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वसुंधरा जन रसोई के पोस्टर ने लगाया विवादों का तड़का, मदन दिलावर ने दिया बड़ा बयान

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Published : May 31, 2021, 8:44 PM IST

कोरोना में वसुंधरा राजे के समर्थक कई जिलों में वसुंधरा जन रसोई को संचालन कर रहे हैं. वसुंधरा जन रसोई के बैनर पर न तो भाजपा का निशान है और न केंद्रीय नेताओं का. जिसको लेकर प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कुछ लोग पार्टी के बैनर के बिना ही काम कर रहे हैं. लेकिन भाजपा का कार्यकर्ता तो पार्टी के बैनर तले ही कार्यक्रम कर रहा है.

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वसुंधरा जन रसोई विवाद

जयपुर. कोरोना में बीजेपी के जन सेवा कार्य भी सियासत की भेंट चढ़ने लगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थकों की तरफ से विभिन्न जिलों में चलाई जा रही वसुंधरा जन रसोई इसका ताजा उदाहरण है. इसके बैनर पर पार्टी का कमल निशान या केंद्रीय नेताओं का फोटो नहीं होना सुर्खियों में है. इस बीच प्रदेश संगठन महामंत्री मदन दिलावर के आए एक बयान से वसुंधरा जन रसोई में विवादों का तड़का लगा दिया है.

पढे़ं: 'मोदी मतलब महंगाई' अभियान को नहीं मिला पूरी कांग्रेस का समर्थन, 21 में से 12 मंत्रियों ने नहीं दिया समर्थन

मदन दिलावर ने बयान दिया कि भाजपा का सेवा ही संगठन अभियान चल रहा है और तमाम भाजपा नेता, कार्यकर्ता व पदाधिकारियों को निर्देश हैं कि यह कार्यक्रम पार्टी के बैनर तले ही हों. जिसमें कमल का निशान हो, पार्टी के राष्ट्रीय, प्रदेश या फिर स्थानीय नेताओं की फोटो हो. लेकिन कुछ लोग पार्टी के बैनर के बिना भी यह काम कर रहे हैं. इस सेवा से जुड़े अभियान में समाज का हर तबका शामिल हो सकता है. लेकिन भाजपा का कार्यकर्ता तो पार्टी के बैनर तले ही कार्यक्रम कर रहा है.

वसुंधरा जन रसोई विवाद

क्या राजस्थान भाजपा में सब कुछ ठीक है

दिलावर का यह बयान उस समय आया है जब प्रदेश के कई जिलों में वसुंधरा राजे समर्थकों ने इसी बैनर पर वसुंधरा जन रसोई की शुरुआत कर गरीबों में भोजन का वितरण शुरू करवाया और इन कार्यक्रमों में भाजपा से जुड़े कई नेता विधायकों पदाधिकारी भी नजर आने लगे. लेकिन दिलावर ने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता तो पार्टी के बैनर में ही इस प्रकार के कार्यक्रम कर रहा है. मतलब भाजपा के जो नेता या कार्यकर्ता वसुंधरा जन रसोई में शामिल हो रहे हैं, उन्हें पार्टी भाजपा का नहीं मानती या फिर राजस्थान भाजपा में चल रही गुटबाजी फिर हावी होने लगी है.

पढ़ें: Poster Politics: इस बार वसुंधरा ने खेल कर दिया...पोस्टर से मोदी-शाह को कर दिया गायब

पूनिया ने कहा जो रसोई चला रहे हैं उनसे ही पूछिए

वसुंधरा जन रसोई को लेकर चल रहे अंदरूनी विवाद को लेकर जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में तो वहीं लोग बेहतर जवाब दे सकते हैं जो यह रसोई चला रहे हैं.

दिग्गज नेता वसुंधरा जन रसोई में आए नजर

जयपुर में ही अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वसुंधरा जन रसोई के तहत गरीबों में भोजन का वितरण का कार्यक्रम पिछले 1 सप्ताह से चल रहा है. इन कार्यक्रमों में पूर्व मंत्री यूनुस खान, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, जयपुर शहर भाजपा सांसद रामचरण बोहरा, भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी और पूर्व संसदीय मंत्री कैलाश वर्मा के साथ युवा मोर्चा के पूर्व देहात जिला अध्यक्ष अमित शर्मा शामिल हुए हैं. वहीं जन रसोई का संचालन भाजपा नेता सुरेश पाटोदिया कर रहे हैं.

प्रदेश संगठन के समानांतर चल रहे सेवा कार्य

वसुंधरा जन रसोई राजस्थान के कई जिलों में चल रही है और वहां के भाजपा से जुड़े कई नेता व कार्यकर्ता इसमें बढ़-चढ़कर शामिल हो रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषक इसे पार्टी के प्रदेश संगठन के समानांतर चल रहा कार्यक्रम भी मानते हैं. क्योंकि कोविड-19 के दौरान प्रदेश संगठन ने हेल्पलाइन सहित ट्विटर पर जनसेवा के कई कार्यक्रम चलाए. वही वसुंधरा राजे ऑफिस ने ट्विटर पर आम जन की मदद के लिए अभियान चला रखा है.

वसुंधरा समर्थकों का क्या कहना है

वसुंधरा जन रसोई कार्यक्रम में जो नेता शामिल हो रहे हैं, उन्होंने ना तो कार्यक्रम के बैनर पर आपत्ति जताई और ना आपत्ति जताने वालों को लेकर वे कुछ बोलना उचित समझ रहे हैं. ईटीवी भारत ने जब कुछ राजे समर्थक नेताओं से इस मामले में बात की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह भाजपा को अपना परिवार मानते हैं और वसुंधरा राजे भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं. राजस्थान की सर्वमान्य नेता हैं. ऐसे में कार्यक्रम को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए.

जयपुर. कोरोना में बीजेपी के जन सेवा कार्य भी सियासत की भेंट चढ़ने लगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थकों की तरफ से विभिन्न जिलों में चलाई जा रही वसुंधरा जन रसोई इसका ताजा उदाहरण है. इसके बैनर पर पार्टी का कमल निशान या केंद्रीय नेताओं का फोटो नहीं होना सुर्खियों में है. इस बीच प्रदेश संगठन महामंत्री मदन दिलावर के आए एक बयान से वसुंधरा जन रसोई में विवादों का तड़का लगा दिया है.

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मदन दिलावर ने बयान दिया कि भाजपा का सेवा ही संगठन अभियान चल रहा है और तमाम भाजपा नेता, कार्यकर्ता व पदाधिकारियों को निर्देश हैं कि यह कार्यक्रम पार्टी के बैनर तले ही हों. जिसमें कमल का निशान हो, पार्टी के राष्ट्रीय, प्रदेश या फिर स्थानीय नेताओं की फोटो हो. लेकिन कुछ लोग पार्टी के बैनर के बिना भी यह काम कर रहे हैं. इस सेवा से जुड़े अभियान में समाज का हर तबका शामिल हो सकता है. लेकिन भाजपा का कार्यकर्ता तो पार्टी के बैनर तले ही कार्यक्रम कर रहा है.

वसुंधरा जन रसोई विवाद

क्या राजस्थान भाजपा में सब कुछ ठीक है

दिलावर का यह बयान उस समय आया है जब प्रदेश के कई जिलों में वसुंधरा राजे समर्थकों ने इसी बैनर पर वसुंधरा जन रसोई की शुरुआत कर गरीबों में भोजन का वितरण शुरू करवाया और इन कार्यक्रमों में भाजपा से जुड़े कई नेता विधायकों पदाधिकारी भी नजर आने लगे. लेकिन दिलावर ने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता तो पार्टी के बैनर में ही इस प्रकार के कार्यक्रम कर रहा है. मतलब भाजपा के जो नेता या कार्यकर्ता वसुंधरा जन रसोई में शामिल हो रहे हैं, उन्हें पार्टी भाजपा का नहीं मानती या फिर राजस्थान भाजपा में चल रही गुटबाजी फिर हावी होने लगी है.

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पूनिया ने कहा जो रसोई चला रहे हैं उनसे ही पूछिए

वसुंधरा जन रसोई को लेकर चल रहे अंदरूनी विवाद को लेकर जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में तो वहीं लोग बेहतर जवाब दे सकते हैं जो यह रसोई चला रहे हैं.

दिग्गज नेता वसुंधरा जन रसोई में आए नजर

जयपुर में ही अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वसुंधरा जन रसोई के तहत गरीबों में भोजन का वितरण का कार्यक्रम पिछले 1 सप्ताह से चल रहा है. इन कार्यक्रमों में पूर्व मंत्री यूनुस खान, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, जयपुर शहर भाजपा सांसद रामचरण बोहरा, भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी और पूर्व संसदीय मंत्री कैलाश वर्मा के साथ युवा मोर्चा के पूर्व देहात जिला अध्यक्ष अमित शर्मा शामिल हुए हैं. वहीं जन रसोई का संचालन भाजपा नेता सुरेश पाटोदिया कर रहे हैं.

प्रदेश संगठन के समानांतर चल रहे सेवा कार्य

वसुंधरा जन रसोई राजस्थान के कई जिलों में चल रही है और वहां के भाजपा से जुड़े कई नेता व कार्यकर्ता इसमें बढ़-चढ़कर शामिल हो रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषक इसे पार्टी के प्रदेश संगठन के समानांतर चल रहा कार्यक्रम भी मानते हैं. क्योंकि कोविड-19 के दौरान प्रदेश संगठन ने हेल्पलाइन सहित ट्विटर पर जनसेवा के कई कार्यक्रम चलाए. वही वसुंधरा राजे ऑफिस ने ट्विटर पर आम जन की मदद के लिए अभियान चला रखा है.

वसुंधरा समर्थकों का क्या कहना है

वसुंधरा जन रसोई कार्यक्रम में जो नेता शामिल हो रहे हैं, उन्होंने ना तो कार्यक्रम के बैनर पर आपत्ति जताई और ना आपत्ति जताने वालों को लेकर वे कुछ बोलना उचित समझ रहे हैं. ईटीवी भारत ने जब कुछ राजे समर्थक नेताओं से इस मामले में बात की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह भाजपा को अपना परिवार मानते हैं और वसुंधरा राजे भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं. राजस्थान की सर्वमान्य नेता हैं. ऐसे में कार्यक्रम को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए.

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