जयपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने श्रद्धेय भैरों सिंह जी शेखावत के विराट व्यक्तित्व का इस्तेमाल अपने झूठ को सच बनाने के लिए किया है. गहलोत ने राज्यपाल को दी गई अपनी अनैतिक धमकी को मजबूत बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री के उस बयान का उल्लेख किया, जो उन्होंने कभी दिया ही नहीं.
केंद्रीय मंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि गहलोत कहते हैं, सन 1993 में राष्ट्रपति शासन के दौरान भैरों सिंह शेखावत ने राजभवन घेराव की धमकी दी थी. जबकि वास्तविकता यह है कि वे तब किसी पद पर नहीं थे और न केवल उन्होंने, बल्कि भाजपा के भी किसी पदाधिकारी ने ऐसी कोई बात नहीं कही थी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले भी राजभवन के सामने प्रदर्शन हुए, लेकिन यह पहली बार है, जब सत्ताधारी दल ने अपने मुखिया के इशारे पर भीतर जाकर धरना दिया और नारेबाजी की. पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने कभी ऐसा कलंकित कार्य नहीं किया. वे राज्यपाल पद की गरिमा को जानते थे.
इसी के साथ शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के इस कृत्य से राज्य में शेखावत के लाखों प्रशंसक आहत हैं, और आपसे नाराज हैं. अगर आप वास्तव में उनके पथ पर चलना चाहते हैं, तो आप अपने विधायकों को बाड़ेबंदी से निकालकर जनसेवा में जुट जाइए.
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कांग्रेस विधायकों ने की थी राज्यपाल से बदसलूकी
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने मुख्यमंत्री गहलोत से पूछा कि क्या यह सच नहीं है कि साल 1996-97 में भैरों सिंह शेखावत की सरकार के खिलाफ की जा रही साजिश कांग्रेस के समर्थन से रची गई थी. उन्होंने कहा कि क्या यह सच नहीं है कि उस समय बहुमत सिद्ध करने के लिए बुलाए गए, विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल से बदसलूकी की गई और कांग्रेसी विधायकों ने उनसे हाथापाई की ? उनके हाथ से अभिभाषण की प्रति छीनकर फाड़ी गई और उनका माइक तोड़ा गया?