जयपुर. मरीज के मरहम की आखिरी उम्मीद अस्पताल पर टिकी हुई होती है. लेकिन उसी अस्पताल में उसे इलाज के बदले लापरवाही (doctors negligence) से मौत मिले तो हर किसी तीमारदार का विश्वास उठ जायेगा. ठीका ऐसा ही हुआ है सूबे के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में. जहां लापरवाही से एक मरीज की जान गई और ऊपर से हंगामा बरपा वो अलग.
क्या है पूरा मामला
दरअसल गंभीर स्थिति में रूपेश सैनी नाम के एक मरीज को परिजन एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) लेकर पहुंचे. जहां अस्पताल स्टाफ ने नॉर्मल कंडिशन बताते हुए मरीज को वार्ड के बाहर ही लिटा दिया. जबकि मरीज की तबीयत लगातार बिगड़ती गई. ऐसे में परिजनों ने वहां मौजूद नर्स से फरियाद लगाई. लेकिन सभी नर्स और कंपाउंडर एक-दूसरे पर टालते रहे. 1 घंटे बाद मरीज ने दम तोड़ दिया.
जिसके बाद मृतक मरीज के परिजनों ने आपा खो दिया और हंगामा शुरू हो गया. जब परिजन पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाने लगे तो वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की भी कोशिश की. सुरक्षाकर्मियों ने परिजनों के मोबाइल भी तोड़ दिए. फिर परिजनों और सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई और परिजनों को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया.
मृतक के भाई अनिल सैनी का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ मरीज को देखने के नाम पर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे. इमरजेंसी में डॉक्टर ने देखकर पर्ची भी लिख कर दी थी. जिसके बाद वह पर्ची से दवाई भी लेकर आया था, लेकिन वार्ड में किसी ने भी मरीज को नहीं देखा और उसकी मौत हो गई. फिलहाल शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया है. शव को कोरोना जांच के बाद परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा.