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श्रीकृष्ण शोभायात्रा में शामिल हुए सीएम अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे ने कुछ इस अंदाज में कसा तंज

कृष्ण जन्माष्टमी के बाद शनिवार को जयपुर में श्रीकृष्ण शोभायात्रा में सीएम अशोक गहलोत शामिल हुए. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तंज कसते हुए कहा कि देर आए दुरुस्त आए. आज जितने लोग इसमें जुड़ें, जितने लोग इस रास्ते पर आएं, उतना ही अच्छा है. हालांकि इस बयान पर उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ नहीं बढ़ रही. जिसकी भावना जैसी होती है वो उसे वैसा ही दिखता है.

Vasundhara Raje took a dig at CM Ashok Gehlot as he took part in  Shri Krishna Shobha Yatra
श्रीकृष्ण शोभायात्रा में शामिल हुए सीएम गहलोत, वसुंधरा राजे ने कुछ इस अंदाज में कसा तंज
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Published : Aug 20, 2022, 10:14 PM IST

जयपुर. छोटी काशी में जन्माष्टमी के अगले दिन नंदोत्सव के बाद श्रीकृष्ण शोभायात्रा निकाली (Shri Krishna Shobha Yatra in Jaipur) गई. इस बार शोभायात्रा में जाने-माने सियासी चेहरों की शिरकत ने धार्मिक यात्रा पर सियासी रंग पोत दिया. मुख्यमंत्री सिविल लाइन्स के दायरे से बाहर निकलकर परकोटे में पहुंचे. जहां उन्होंने बड़ी चौपड़ पर शोभायात्रा के दौरान महाआरती में भाग (CM Gehlot in Shri Krishna Shobha Yatra) लिया. दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी जलसे में शिरकत की और गहलोत की मौजूदगी को कांग्रेस के धार्मिक चश्मे से जुड़ा बताया.

राजे ने गहलोत पर कसा तंज: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सबके साथ जयपुर के प्रसिद्ध बाजार में गोविंद देव जी की यात्रा में शामिल होने का मौका मिला है. अपार खुशी है और सब को देख कर अच्छा लग रहा है कि ऐसे कार्यक्रम में जब पूरा शहर उमड़ कर एक साथ जुड़कर गोविंद देव जी का आदर कर रहा है. इस दौरान उन्होंने शोभायात्रा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी को लेकर कहा (Raje took a dig at CM Ashok Gehlot) कि देर आए दुरुस्त आए, अच्छी बात है. इस पर अपने को क्या कमेंट करना. आज जितने लोग इसमें जुड़ें, जितने लोग इस रास्ते पर आएं, अच्छी बात है.

श्रीकृष्ण शोभायात्रा में शामिल हुए सीएम अशोक गहलोत.

पढ़ें: Sawan Somvar 2022 : देवस्थान विभाग ने 44 शिव मंदिरों में कराया रुद्राभिषेक, शकुंतला रावत ने इस मंदिर में किया जलाभिषेक

शकुंतला रावत का पलटवार: पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से तंज कसने पर पलटवार करते हुए देवस्थान विभाग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि बीजेपी कुछ भी कह सकती है और किसी को भी कह सकती है. लेकिन उनका मानना है कि जाकी रही भावना जैसी, मूर्ति तिन देखी तैसी. जिसकी भावना जैसी होती है वो उसे वैसा ही दिखता है. उन्होंने कहा कि वो बचपन से ही रामायण, सुंदरकांड, राम कथा, शिव पुराण, विष्णु पुराण जैसे ग्रंथ पढ़ते आ रहे हैं. ईश्वर कौन सा बीजेपी का और कांग्रेस का हो गया. ईश्वर सबका है. ये हिंदुस्तान है, हम हिंदुस्तानी हैं. बीजेपी इसे कुछ भी नाम दे सकती है. लेकिन हम मानते हैं कि ईश्वर हमारे, हम ईश्वर के हैं. अशोक गहलोत ईश्वर के निमित्त मानकर ही सेवा में हाजिर हैं. कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ बढ़ नहीं रही, जन्म से ही कांग्रेसी हिंदुस्तानी हैं, हिंदू हैं सब.

पढ़ें: Bhagwat Katha in Jaipur: देवस्थान विभाग की पहल पर भागवत कथा का आयोजन, कलश यात्रा में शामिल हुए कांग्रेस नेता

धार्मिक आयोजनों में सरकारी 'हाजिरी': गौरतलब है कि गहलोत सरकार के देवस्थान विभाग की ओर से प्रदेश में लगातार धार्मिक आयोजन कराए जा रहे (Religious programmes by government) हैं. बीते दिनों रामनवमी पर रामायण पाठ और हनुमान जयंती पर सुंदरकाण्ड पाठ करवाए गए. फिर सावन में शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक कराया गया. इसी दौरान मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का कावड़ यात्रा में शामिल होना, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का डिग्गी कल्याण जी की यात्रा में और इस जन्माष्टमी पर गोविंददेवजी पहुंचना और अब गहलोत का श्रीकृष्ण शोभायात्रा में पहुंचकर आरती करना. गहलोत सरकार के सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चलने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

पढ़ें: देवस्थान विभाग 4 सितंबर को मनाएगा राधाष्टमी महोत्सव

2 साल बाद दिखा श्रीकृष्ण शोभायात्रा का भव्य स्वरूप: शनिवार शाम को ठाकुरजी नगर भ्रमण पर निकले. इस बीच बड़ी चौपड़ पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्य रथ में विराजित ठाकुरजी के चित्र स्वरूप की आरती उतारी. इस दौरान देवस्थान मंत्री शुकंतला रावत व जलदाय मंत्री महेश जोशी भी मौजूद रहे. वहीं 25 कदम दूर जौहरी बाजार में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, विधायक कालीचरण सराफ सहित भाजपा नेताओं ने भी मुख्य रथ की आरती की. गाजेबाजे, हाथी ऊंट घोड़े के लवाजमे के साथ गोविंददेवजी मंदिर से शोभायात्रा रवाना हुई.

पढ़ें: देवस्थान विभाग के लिए राहत : नई किराया नीति से ही जमा कराना होगा किराया

दो साल बाद गोविंददेवजी मंदिर से ठाकुरजी शोभायात्रा के रूप में शहर भ्रमण पर निकले. शोभायात्रा में करीब 15 झांकियां शामिल हुई, जिसमें श्रीकृष्ण भगवान से जुड़ी झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही. इसके अलावा शोभायात्रा में लवाजमा, सात कीर्तन मंडल, एक बैंड और गोविंद परिकर जन संकीर्तन करते हुए शामिल हुए. शोभायात्रा बड़ी चौपड़, बापू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया होते हुए पुरानी बस्ती के राधागोपीनाथजी मंदिर के लिए रवाना हुई. विशेष फूलों के रथ में ठाकुरजी विराजमान हुए. रास्ते में बीच-बीच में संत-महंतों ने शोभायात्रा की आरती की.

जयपुर. छोटी काशी में जन्माष्टमी के अगले दिन नंदोत्सव के बाद श्रीकृष्ण शोभायात्रा निकाली (Shri Krishna Shobha Yatra in Jaipur) गई. इस बार शोभायात्रा में जाने-माने सियासी चेहरों की शिरकत ने धार्मिक यात्रा पर सियासी रंग पोत दिया. मुख्यमंत्री सिविल लाइन्स के दायरे से बाहर निकलकर परकोटे में पहुंचे. जहां उन्होंने बड़ी चौपड़ पर शोभायात्रा के दौरान महाआरती में भाग (CM Gehlot in Shri Krishna Shobha Yatra) लिया. दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी जलसे में शिरकत की और गहलोत की मौजूदगी को कांग्रेस के धार्मिक चश्मे से जुड़ा बताया.

राजे ने गहलोत पर कसा तंज: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सबके साथ जयपुर के प्रसिद्ध बाजार में गोविंद देव जी की यात्रा में शामिल होने का मौका मिला है. अपार खुशी है और सब को देख कर अच्छा लग रहा है कि ऐसे कार्यक्रम में जब पूरा शहर उमड़ कर एक साथ जुड़कर गोविंद देव जी का आदर कर रहा है. इस दौरान उन्होंने शोभायात्रा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी को लेकर कहा (Raje took a dig at CM Ashok Gehlot) कि देर आए दुरुस्त आए, अच्छी बात है. इस पर अपने को क्या कमेंट करना. आज जितने लोग इसमें जुड़ें, जितने लोग इस रास्ते पर आएं, अच्छी बात है.

श्रीकृष्ण शोभायात्रा में शामिल हुए सीएम अशोक गहलोत.

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शकुंतला रावत का पलटवार: पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से तंज कसने पर पलटवार करते हुए देवस्थान विभाग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि बीजेपी कुछ भी कह सकती है और किसी को भी कह सकती है. लेकिन उनका मानना है कि जाकी रही भावना जैसी, मूर्ति तिन देखी तैसी. जिसकी भावना जैसी होती है वो उसे वैसा ही दिखता है. उन्होंने कहा कि वो बचपन से ही रामायण, सुंदरकांड, राम कथा, शिव पुराण, विष्णु पुराण जैसे ग्रंथ पढ़ते आ रहे हैं. ईश्वर कौन सा बीजेपी का और कांग्रेस का हो गया. ईश्वर सबका है. ये हिंदुस्तान है, हम हिंदुस्तानी हैं. बीजेपी इसे कुछ भी नाम दे सकती है. लेकिन हम मानते हैं कि ईश्वर हमारे, हम ईश्वर के हैं. अशोक गहलोत ईश्वर के निमित्त मानकर ही सेवा में हाजिर हैं. कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ बढ़ नहीं रही, जन्म से ही कांग्रेसी हिंदुस्तानी हैं, हिंदू हैं सब.

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धार्मिक आयोजनों में सरकारी 'हाजिरी': गौरतलब है कि गहलोत सरकार के देवस्थान विभाग की ओर से प्रदेश में लगातार धार्मिक आयोजन कराए जा रहे (Religious programmes by government) हैं. बीते दिनों रामनवमी पर रामायण पाठ और हनुमान जयंती पर सुंदरकाण्ड पाठ करवाए गए. फिर सावन में शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक कराया गया. इसी दौरान मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का कावड़ यात्रा में शामिल होना, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का डिग्गी कल्याण जी की यात्रा में और इस जन्माष्टमी पर गोविंददेवजी पहुंचना और अब गहलोत का श्रीकृष्ण शोभायात्रा में पहुंचकर आरती करना. गहलोत सरकार के सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चलने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

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2 साल बाद दिखा श्रीकृष्ण शोभायात्रा का भव्य स्वरूप: शनिवार शाम को ठाकुरजी नगर भ्रमण पर निकले. इस बीच बड़ी चौपड़ पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्य रथ में विराजित ठाकुरजी के चित्र स्वरूप की आरती उतारी. इस दौरान देवस्थान मंत्री शुकंतला रावत व जलदाय मंत्री महेश जोशी भी मौजूद रहे. वहीं 25 कदम दूर जौहरी बाजार में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, विधायक कालीचरण सराफ सहित भाजपा नेताओं ने भी मुख्य रथ की आरती की. गाजेबाजे, हाथी ऊंट घोड़े के लवाजमे के साथ गोविंददेवजी मंदिर से शोभायात्रा रवाना हुई.

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दो साल बाद गोविंददेवजी मंदिर से ठाकुरजी शोभायात्रा के रूप में शहर भ्रमण पर निकले. शोभायात्रा में करीब 15 झांकियां शामिल हुई, जिसमें श्रीकृष्ण भगवान से जुड़ी झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही. इसके अलावा शोभायात्रा में लवाजमा, सात कीर्तन मंडल, एक बैंड और गोविंद परिकर जन संकीर्तन करते हुए शामिल हुए. शोभायात्रा बड़ी चौपड़, बापू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया होते हुए पुरानी बस्ती के राधागोपीनाथजी मंदिर के लिए रवाना हुई. विशेष फूलों के रथ में ठाकुरजी विराजमान हुए. रास्ते में बीच-बीच में संत-महंतों ने शोभायात्रा की आरती की.

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