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जयपुर: JK लोन अस्पताल में मासूम की मौत पर हंगामा, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

प्रदेशभर में एक ओर रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल चल रही है. जिसके चलते अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. वहीं दूसरी ओर जेके लोन अस्पताल में मंगलवार को 6 माह के मासूम की इलाज के दौरान मौत हो जाने से हंगामा खड़ा हो गया. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए.

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JK लोन अस्पताल में मासूम की मौत पर हंगामा
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Published : Dec 4, 2019, 6:45 AM IST

जयपुर. प्रदेशभर में एक ओर रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल चल रही है. जिसके चलते अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. वहीं दूसरी ओर जेके लोन अस्पताल में मंगलवार को 6 माह के मासूम की इलाज के दौरान मौत हो जाने से हंगामा खड़ा हो गया. करीब दो घंटे चले हंगामे में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए.

JK लोन अस्पताल में मासूम की मौत पर हंगामा

परिजनों का कहना है कि अगर उनके बच्चे को समय रहते वेंटिलेटर मिल जाता तो उनके बच्चे की मौत नहीं होती. आगरा निवासी कन्हैया ने बताया कि 6 महीने के उसके बेटे माधव को सोमवार और मंगलवार की दरम्यिान रात करीब दो बजे जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां के डॉक्टर्स ने उसे निमोनिया होना बताया था और खुद ने ही जल्द से जल्द आईसीयू में शिफ्ट करने की बात कही थी.

लेकिन मंगलवार दोपहर तक उसे वार्ड में रखा. कई बार कहने के बावजूद बच्चे को आईसीयू में शिफ्ट नहीं किया गया. अस्पताल अधीक्षक से बात करवाने के बावजूद बच्चे को आईसीयू में शिफ्ट नहीं किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं बच्चे की मां का कहना है कि अगर इलाज में लापरवाही नहीं होती तो बच्चे की मौत नहीं होती.

कन्हैया के बड़े भाई संदीप ने बताया कि तीन भाइयों के घर में मृतक बच्चा ही पहली और इकलौती संतान था, उसकी भी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मौत हो गई. संदीप ने अस्पताल अधीक्षक से लापरवाही बरतने वाले दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

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वहीं मासूम की मौत के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ अशोक गुप्ता ने कहा कि बच्चे को गंभीर हालात में यहां लाया गया था. परिजनों के सामने मैने अपने स्टाफ को आवश्यक निर्देश दिए थे. परिजनों का आरोप है कि मेरे आदेशों का पालन नहीं हुआ है. परिजनों से लिखित में शिकायत ली है. मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

जयपुर. प्रदेशभर में एक ओर रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल चल रही है. जिसके चलते अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. वहीं दूसरी ओर जेके लोन अस्पताल में मंगलवार को 6 माह के मासूम की इलाज के दौरान मौत हो जाने से हंगामा खड़ा हो गया. करीब दो घंटे चले हंगामे में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए.

JK लोन अस्पताल में मासूम की मौत पर हंगामा

परिजनों का कहना है कि अगर उनके बच्चे को समय रहते वेंटिलेटर मिल जाता तो उनके बच्चे की मौत नहीं होती. आगरा निवासी कन्हैया ने बताया कि 6 महीने के उसके बेटे माधव को सोमवार और मंगलवार की दरम्यिान रात करीब दो बजे जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां के डॉक्टर्स ने उसे निमोनिया होना बताया था और खुद ने ही जल्द से जल्द आईसीयू में शिफ्ट करने की बात कही थी.

लेकिन मंगलवार दोपहर तक उसे वार्ड में रखा. कई बार कहने के बावजूद बच्चे को आईसीयू में शिफ्ट नहीं किया गया. अस्पताल अधीक्षक से बात करवाने के बावजूद बच्चे को आईसीयू में शिफ्ट नहीं किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं बच्चे की मां का कहना है कि अगर इलाज में लापरवाही नहीं होती तो बच्चे की मौत नहीं होती.

कन्हैया के बड़े भाई संदीप ने बताया कि तीन भाइयों के घर में मृतक बच्चा ही पहली और इकलौती संतान था, उसकी भी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मौत हो गई. संदीप ने अस्पताल अधीक्षक से लापरवाही बरतने वाले दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

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वहीं मासूम की मौत के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ अशोक गुप्ता ने कहा कि बच्चे को गंभीर हालात में यहां लाया गया था. परिजनों के सामने मैने अपने स्टाफ को आवश्यक निर्देश दिए थे. परिजनों का आरोप है कि मेरे आदेशों का पालन नहीं हुआ है. परिजनों से लिखित में शिकायत ली है. मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:जयपुर :प्रदेशभर में एक ओर रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल चल रही है. जिसके चलते अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. वही दूसरी ओर जेके लोन अस्पताल में मंगलवार को 6 माह के मासूम की इलाज के दौरान मौत हो जाने के हंगामा खड़ा हो गया. करीब दो घंटे चले हंगामे में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए. परिजनों का कहना है, कि अगर उनके बच्चे को समय रहते वेंटिलेटर मिल जाता तो उनके बच्चे की मौत नहीं होती.

आगरा निवासी कन्हैया ने बताया कि उसका 6 महीने का बेटा (माधव) को सोमवार और मंगलवार की दरम्यिान रात करीब दो बजे जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां के डॉक्टर्स ने उसे निमोनिया होना बताया था और खुद ने ही जल्द से जल्द आईसीयू में शिफ्ट करने की बात कही थी, लेकिन मंगलवार दोपहर तक उसे वॉर्ड में रखा. ऐसे में जब उसे आईसीयू में शिफ्ट करने पर जब कहा तो हमें छिडक़ देते और बाहर निकाल देते थे. उधर, माधव की तबियत लगातार खराब होती जा रही थी. ऐसे में बड़े भाई संदीप सिंह ने उच्चे अधिकारियों से अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता को फोन करवाया. डॉ. अशोक ने स्टॉफ को बच्चे को आईसीयू में शिफ्ट करने के लिए फोन पर बोल दिया था. उसके बावजूद भी स्टाफ ने उनकी एक नहीं मानी और अंत में माधव ने दम तोड़ दिया.

कन्हैया की पत्नी संतोष को बेटे माधव की मौत का पता चला तो उसका रूलाई फूट पड़ी. रोती-बिलखती संतोष ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता को कहा कि मेरे बेटे की हालात पल-पल खराब हो रही थी, लेकिन उनका स्टॉफ को कोई फ्रिक ही नहीं थी. वह तो अपने साथियों के साथ हंसी-ठिठौली करता रहा. अगर वो इलाज में लापरवाहीं नहीं बरतते तो उनका बेटा सही सलामत होता. वही कन्हैया के बड़े भाई संदीप सिंह ने बताया कि तीन भाईयों में कन्हैया के घर पहली संतान माधव के रूप में हुई थी और उसकी भी मौत हो गई। संदीप ने अधीक्षक को कहा कि जब आपको भतीजे माधव के बारे में सारी जानकारी दे दी। उसके जब आपने भी अपने स्टाफ को निर्देश दिए कि बच्चे को जल्द से जल्द आईसीयू में शिफ्ट कर दिया जाए तो भी उनकी बात नहीं मानी। ऐसे में उन सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

वही मासूम की मौत के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ अशोक गुप्ता ने कहा, कि बच्चे को गंभीर हालात में यहां लाया गया था. परिजनों के सामने मैनें अपने स्टाफ को आवश्यक निर्देश दिए थे. परिजनों का आरोप है कि मेरे आदेशों का भी उन्होंने नहीं मानें ऐसे में परिजनों से लिखित में शिकायत ली है. मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बाईट 1-संदीप सिंह परिजन
बाईट 2- डॉ. अशोक गुप्ता, अधीक्षक, जेके लोन अस्पतालBody:।।।Conclusion:।।।
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