जयपुर. राजस्थान विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में लंबे अरसे बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को सदन की कार्यवाही में नजर आईं. हालांकि, इससे पहले हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल कुछ उखड़े-उखड़े नजर आए.
बैठक में विधायक आवास खाली करने के लिए विधानसभा सचिवालय से आए नोटिस का मामला भी उछला. इसके अलावा स्थगन में अधिकतर सवालों के जवाब नहीं मिलने पर मेघवाल के साथ ही विधायक कालीचरण सराफ ने भी नाराजगी जताई.
बैठक नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में वसुंधरा राजे की मौजूदगी में विधायक कैलाश मेघवाल ने अपनी नाराजगी जाहिर की. मेघवाल की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि विधायक आवास खाली करने को लेकर मिले नोटिस के विरोध में पूर्व में 40 विधायकों ने हस्ताक्षर कर जो ज्ञापन स्पीकर को सौंपा था, उस पर अब तक क्या निर्णय हुआ.
मेघवाल ने नेता प्रतिपक्ष से यह भी पूछा कि आपने क्या इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से बात की और जवाब मांगा. मेघवाल के साथ विधायक कालीचरण सराफ ने विधानसभा में स्थगन के जरिए उठाए जाने वाले अधिकतर सवालों के जवाब नहीं मिलने पर भी आपत्ति जताई.
यह भी पढ़ेंः कांग्रेस नेताओं की तंज : PM मोदी सोशल मीडिया से नहीं, अहंकार और झूठ से करें तौबा
सराफ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायकों को इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए. इस संबंध में स्पीकर सीपी जोशी से चर्चा कर इसका समाधान भी कराना चाहिए. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने यह आश्वासन दिया कि वे इस बारे में स्पीकर से जल्द ही बात करेंगे और भाजपा विधायकों का पक्ष भी उनके समक्ष रखेंगे.
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे लंबे अरसे बाद विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में शामिल तो हुईं, लेकिन विधायक दल की बैठक के बाद शुरू हुए प्रश्नकाल में वे कुछ देर रुकी. राजे करीब 11:45 बजे सदन से बाहर चली गई और विधानसभा से करीब 12:15 वे रवाना हो गई. इस दौरान विधानसभा के पश्चिमी गेट तक वसुंधरा राजे को छोड़ने के लिए भाजपा विधायक अशोक लाहोटी, संदीप शर्मा, धर्मपाल चौधरी और अभिनेश महर्षी भी उनके साथ आए.