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विधानसभा के प्रश्नकाल में हंगामा, नंदीशाला पर किए सवाल के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट, सदन से किया वॉकआउट... बिश्नोई भी सवालों में उलझे

विधानसभा में प्रश्नकाल आज हंगामेदार (Uproar in the question hour of assembly) रहा. नंदी शाला को लेकर आज फिर विपक्ष जवाब से संतुष्ट (Opposition dissatisfied with the answer of Nandishala question) नहीं हो सका. शोर शराबे और हंगामे के दौरान सदन से विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. वहीं बाल श्रमिकों को लेकर किए गए सवाल पर मंत्री बगले झांकने लगे. स्पीकर ने सवाल ही कर दिया स्थगित.

Uproar in the question hour of assembly
विपक्ष ने किया वॉकआउट
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Published : Mar 4, 2022, 4:03 PM IST

Updated : Mar 4, 2022, 7:24 PM IST

जयपुर. विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान फिर से प्रदेश की हर पंचायत में नंदीशाला खोले जाने को लेकर लेकर सवाल उठा. इसके जवाब में जब मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि अब तक 5 साल में एक भी नंदी शाला पंचायत स्तर पर नहीं खुली है तो विपक्ष ने यह सवाल किया कि क्या इस सरकार के रहते एक भी नंदी शाला पंचायत स्तर पर खुलेगी. इसपर मंत्री प्रमोद जैन भाया के जवाब से असंतुष्ट (Opposition dissatisfied with the answer of Nandishala question) होकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

दरअसल हुआ यह कि सलूंबर में नंदीशाला की स्थापना से जुड़ा सवाल लगा तो गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने जवाब दिया कि हमारी सरकार ने प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर नंदी शाला की स्थापना की घोषणा की थी. नंदी शाला स्थापित करने के लिए अगस्त 2021 में दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक 24 जिलों में समितियों से निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं. 16 जिलों में जिला स्तरीय नंदी शाला स्थापित की गई हैं. नंदी शालाओं के लिए 111.91 करोड़ राशि का प्रावधान है.

पढ़ें. विपक्ष ने कहा- बिधूड़ी ने 7 मिनट में पुलिस अफसर को दी 100 बार गाली, खाचरियावास को लगती है ये 'जनता की आवाज'

वर्तमान में पंचायत समितियों में नंदीशाला खोले जाने की संख्या शून्य है. पंचायत स्तरीय नंदी शाला के लिए 1.57 करोड़ का प्रावधान रखा गया है. इसमें राज्य सरकार का हिस्सा 90% होगा जिसका विस्तृत परीक्षण किया गया है. इस वजह से विलंब हुआ और कोरोना महामारी के कारण भी देरी हुई. इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि क्या इस विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक सभी पंचायत में नंदी शालाएं प्रारंभ हो जाएगी तो मंत्री भाया ने कहा कि हम इस दिशा में प्रयासरत हैं. कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर नहीं है.

आपकी सरकार ने जिला स्तरीय नंदीशाला की घोषणा की लेकिन पूरा कार्यकाल होने तक भी एक भी नदी शाला शुरू नहीं हुई. इस पर नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि क्या आप हमारी तरफ आना चाहते हो क्या? मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा यह निर्णय तो जनता करती है. इसके बाद नंदी शाला से जुड़े सवाल पर सदन में नोकझोंक और हंगामा हुआ और जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया.

पढ़ें. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की बढ़ी सक्रियता, जयपुर में बैंड समूह सदस्यों के बीच पहुंची राजे, ये है वजह...

3 साल में 10 हज़ार किमी में से 158 किमी सड़क बनी
आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में नई सड़क नीति से जुड़ा सवाल भी उठा. राजेंद्र राठौड़ के सवाल पर मंत्री भजन लाल जाटव ने कहा कि ग्राम पंचायतों में 172 विकास पथ का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. अब तक 535 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं. कोविड के चलते जो परिस्थितियां बनीं, उसके चलते वित्तीय उपलब्धता नहीं होने के चलते कार्य कम हुए. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 10,000 किलोमीटर की जगह अब तक केवल 158 किलोमीटर सड़क बनाई गई है. 5 साल में कितनी बन सकेगी.

इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी पूछा कि जब अब तक 10000 किलोमीटर में से 158 किलोमीटर सड़क बनी है तो बाकी बची सड़कें बनाने में कितना समय लगेगा. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने ही कह दिया कि 25 साल और लगेंगे.

बालश्रमिकों के सवाल पर चुप हो गए सुखराम विश्नोई, नाराज स्पीकर ने स्थगित किया सवाल
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान श्रम मंत्री सुखराम बिश्नोई बाल श्रमिकों से जुड़े सवाल के जवाब में फंस गए. सही जवाब नहीं देने पर स्पीकर सीपी जोशी नाराज हो गए और सवाल को ही स्थगित कर दिया. सवाल प्रदेश में बाल श्रमिकों का पुनर्वास से जुड़ा था जिसपर मंत्री सुखराम बिश्नोई ने बताया कि 3 साल में 4745 बाल श्रमिक मुक्त करवाए गए. सभी मामले में आरोप पत्र भी पेश किए गए. लेकिन जब कालीचरण सराफ ने यह पूछा कि कितनों के खिलाफ 3 साल में कार्रवाई हुई है और बाल श्रमिक दोबारा मानव तस्करों के चंगुल में न फंसे इसके लिए सरकार ने क्या कदम उठाए. इस सवाल का जवाब मंत्री सुखराम विश्नोई नहीं दे पाए. यहां तक कि स्पीकर की ओर से बार-बार रोकने के बावजूद नहीं दे पाए जवाब, आखिर स्पीकर ने प्रश्न को स्थगित किया.

पढ़ें. विपक्ष के आरोपों पर CM का पलटवार, ट्वीट कर लिखा- उन लोगों को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं

अन्य सवालों में भी उठे जनता के मुद्दे
विधानसभा में प्रश्नकाल में डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र में खातेदारी अधिकार संबंधी सवाल के जवाब में मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि प्रशासन गांवों के संग अभियान में सबसे ज्यादा भूमि डूंगरपुर जिले में अलॉट हुई है. वन अधिकार पट्टा संबंधी जो आवेदन आए हैं उनका कमेटियों के स्तर पर निस्तारण हो रहा है. कोई छूट रहा है तो कमेटी में रखिये हम आपकी मदद करेंगे. चौहटन विधानसभा क्षेत्र में खानों से रॉयल्टी संबंधित सवाल पर खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि खानों से नियमानुसार रॉयल्टी प्राप्त हो रही है. इसलिए जांच की आवश्यकता नहीं है. यदि ऐसा लगता है कि कोई स्टोन क्रेशर अवैध संचालित है तो हमें बताएं हम जांच कराएंगे.

अजमेर में विधवा एवं बीपीएल परिवार की पुत्रियों के विवाह के लिए देय राशि से जुड़े सवाल पर स्पीकर सीपी जोशी ने समय पर यह काम पूरा कराने की बात कही तो रामलाल जाट ने कहा कि विवाह रजिस्ट्रेशन होने के 10 दिन में यह काम कर लिए जाएंगे. चित्तौड़गढ़ जिले में कृषि उपज मंडी समितियों की ओर से किसानों की सहायता से जुड़े सवाल पर मंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा कि 592 लाभार्थियों को सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई.

वर्तमान में 68 आवेदन प्रकरण लंबित हैं जो भी प्रकरण लंबित हैं उनके पीछे कोई ना कोई वजह है ।कोशिश करेंगे कि जल्द ही उनका निस्तारण कर दिया जाए।इसपर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूछा क्या इस संबंध में कोई प्रयास किया है क्या?इसपर मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा,इनमें से ज्यादातर प्रकरण एफएसएल में गए हुए हैं,जल्दी रिपोर्ट भिजवाने के लिए एफएसएल को लिखेंगे.

जयपुर. विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान फिर से प्रदेश की हर पंचायत में नंदीशाला खोले जाने को लेकर लेकर सवाल उठा. इसके जवाब में जब मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि अब तक 5 साल में एक भी नंदी शाला पंचायत स्तर पर नहीं खुली है तो विपक्ष ने यह सवाल किया कि क्या इस सरकार के रहते एक भी नंदी शाला पंचायत स्तर पर खुलेगी. इसपर मंत्री प्रमोद जैन भाया के जवाब से असंतुष्ट (Opposition dissatisfied with the answer of Nandishala question) होकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

दरअसल हुआ यह कि सलूंबर में नंदीशाला की स्थापना से जुड़ा सवाल लगा तो गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने जवाब दिया कि हमारी सरकार ने प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर नंदी शाला की स्थापना की घोषणा की थी. नंदी शाला स्थापित करने के लिए अगस्त 2021 में दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक 24 जिलों में समितियों से निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं. 16 जिलों में जिला स्तरीय नंदी शाला स्थापित की गई हैं. नंदी शालाओं के लिए 111.91 करोड़ राशि का प्रावधान है.

पढ़ें. विपक्ष ने कहा- बिधूड़ी ने 7 मिनट में पुलिस अफसर को दी 100 बार गाली, खाचरियावास को लगती है ये 'जनता की आवाज'

वर्तमान में पंचायत समितियों में नंदीशाला खोले जाने की संख्या शून्य है. पंचायत स्तरीय नंदी शाला के लिए 1.57 करोड़ का प्रावधान रखा गया है. इसमें राज्य सरकार का हिस्सा 90% होगा जिसका विस्तृत परीक्षण किया गया है. इस वजह से विलंब हुआ और कोरोना महामारी के कारण भी देरी हुई. इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि क्या इस विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक सभी पंचायत में नंदी शालाएं प्रारंभ हो जाएगी तो मंत्री भाया ने कहा कि हम इस दिशा में प्रयासरत हैं. कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर नहीं है.

आपकी सरकार ने जिला स्तरीय नंदीशाला की घोषणा की लेकिन पूरा कार्यकाल होने तक भी एक भी नदी शाला शुरू नहीं हुई. इस पर नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि क्या आप हमारी तरफ आना चाहते हो क्या? मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा यह निर्णय तो जनता करती है. इसके बाद नंदी शाला से जुड़े सवाल पर सदन में नोकझोंक और हंगामा हुआ और जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया.

पढ़ें. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की बढ़ी सक्रियता, जयपुर में बैंड समूह सदस्यों के बीच पहुंची राजे, ये है वजह...

3 साल में 10 हज़ार किमी में से 158 किमी सड़क बनी
आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में नई सड़क नीति से जुड़ा सवाल भी उठा. राजेंद्र राठौड़ के सवाल पर मंत्री भजन लाल जाटव ने कहा कि ग्राम पंचायतों में 172 विकास पथ का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. अब तक 535 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं. कोविड के चलते जो परिस्थितियां बनीं, उसके चलते वित्तीय उपलब्धता नहीं होने के चलते कार्य कम हुए. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि 10,000 किलोमीटर की जगह अब तक केवल 158 किलोमीटर सड़क बनाई गई है. 5 साल में कितनी बन सकेगी.

इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी पूछा कि जब अब तक 10000 किलोमीटर में से 158 किलोमीटर सड़क बनी है तो बाकी बची सड़कें बनाने में कितना समय लगेगा. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने ही कह दिया कि 25 साल और लगेंगे.

बालश्रमिकों के सवाल पर चुप हो गए सुखराम विश्नोई, नाराज स्पीकर ने स्थगित किया सवाल
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान श्रम मंत्री सुखराम बिश्नोई बाल श्रमिकों से जुड़े सवाल के जवाब में फंस गए. सही जवाब नहीं देने पर स्पीकर सीपी जोशी नाराज हो गए और सवाल को ही स्थगित कर दिया. सवाल प्रदेश में बाल श्रमिकों का पुनर्वास से जुड़ा था जिसपर मंत्री सुखराम बिश्नोई ने बताया कि 3 साल में 4745 बाल श्रमिक मुक्त करवाए गए. सभी मामले में आरोप पत्र भी पेश किए गए. लेकिन जब कालीचरण सराफ ने यह पूछा कि कितनों के खिलाफ 3 साल में कार्रवाई हुई है और बाल श्रमिक दोबारा मानव तस्करों के चंगुल में न फंसे इसके लिए सरकार ने क्या कदम उठाए. इस सवाल का जवाब मंत्री सुखराम विश्नोई नहीं दे पाए. यहां तक कि स्पीकर की ओर से बार-बार रोकने के बावजूद नहीं दे पाए जवाब, आखिर स्पीकर ने प्रश्न को स्थगित किया.

पढ़ें. विपक्ष के आरोपों पर CM का पलटवार, ट्वीट कर लिखा- उन लोगों को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं

अन्य सवालों में भी उठे जनता के मुद्दे
विधानसभा में प्रश्नकाल में डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र में खातेदारी अधिकार संबंधी सवाल के जवाब में मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि प्रशासन गांवों के संग अभियान में सबसे ज्यादा भूमि डूंगरपुर जिले में अलॉट हुई है. वन अधिकार पट्टा संबंधी जो आवेदन आए हैं उनका कमेटियों के स्तर पर निस्तारण हो रहा है. कोई छूट रहा है तो कमेटी में रखिये हम आपकी मदद करेंगे. चौहटन विधानसभा क्षेत्र में खानों से रॉयल्टी संबंधित सवाल पर खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि खानों से नियमानुसार रॉयल्टी प्राप्त हो रही है. इसलिए जांच की आवश्यकता नहीं है. यदि ऐसा लगता है कि कोई स्टोन क्रेशर अवैध संचालित है तो हमें बताएं हम जांच कराएंगे.

अजमेर में विधवा एवं बीपीएल परिवार की पुत्रियों के विवाह के लिए देय राशि से जुड़े सवाल पर स्पीकर सीपी जोशी ने समय पर यह काम पूरा कराने की बात कही तो रामलाल जाट ने कहा कि विवाह रजिस्ट्रेशन होने के 10 दिन में यह काम कर लिए जाएंगे. चित्तौड़गढ़ जिले में कृषि उपज मंडी समितियों की ओर से किसानों की सहायता से जुड़े सवाल पर मंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा कि 592 लाभार्थियों को सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई.

वर्तमान में 68 आवेदन प्रकरण लंबित हैं जो भी प्रकरण लंबित हैं उनके पीछे कोई ना कोई वजह है ।कोशिश करेंगे कि जल्द ही उनका निस्तारण कर दिया जाए।इसपर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूछा क्या इस संबंध में कोई प्रयास किया है क्या?इसपर मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा,इनमें से ज्यादातर प्रकरण एफएसएल में गए हुए हैं,जल्दी रिपोर्ट भिजवाने के लिए एफएसएल को लिखेंगे.

Last Updated : Mar 4, 2022, 7:24 PM IST
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