जयपुर. राजस्थान एकीकृत युवा बेरोजगार महासंघ नाम का संगठन आज प्रदेश में युवाओं की आवाज बनकर उभर रहा है. महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव लगातार सरकारी नौकरियों को लेकर किए गये वादों के खिलाफ सड़कों पर मोर्चा भी खोल रहे हैं. इस बीच बीते उपचुनाव में भीलवाड़ा की सहाड़ा सीट से बेरोजगार समर्थक प्रत्याशी को उतारने की बात हो या फिर लखनऊ में प्रियंका गांधी को यूपी चुनाव से पहले घेरने की बात हो , हर मसले पर सियासी आरोपों से भी यादव घिरते रहे हैं. सवाल उठता है कि क्या उपेन यादव को किसी राजनीतिक दल का समर्थन प्राप्त है , क्या सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स वाले यादव (Upen Yadav Followers On social Media) लगातार दर्ज होते मुकदमों के बाद परेशान हैं? आखिर ऐसी क्या बात हुई कि उन्होंने कहा कि मैं महासंघ को खत्म कर दूंगा! ऐसे तमाम सवालों के जवाब ईटीवी भारत पर दिए बेरोजगारों के हकों की लड़ाई लड़ने वाले उपेन यादव ने.
खुद के संघर्ष को बनाया युवाओं की आवाज: राजस्थान एकीकृत युवा बेरोजगार महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष (upen yadav on unemployment) उपेन यादव BSTC की परीक्षा पास करने के बाद अटकी हुई भर्ती के लिए लड़ाई लड़ रहे थे. इसी दौरान जब उन्हें अपने आस-पास बेरोजगारों की फौज खड़ी नजर आई तो उन्होंने एक मोर्चा तैयार करके युवा बेरोजगारों की आवाज बनने का फैसला कर लिया. इस दौरान यादव ने कहा कि आम तौर पर अटकी भर्तियों को लेकर राजनीति होती है , पेपर लीक हो जाते हैं, पर युवा अपने अरमानों को लेकर कहां जाएं? इन सब सवालों के बीच उपेन ने अपनी नौकरी का सपना छोड़कर संघर्ष का रास्ता अख्तियार कर लिया. दावा किया कि करीब डेढ़ लाख युवा आज उनके दम पर नौकरी कर रहे हैं. यादव ने अपने संघर्ष को याद करते हुए कहा कि दर्जनों बार उन्हें जेल जाना पड़ा , सात बार अनशन किया और कई बार लाठियां भी खानी पड़ी.
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प्रियंका गांधी से मुलाकात पर सियासत: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के चुनाव के दौरान संविदा पर भर्तियों का मसला उठाया था. राजस्थान में कंप्यूटर सहायकों की भर्ती को प्रदेश सरकार संविदा पर लाने की तैयारी कर रही थी लिहाजा उपेन यादव अपनी टीम के साथ लखनऊ पहुंच गये. इस दौरान कांग्रेस ने उन्हें बीजेपी का एजेंट भी बताया. यादव ने कहा कि आरोपों के बावजूद उन्हें इस बात की संतुष्टि है कि उनका मकसद पूरा हुआ. इस दौरान देशभर के युवाओं की आवाज बनने के सवाल पर उपेन यादव ने कहा कि फिलहाल उनका पूरा ध्यान राजस्थान की भर्तियों पर है. वे रीट के मसले को आगे तक लेकर जाना चाहते हैं कि ताकि जिम्मेदारों को सजा मिले और युवाओं को इंसाफ मिल पाए. उपेन जानते हैं कि राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनाव कितने अहम होते हैं. इसका ध्यान रखते हुए ही उपेन ने मिशन 2023 की तैयारी कर ली है.
अपनी राजनीतिक पारी पर कही ये बात: उपेन यादव से जब पूछा गया कि क्या वो बेरोजगारों की लड़ाई लड़ते हुए राजनीति में एंट्री लेना चाहते हैं? तो उन्होंने कहा कि अगर राजनीति में आकर बेरोजगार युवाओं के मसले हल होते हैं तो उन्हें इसके लिए परहेज नहीं है. पर वो चाहेंगे कि प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों पर उनके जैसे 200 उपेन यादव तैयार हों. वो बेरोजगारों की आवाज बने बजाए इसके कि खुद उपेन यादव सीधे तौर पर चुनाव लड़े. उन्होंने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि 200 सीटों पर नौकरी की लड़ाई लड़ी जाएगी.
सियासी आरोप सच तो छोड़ दूंगा एकीकृत युवा बेरोजगार महासंघ: उपेन यादव से जब उन पर लगने वाले आरोपों के बारे में पूछा गया , तो उन्होंने कहा कि मुझे राजनीतिक दलों का एजेंट बताने वाले लोग अगर अपनी बात को साबित कर देंगे, तो मैं अपने इस मंच को खत्म कर दूंगा. खासतौर पर रीट भर्ती परीक्षा (Upen Yadav On REET Entrance Exam 2021) में राजस्थान सरकार के मंत्रियों को सीधे तौर पर घेरने वाले यादव ने कहा कि जब मैं युवाओं के लिये संघर्ष छोड़ दूंगा , तब ही मैं किसी पार्टी का दाम थामूंगा. उन्होंने कहा कि ये सब राजनीति से प्रेरित है , जो लोग मुझ पर आरोप लगाते हैं , वे सब मुझे वार्ता के लिए भी बुलाते हैं. बार-बार एक ही मुद्दे पर कई दौर की सरकारी वार्ता के मसले पर उन्होंने मंच की आर्थिक हालत का तो जिक्र किया ही , साथ ही कहा कि कई बार छोटे-छोटे नतीजे भी राहत देने वाले होते हैं , लिहाजा उन्हें सरकारों के साथ जल्द समझौतों का रास्ता भी अख्तियार करना पड़ता है.
सोशल मीडिया के जरिये युवाओं से संपर्क: बेरोजगार युवाओं की आवाज बनने वाले उपेन यादव के सोशल मीडिया पर हजारों फॉलोअर्स हैं. इस दौरान जब हमने उनसे बेरोजगारों से जुड़े मसले पर सवाल किया , तो उन्होंने पाली के एक युवक का वाकया सुनाया. वो युवक हताश होकर खुदकुशी करने जा रहा था. इस दौरान यादव को उनके परिजनों का फोन आया. फिर उपेन ने युवक से ही सीधा संपर्क करके समझाइश की, आज वो सरकारी नौकरी भी कर रहा है और अपने जीवन से संतुष्ट है. उपेन यादव फिलहाल नौकरी के मसले को लेकर लगातार सरकारों को घेरने का काम कर रहे हैं और इस मसले पर युवाओं के बीच उनका क्रेज भी बरकरार है.