जयपुर. आदिवासी विकास परिषद सम्मेलन के समापन सत्र को केंद्रीय इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को हिंदुओं से अलग नहीं कर सकते. वहीं उन्होंने आदिवासियों के लिए बने पेसा एक्ट (Minister Faggan Singh Kulaste on PESA Act) को राज्यों में लागू करने पर भी जोर दिया. साथ ही आदिवासियों को एकजुट होकर सरकारों को अपनी ताकत दिखाने की बात भी कही.
जयपुर के बिरला सभागार में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के समापन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि राज्यों में जनजाति से आने वाले विधायक और सांसदों को कुछ-कुछ समय में एक साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए और इस बात का एहसास वहां के राजनीतिक दलों को कराना चाहिए.
उनको बताना चाहिए कि हमारे बिना आप की सरकार बनने वाली नहीं है. जिस दिन उन्हें यह अहसास होगा, उस दिन मुख्यमंत्री भी डरेंगे. क्योंकि मांगने से कुछ नहीं मिलता. अपने हक के लिए लड़ना पड़ता है. इस दौरान सम्मेलन में दिल्ली में आदिवासी भवन बनाने की मांग उठी. इस पर उन्होंने कहा कि यूडीएच मंत्री से चर्चा की है और यह काम भी जल्दी ही होगा.
पेसा एक्ट को लेकर केंद्र स्तर पर हुई बैठक
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों के लिए पूर्व में संसद में पास हुए पेसा एक्ट को राज्यों में भी लागू करवाने को लेकर 8 दिसंबर को दिल्ली में बैठक हुई थी. कुलस्ते ने कहा केंद्र सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है. हम चाहते हैं कि कम से कम 10 राज्यों में तो यह एक्ट वहां की सरकारें लागू करें. उन्होंने कहा कि वहीं आदिवासी परिषद भी इस मामले में राज्य सरकारों पर दबाव बनाने का काम करें. यदि एक्ट प्रभावी होगा तो आदिवासियों के हितों की रक्षा हो सकेगी.
भारत में यदि कोई सही हिन्दू की बात करता है तो वो ट्राइबल ही हैं
वहीं कार्यक्रम के दौरान जब केंद्रीय मंत्री से आदिवासियों के हिंदू धर्म का होने को लेकर चल रहे विवाद को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आदिवासियों की हमारी अपनी परंपरा है. हम अपनी पूजा पद्धति को मानते हैं. ट्राइबल प्रकृति के पुजारी हैं. साथ ही कहा कि आज भारत में यदि कोई सही हिंदू की बात करता है तो वो ट्राइबल ही करता है और यही उसकी पहचान है. कार्यक्रम को परिषद के प्रदेश अध्यक्ष केसी घुमरिया समेत कई वक्ताओं ने भी संबोधित किया.