिसमें पुराने बदमाश शामिल ना होकर नए बदमाश मौजूद मिले. यानी कि कोई भी बदमाश नई गैंग बनाकर राजधानी जयपुर में आ रहा है और वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देकर बड़ी आसानी से वाहन लेकर फरार हो जा रहा है. जिसे देखते हुए अब जयपुर पुलिस दौसा, करौली और सवाई माधोपुर जिले की पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ा ऑपरेशन चलाने की कार्य योजना बना रही है.

यह भी पढ़ें- जयपुर पुलिस ने किया वाहन चोर गैंग का खुलासा, 3 शातिर चोर गिरफ्तार, चोरी का सामान बरामद

स्टेरिंग लॉक और व्हील लॉक से हो सकता है बचाव : सुलेश चौधरी ने बताया कि वाहन मालिक को अपने वाहन को चोरी होने से बचाने के लिए और उसे सुरक्षित बनाने के लिए कुछ चीजों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए. अधिकतर वाहन चोरी के प्रकरणों में यह देखा जाता है कि वाहन मालिक अपने वाहन को पार्किंग एरिया में ना खड़ा कर पार्किंग के पैसे बचाने के चक्कर में नो पार्किंग या फिर किसी सुनसान जगह पर पार्क कर देता है. जिसका फायदा वाहन चोर उठाते हैं और बड़ी आसानी से वाहन को मास्टर-की या अन्य चाबी से खोल चुराकर फरार हो जाते हैं.

यह भी पढ़ें- SPECIAL: राजधानी में चोरों का 'राज', पिछले 7 महीनों में नकबजनी और वाहन चोरी की हुई हजारों वारदातें

वाहन मालिक को अपने वाहन को हमेशा पार्किंग एरिया में खड़ा करना चाहिए. इसके साथ ही चौपाहिया वाहन चालकों को अपनी गाड़ी को सुरक्षित बनाने के लिए स्टेरिंग लॉक का प्रयोग करना चाहिए ताकि मास्टर-की से गाड़ी का लॉक खोलने के बाद भी चोर वाहन को ना चुरा सके. इसी प्रकार से दोपहिया वाहनों में चालक को व्हील लॉक का प्रयोग करना चाहिए, जिसे काटना आसान नहीं होता और वाहन चोर ऐसे वाहनों को हाथ तक नहीं लगाते.

जयपुर. वर्ष 2022 की शुरुआत के साथ ही राजधानी जयपुर में वाहन चोरी की वारदातों में काफी इजाफा देखने को मिला है. राजधानी जयपुर में पिछले 35 दिनों में 1000 से अधिक वाहन चोरी हुए हैं, जिसे देखते हुए अब वाहन चोरों पर नकेल कसने के लिए जयपुर की कमिश्नरेट स्पेशल टीम नई रणनीति बनाने में जुट गई है.

राजधानी जयपुर में प्रतिदिन औसतन 30 से अधिक वाहन चोरी हो रहे हैं, जिसमें 25 दोपहिया तो वहीं 5 से अधिक चोपहिया वाहन शामिल हैं. ताज्जुब की बात यह है की राजधानी जयपुर से जितने भी वाहन चोरी हो रहे हैं. वे तमाम वाहन दौसा, करौली और सवाई माधोपुर जिले में ले जाकर डंप किए जा रहे हैं या फिर उन्हें आगे सस्ती कीमत पर बेचा जा रहा है.

हर बार नई गैंग दे रही वारदात को अंजाम : एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि राजधानी में वाहन चोरी की जो वारदातें बढ़ रही हैं उसके पीछे किसी एक गैंग का हाथ नहीं है. बीते दिनों वाहन चोरों की कुछ गैंग पुलिस ने दबोची थी, जिसमें पुराने बदमाश शामिल ना होकर नए बदमाश मौजूद मिले. यानी कि कोई भी बदमाश नई गैंग बनाकर राजधानी जयपुर में आ रहा है और वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देकर बड़ी आसानी से वाहन लेकर फरार हो जा रहा है. जिसे देखते हुए अब जयपुर पुलिस दौसा, करौली और सवाई माधोपुर जिले की पुलिस के साथ मिलकर एक बड़ा ऑपरेशन चलाने की कार्य योजना बना रही है.

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स्टेरिंग लॉक और व्हील लॉक से हो सकता है बचाव : सुलेश चौधरी ने बताया कि वाहन मालिक को अपने वाहन को चोरी होने से बचाने के लिए और उसे सुरक्षित बनाने के लिए कुछ चीजों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए. अधिकतर वाहन चोरी के प्रकरणों में यह देखा जाता है कि वाहन मालिक अपने वाहन को पार्किंग एरिया में ना खड़ा कर पार्किंग के पैसे बचाने के चक्कर में नो पार्किंग या फिर किसी सुनसान जगह पर पार्क कर देता है. जिसका फायदा वाहन चोर उठाते हैं और बड़ी आसानी से वाहन को मास्टर-की या अन्य चाबी से खोल चुराकर फरार हो जाते हैं.

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वाहन मालिक को अपने वाहन को हमेशा पार्किंग एरिया में खड़ा करना चाहिए. इसके साथ ही चौपाहिया वाहन चालकों को अपनी गाड़ी को सुरक्षित बनाने के लिए स्टेरिंग लॉक का प्रयोग करना चाहिए ताकि मास्टर-की से गाड़ी का लॉक खोलने के बाद भी चोर वाहन को ना चुरा सके. इसी प्रकार से दोपहिया वाहनों में चालक को व्हील लॉक का प्रयोग करना चाहिए, जिसे काटना आसान नहीं होता और वाहन चोर ऐसे वाहनों को हाथ तक नहीं लगाते.

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