जयपुर. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले 15 अक्टूबर से जयपुर के शहीद स्मारक पर बेरोजगारों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था और इसमें 22 सूत्री मांग रखी थी. हालांकि, कुछ मांगें पूरी हो चुकी हैं, लेकिन प्रमुख मांगें अब भी शेष हैं, जिसके कारण बेरोजगार आंदोलन कर रहे हैं.
सुनवाई नहीं होने के कारण उन्होंने यूपी कूच किया और पिछले 7 दिन से (Seventh Day Strike of Rajasthan Youth in UP) लखनऊ स्थित कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं. कांग्रेस नेताओं की ओर से बेरोजगारों पर आरोप लगाया गया है कि धरना देने वाले बेरोजगार भाजपा के एजेंट हैं. बेरोजगारों ने आपत्ति जताई और शुक्रवार को महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने 4 दिसंबर 2018 का राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय का वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दिया था.
उपेन के अनुसार उस समय कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा था कि हम बेरोजगारों से समर्थन ले रहे हैं. वीडियो जारी करने के बाद यादव ने सरकार से सवाल पूछा है कि क्या अब राजस्थान के बेरोजगारों को न्याय मिलेगा ? उपेन यादव ने कहा कि सरकार असंवेदनशील हो चुकी है और भूखे रहकर आंदोलन कर रहे बेरोजगारों की सुध लेने की बजाय अब वार्ता के रास्ते भी बंद कर दिए हैं. यदि धरना-प्रदर्शन के दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस सरकार की होगी.
उपेन यादव ने चेतावनी दी है कि जब तक प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद उनके समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने जो आरोप लगाया था, उसे लेकर अब कांग्रेस को बेरोजगारों से माफी मांगनी चाहिए. यदि कांग्रेस मांग नहीं मानती है तो आने वाले दिनों में कांग्रेस का पतन होगा और उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. बेरोजगारों में कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है और उसकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है.