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Cyber Crime का गढ़ बन रहा भरतपुर-मेवात, उत्तराखंड DGP ने राजस्थान सरकार को लिखा पत्र

राजनीतिक संरक्षण की आड़ में जामताड़ा की तर्ज पर राजस्थान भी साइबर अपराध (Cyber Crime) का हब बनता जा रहा है. भरतपुर-मेवात के गांव के गांव साइबर अपराध में लिप्त हैं. ऐसे में डीजीपी अशोक कुमार ने राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए सहयोग की मांग की है.

Government of Rajasthan,  DGP Ashok Kumar
साइबर अपराध का गढ़ बन रहा भरतपुर-मेवात
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Published : Jul 3, 2021, 7:29 PM IST

देहरादून/जयपुर. उत्तराखंड में आए दिन भोले-भाले लोगों को निशाना बनाकर लाखों-करोड़ों की ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों धरपकड़ के दौरान पड़ताल में यह बात सामने आई है कि राजस्थान का मेवात-भरतपुर भी साइबर क्राइम (Cyber crime) का गढ़ बनता जा रहा है. पिछले दिनों उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किये गए भरतपुर के 3 अपराधियों से पूछताछ के बाद यह खुलासा भी हुआ है.

पढ़ें- Cyber Crime: राजस्थान के पुलिस अधिकारी से 97 लाख की ठगी, जामताड़ा से एक साइबर अपराधी गिरफ्तार

बता दें, पिछले दिनों 14 अपराधियों में से भरतपुर के तीन अपराधियों को दबोचा गया था. पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि लंबे समय से राजस्थान के भरतपुर-मेवात जैसे हिस्सों में गांव के गांव साइबर अपराधियों से भरे पड़े हैं. यहां से साइबर धोखाधड़ी का नेटवर्क पूरे देश में फैला है. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि उन्हें वहां के राजनीतिक लोगों का संरक्षण प्राप्त है, जिस वजह से वो बच रहे हैं.

साइबर अपराध का गढ़ बन रहा भरतपुर-मेवात

इस खुलासे के बाद उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर साइबर गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए सहयोग मांगा है. क्योंकि, ऐसा बताया जा रहा है कि जब पिछले दिनों उत्तराखंड की एसटीएफ टीमें राजस्थान के भरतपुर-मेवात क्षेत्र में साइबर अपराधियों की धरपकड़ लिए पहुंची तो उन्हें विरोध और दबाव का सामना करना पड़ा.

उत्तराखंड में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर पैसों की धोखाधड़ी करने मामले में भी राजस्थान के भरतपुर से ही साइबर गिरोह के 3 सदस्यों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था. उत्तराखंड एसटीएफ की गिरफ्त में आए इन अपराधियों से पूछताछ में पता चला कि दूसरे प्रदेशों की पुलिस जब भी राजस्थान के भरतपुर-मेवात में कार्रवाई के लिए जाती है तो पुलिस के पहुंचने से ही उन्हें राजनीतिक लोगों से सूचना मिल जाती है.

Dehradun Cyber Crime News,  Government of Rajasthan
पिछले दिनों एसटीएफ को कार्रवाई में हुई परेशानी

भरतपुर-मेवात से चल रहा है साइबर क्राइम का ऑल इंडिया नेटवर्क: पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि भरतपुर-मेवात में कई गांव साइबर क्राइम (Cyber Crime) में लंबे समय से लिप्त हैं. गांव में कुछ लोगों का काम फर्जी आईडी से सिम उपलब्ध कराना है. कुछ गांव वालों का काम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग बैंकों में अकाउंट खुलवाना होता है. साइबर अपराधियों के ठिकाने में हाईटेक तकनीक का सहारा लेकर बकायदा कॉल सेंटर की तरह साइबर धोखाधड़ी का जाल देशभर में फैला है.

गांव के गांव साइबर क्राइम में लिप्त: डीआईजी

गांव के गांव साइबर क्राइम के नए हथकंडे वाले कॉटेज तैयार कर देश के कई हिस्सों में ट्रकों से निकल जाते हैं और लोगों को निशाना बनाकर भारी मात्रा में साइबर ठगी (Cyber Crime) का रुपया बैंकों में ट्रांसफर कर बड़े-बड़े गिरोह चला रहे हैं.

Dehradun Cyber Crime News,  Government of Rajasthan
भरतपुर से पकड़े गए तीन आरोपियों ने पूछताछ में किया खुलासा.

सहयोग के लिए राजस्थान सरकार को लिखा पत्र- डीआईजी

डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि राजस्थान के भरतपुर-मेवात जैसे इलाकों में झारखंड जामताड़ा के तर्ज पर ही पुलिस को साइबर अपराधियों के गढ़ में जाकर उनकी धरपकड़ के लिए कई तरह की दबाव और मुश्किल भरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर वहां प्रभावी कार्रवाई के लिए सहयोग मांगा गया है.

देहरादून/जयपुर. उत्तराखंड में आए दिन भोले-भाले लोगों को निशाना बनाकर लाखों-करोड़ों की ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों धरपकड़ के दौरान पड़ताल में यह बात सामने आई है कि राजस्थान का मेवात-भरतपुर भी साइबर क्राइम (Cyber crime) का गढ़ बनता जा रहा है. पिछले दिनों उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किये गए भरतपुर के 3 अपराधियों से पूछताछ के बाद यह खुलासा भी हुआ है.

पढ़ें- Cyber Crime: राजस्थान के पुलिस अधिकारी से 97 लाख की ठगी, जामताड़ा से एक साइबर अपराधी गिरफ्तार

बता दें, पिछले दिनों 14 अपराधियों में से भरतपुर के तीन अपराधियों को दबोचा गया था. पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि लंबे समय से राजस्थान के भरतपुर-मेवात जैसे हिस्सों में गांव के गांव साइबर अपराधियों से भरे पड़े हैं. यहां से साइबर धोखाधड़ी का नेटवर्क पूरे देश में फैला है. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि उन्हें वहां के राजनीतिक लोगों का संरक्षण प्राप्त है, जिस वजह से वो बच रहे हैं.

साइबर अपराध का गढ़ बन रहा भरतपुर-मेवात

इस खुलासे के बाद उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर साइबर गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए सहयोग मांगा है. क्योंकि, ऐसा बताया जा रहा है कि जब पिछले दिनों उत्तराखंड की एसटीएफ टीमें राजस्थान के भरतपुर-मेवात क्षेत्र में साइबर अपराधियों की धरपकड़ लिए पहुंची तो उन्हें विरोध और दबाव का सामना करना पड़ा.

उत्तराखंड में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर पैसों की धोखाधड़ी करने मामले में भी राजस्थान के भरतपुर से ही साइबर गिरोह के 3 सदस्यों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था. उत्तराखंड एसटीएफ की गिरफ्त में आए इन अपराधियों से पूछताछ में पता चला कि दूसरे प्रदेशों की पुलिस जब भी राजस्थान के भरतपुर-मेवात में कार्रवाई के लिए जाती है तो पुलिस के पहुंचने से ही उन्हें राजनीतिक लोगों से सूचना मिल जाती है.

Dehradun Cyber Crime News,  Government of Rajasthan
पिछले दिनों एसटीएफ को कार्रवाई में हुई परेशानी

भरतपुर-मेवात से चल रहा है साइबर क्राइम का ऑल इंडिया नेटवर्क: पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि भरतपुर-मेवात में कई गांव साइबर क्राइम (Cyber Crime) में लंबे समय से लिप्त हैं. गांव में कुछ लोगों का काम फर्जी आईडी से सिम उपलब्ध कराना है. कुछ गांव वालों का काम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग बैंकों में अकाउंट खुलवाना होता है. साइबर अपराधियों के ठिकाने में हाईटेक तकनीक का सहारा लेकर बकायदा कॉल सेंटर की तरह साइबर धोखाधड़ी का जाल देशभर में फैला है.

गांव के गांव साइबर क्राइम में लिप्त: डीआईजी

गांव के गांव साइबर क्राइम के नए हथकंडे वाले कॉटेज तैयार कर देश के कई हिस्सों में ट्रकों से निकल जाते हैं और लोगों को निशाना बनाकर भारी मात्रा में साइबर ठगी (Cyber Crime) का रुपया बैंकों में ट्रांसफर कर बड़े-बड़े गिरोह चला रहे हैं.

Dehradun Cyber Crime News,  Government of Rajasthan
भरतपुर से पकड़े गए तीन आरोपियों ने पूछताछ में किया खुलासा.

सहयोग के लिए राजस्थान सरकार को लिखा पत्र- डीआईजी

डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि राजस्थान के भरतपुर-मेवात जैसे इलाकों में झारखंड जामताड़ा के तर्ज पर ही पुलिस को साइबर अपराधियों के गढ़ में जाकर उनकी धरपकड़ के लिए कई तरह की दबाव और मुश्किल भरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर वहां प्रभावी कार्रवाई के लिए सहयोग मांगा गया है.

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