ETV Bharat / city

सदन में फीस बिल लाकर अभिभावकों को राहत दे सरकार: वासुदेव देवनानी

राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने प्रदेश के अभिभावकों को राहत देने की बात कही. देवनानी ने कहा कि सरकार विधानसभा में फीस को लेकर बिल लाकर अभिभावकों को राहत देने पर विचार करें.

author img

By

Published : Feb 11, 2021, 9:28 PM IST

vasudev devnani,  vasudev devnani news
वासुदेव देवनानी

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने प्रदेश के अभिभावकों को राहत देने की बात कही. देवनानी ने कहा कि सरकार विधानसभा में फीस को लेकर बिल लाकर अभिभावकों को राहत देने पर विचार करें.

वासुदेव देवनानी

पढ़ें: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की गोद ली हुई ग्राम पंचायत का सरपंच 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

देवनानी ने कहा है कि कोरोना संकट से जनता के आर्थिक हालात खस्ता हैं. सुप्रीम कोर्ट का कल जजमेंट आया कि अभिभावक शत प्रतिशत फीस जमा कराएं. अभिभावकों की समस्या को देखते हुए सरकार विधानसभा के इस सत्र में फीस को लेकर बिल लेकर आए ताकि 62 लाख अभिभावकों को राहत मिल सके. देवनानी ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है. राज्य सरकार फीस के संबंध में बिल लाकर अभिभावकों को राहत दे सकती है. बशर्ते सरकार की मंशा साफ हो. सरकार चाहे तो स्कूलों को अनुदान देकर भी अभिभावकों को पूरी फीस जमा कराने में छूट दिलवा सकती है.

रीट परीक्षा के आयोजन पर बोलते हुए देवनानी ने कहा कि सरकार 25 अप्रैल को रीट की परीक्षा कराने पर आमादा है. जबकि उस दिन महावीर जयंती है. महावीर जयंती के दिन ही परीक्षा के आयोजन को लेकर एक शिक्षा मंत्री को अड़ना नहीं चाहिए. जयंती को ध्यान में रखते हुए परीक्षा का आयोजन दो चार दिन आगे-पीछे करने का निर्णय करना ही चाहिए. उन्होंने आंदोलनरत आशा सहयोगिनियों के विषय पर बोलते हुए कहा कि बड़ी संख्या में सहयोगिनी बहनें ठण्ड में खुले में बैठी हैं. अपनी न्यायसंगत विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से उनकी ओर से आंदोलन किया जा रहा है लेकिन सरकार उनको न्यूनतम मानदेय भी नहीं दे पा रही है.

देवनानी ने कहा कि सरकार की तरफ से उनसे कोई बात करने वाला नहीं है. यहीं नहीं पिछले दो सालों में प्रदेश की जनता को लूटा जा रहा है. जनता के आंसू पोछने का राग अलापने वाले मुख्यमंत्री गहलोत अपने कांग्रेस कार्यकर्ताओं तक के आंसू नहीं पूछ पा रहे हैं तो जनता के पौंछना तो दूर की बात है.

गहलोत नहीं अपराध राज चल रहा है प्रदेश में

प्रदेश में हो रहे आपराधिक घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए देवनानी ने कहा कि राज्य में पिछले दो सालों से गहलोत राज नहीं बल्कि अपराध राज चल रहा है. प्रदेश में अपराध बेलगाम, अपराधी बेखौफ, पुलिस भयांक्रात, महिलाएं असुरक्षित और जनता भय महसूस कर रही है. कल ही कोटा में रामगंजमंडी में सरेआम संघ के जिला संघचालक पर गोलियां चलाई जाना इसकी प्रत्यक्ष बानगी है. राजसमंद, दौसा, टोडारायसिंह, कोटडा सहित पुलिस पर हमले और फायरिंग की घटनाएं सबके सामने हैं.

उन्होंने कहा कि कलेक्टर से लेकर एसपी तक सब घूस के मामलों में लिप्त हैं. कोई दिन ऐसा नहीं है जब सरकारी अधिकारी घूस लेते नहीं पकड़े जा रहे हों. घूसखोर धडल्ले से घूस लेने के धंधे में लिप्त हैं. इन सबसे लग रहा है कि सरकार सभी मोर्चों पर नकारा, निकम्मी व असफल सिद्ध हुई है. प्रदेश में सड़कों का निर्माण कराने वाले ठेकेदारों का लगभग 13000 करोड़ का भुगतान पिछले दो साल से बकाया चल रहा है. जिसके चलते प्रदेश में ना तो सड़कों की मरम्मत हो पा रही है और ना ही नई सड़क का निर्माण हो पाया है.

युवाओं के साथ धोखा

देवनानी ने कहा कि सरकार ने युवाओं के साथ धोखा किया है. चुनावों के समय उन्हें स्वप्न दिखाये, वोट मांगे और अब अंगूठा दिखा रहे हैं. 29 लाख बेरोजगार युवाओं में से केवल दो लाख बेरोजगारों को भत्ता दिया है. नियुक्तियों की भी स्थिति भी कुछ ऐसी ही है. पिछले दो साल में सरकार ने 1 लाख 28 हजार भर्तियों की घोषणा की लेकिन अब तक केवल 18 हजार ही नियुक्तिया दे पाई जो कि गत भाजपा शासन के समय की प्रक्रियाधीन थी.

आसमान छूते बिजली व तेल के भाव

देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार आमजन को खुलेआम लूट रही है. राजस्थान में बिजली की दरें देशभर में सबसे ज्यादा है. बिजली की दरें हरियाणा 6.29, गुजरात 6.28, मध्यप्रदेश 7.05, पंजाब 7.72 है. जबकि राजस्थान में 13.32 रुपए प्रति यूनिट वसूला जा रहा है. यही हालात पेट्रोल और डीजल के भावों की स्थिति है. इसके लिए रात दिन मोदी जी को कोसते हैं जबकि केन्द्र की ओर से महज 16 रुपए टैक्स लगाया जाता है. जबकि राज्य सरकार की ओर से 38 रुपए से ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है.

अभिभाषण के दौरान मंत्री और अधिकारी नदारद भड़के कटारिया और राठौड़

सदन में जब राज्यपाल के अभिभाषण पर वासुदेव देवनानी बोल रहे थे. इस दौरान अधिकारी दीर्घा से अधिकतर अधिकारी नदारद थे. वहीं सदन में मंत्रियों की बात की जाए तो वह भी इक्का-दुक्का ही थे. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने इस पर आपत्ति जताई. हालांकि जवाब देकर मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने उन्हें शांत किया.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने प्रदेश के अभिभावकों को राहत देने की बात कही. देवनानी ने कहा कि सरकार विधानसभा में फीस को लेकर बिल लाकर अभिभावकों को राहत देने पर विचार करें.

वासुदेव देवनानी

पढ़ें: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की गोद ली हुई ग्राम पंचायत का सरपंच 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

देवनानी ने कहा है कि कोरोना संकट से जनता के आर्थिक हालात खस्ता हैं. सुप्रीम कोर्ट का कल जजमेंट आया कि अभिभावक शत प्रतिशत फीस जमा कराएं. अभिभावकों की समस्या को देखते हुए सरकार विधानसभा के इस सत्र में फीस को लेकर बिल लेकर आए ताकि 62 लाख अभिभावकों को राहत मिल सके. देवनानी ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है. राज्य सरकार फीस के संबंध में बिल लाकर अभिभावकों को राहत दे सकती है. बशर्ते सरकार की मंशा साफ हो. सरकार चाहे तो स्कूलों को अनुदान देकर भी अभिभावकों को पूरी फीस जमा कराने में छूट दिलवा सकती है.

रीट परीक्षा के आयोजन पर बोलते हुए देवनानी ने कहा कि सरकार 25 अप्रैल को रीट की परीक्षा कराने पर आमादा है. जबकि उस दिन महावीर जयंती है. महावीर जयंती के दिन ही परीक्षा के आयोजन को लेकर एक शिक्षा मंत्री को अड़ना नहीं चाहिए. जयंती को ध्यान में रखते हुए परीक्षा का आयोजन दो चार दिन आगे-पीछे करने का निर्णय करना ही चाहिए. उन्होंने आंदोलनरत आशा सहयोगिनियों के विषय पर बोलते हुए कहा कि बड़ी संख्या में सहयोगिनी बहनें ठण्ड में खुले में बैठी हैं. अपनी न्यायसंगत विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से उनकी ओर से आंदोलन किया जा रहा है लेकिन सरकार उनको न्यूनतम मानदेय भी नहीं दे पा रही है.

देवनानी ने कहा कि सरकार की तरफ से उनसे कोई बात करने वाला नहीं है. यहीं नहीं पिछले दो सालों में प्रदेश की जनता को लूटा जा रहा है. जनता के आंसू पोछने का राग अलापने वाले मुख्यमंत्री गहलोत अपने कांग्रेस कार्यकर्ताओं तक के आंसू नहीं पूछ पा रहे हैं तो जनता के पौंछना तो दूर की बात है.

गहलोत नहीं अपराध राज चल रहा है प्रदेश में

प्रदेश में हो रहे आपराधिक घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए देवनानी ने कहा कि राज्य में पिछले दो सालों से गहलोत राज नहीं बल्कि अपराध राज चल रहा है. प्रदेश में अपराध बेलगाम, अपराधी बेखौफ, पुलिस भयांक्रात, महिलाएं असुरक्षित और जनता भय महसूस कर रही है. कल ही कोटा में रामगंजमंडी में सरेआम संघ के जिला संघचालक पर गोलियां चलाई जाना इसकी प्रत्यक्ष बानगी है. राजसमंद, दौसा, टोडारायसिंह, कोटडा सहित पुलिस पर हमले और फायरिंग की घटनाएं सबके सामने हैं.

उन्होंने कहा कि कलेक्टर से लेकर एसपी तक सब घूस के मामलों में लिप्त हैं. कोई दिन ऐसा नहीं है जब सरकारी अधिकारी घूस लेते नहीं पकड़े जा रहे हों. घूसखोर धडल्ले से घूस लेने के धंधे में लिप्त हैं. इन सबसे लग रहा है कि सरकार सभी मोर्चों पर नकारा, निकम्मी व असफल सिद्ध हुई है. प्रदेश में सड़कों का निर्माण कराने वाले ठेकेदारों का लगभग 13000 करोड़ का भुगतान पिछले दो साल से बकाया चल रहा है. जिसके चलते प्रदेश में ना तो सड़कों की मरम्मत हो पा रही है और ना ही नई सड़क का निर्माण हो पाया है.

युवाओं के साथ धोखा

देवनानी ने कहा कि सरकार ने युवाओं के साथ धोखा किया है. चुनावों के समय उन्हें स्वप्न दिखाये, वोट मांगे और अब अंगूठा दिखा रहे हैं. 29 लाख बेरोजगार युवाओं में से केवल दो लाख बेरोजगारों को भत्ता दिया है. नियुक्तियों की भी स्थिति भी कुछ ऐसी ही है. पिछले दो साल में सरकार ने 1 लाख 28 हजार भर्तियों की घोषणा की लेकिन अब तक केवल 18 हजार ही नियुक्तिया दे पाई जो कि गत भाजपा शासन के समय की प्रक्रियाधीन थी.

आसमान छूते बिजली व तेल के भाव

देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार आमजन को खुलेआम लूट रही है. राजस्थान में बिजली की दरें देशभर में सबसे ज्यादा है. बिजली की दरें हरियाणा 6.29, गुजरात 6.28, मध्यप्रदेश 7.05, पंजाब 7.72 है. जबकि राजस्थान में 13.32 रुपए प्रति यूनिट वसूला जा रहा है. यही हालात पेट्रोल और डीजल के भावों की स्थिति है. इसके लिए रात दिन मोदी जी को कोसते हैं जबकि केन्द्र की ओर से महज 16 रुपए टैक्स लगाया जाता है. जबकि राज्य सरकार की ओर से 38 रुपए से ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है.

अभिभाषण के दौरान मंत्री और अधिकारी नदारद भड़के कटारिया और राठौड़

सदन में जब राज्यपाल के अभिभाषण पर वासुदेव देवनानी बोल रहे थे. इस दौरान अधिकारी दीर्घा से अधिकतर अधिकारी नदारद थे. वहीं सदन में मंत्रियों की बात की जाए तो वह भी इक्का-दुक्का ही थे. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने इस पर आपत्ति जताई. हालांकि जवाब देकर मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने उन्हें शांत किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.