जयपुर. पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव को लेकर भाजपा ने प्रदेश गहलोत सरकार के खिलाफ अपना ब्लैक पेपर यानी 'कांग्रेस का काला चिट्ठा' जारी किया. केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर ने इसे जारी किया.
इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए अर्जुन राम मेघवाल और अलका गुर्जर ने प्रदेश सरकार पर जमकर जुबानी हमला किया और यह भी कहा कि बीते 2 साल में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कांग्रेस ने कुछ नहीं किया, बल्कि केंद्र की योजनाओं को राजस्थान में लागू होने से भी रोका.
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मेघवाल ने कहा कि चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना हो या फिर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना या श्यामा प्रसाद मुखर्जी योजना इन्हें केवल प्रदेश सरकार ने नाम के आधार पर ही प्रदेश में अटकाने का काम किया. मेघवाल के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में राज्य सरकार खुद के हिस्से की 40 फीसदी राशि जो 1400 करोड़ रुपए होती है, वह अब तक जारी नहीं कर पाई. इससे प्रदेश में करीब 2 लाख 60 गरीब परिवार बेघर होकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं.
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मेघवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण थी, लेकिन यहां कांग्रेस की सरकार को लगा कि यदि इन योजनाओं को राजस्थान में लागू करेंगे तो भाजपा का वर्चस्व बढ़ेगा लिहाजा इसमें रोड़े अटकाने का काम प्रदेश सरकार ने किया. पत्रकारों को संबोधित करते हुए बीजेपी की राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस आपस के झगड़ों में उलझे हैं. जिससे राजस्थान की जनता त्राहिमाम कर रही है.
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गुर्जर ने कहा कि राजस्थान महिला अपराध में सबसे आगे हैं और मौजूदा सरकार ने ग्रामीण विकास को अवरुद्ध करने का काम ही किया है, क्योंकि यह सरकार होटलों में रुकने वाली सरकार है. मौजूदा पंचायत राज चुनाव के लिए बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ ब्लैक पेपर तो जारी कर दिया, लेकिन अब तक भाजपा किन बातों के साथ इन चुनाव में जनता के बीच गई है उससे जुड़ा विजन डॉक्यूमेंट जारी करना अभी बाकी है. उम्मीद कर रहे हैं कि अगले एक-दो दिन में उसे भी पार्टी के स्तर पर जारी किया जाएगा.
ब्लैक पेपर में इन मुद्दों को किया गया शामिलः
- कांग्रेस सरकार की ओर से प्रदेश की पंचायत राज संस्थानों को पांचवें राज्य वित्त आयोग की प्रथम किश्त और दूसरी किश्त जारी नहीं करने का मामला
- साल 2020-21 में प्रदेश सरकार की ओर से पंचायती राज संस्थानों को चार हजार करोड़ की राशि आवंटित नहीं करने का मामला
- राज्य सरकार की ओर से पंचायत राज संस्थानों और स्वास्थ्य संस्थानों को राशि आवंटन की सिफारिश हेतु छठे राज्य वित्त आयोग का गठन भी नहीं करने का मामला
- पंचायत राज संस्थानों के डेढ़ लाख जनप्रतिनिधियों और 74 हजार मानदेय कर्मियों की मानदेय राशि जारी नहीं करने से इस बार इनकी दीपावली काली बनी
- राज्य सरकार पर आर्थिक प्रबंधन का आरोप जिसके चलते कर्मचारियों के वेतन में कटौती हुई
- किसान कर्ज माफी का वादा अधूरा वादा
- किसान सशक्तिकरण के लिए अकाल राहत कोष बनाने का वादा अधूरा
- किसानों को बिजली पर मिलने वाली 833 रुपए की सब्सिडी बंद करने का मामला
- वृद्ध किसानों को पेंशन देने की घोषणा कपोल कल्पित होने का आरोप
- राज्य सरकार की ओर से मनरेगा योजना में मजदूरी भुगतान और सामग्री हेतु केंद्र सरकार से प्राप्त 1200 करोड़ रुपए पंचायत राज संस्थानों को हस्तांतरित ना करके पी डी खाते में हस्तांतरित करना
- मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना को ठंडे बस्ते में डालना
- अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग के रिक्त पदों पर ब्लॉक शीघ्र नहीं भरना
- प्रदेश में बिगड़ती अपराधिक गतिविधियां
- बिजली के भारी भरकम बिलों से जुड़ा मामला
- प्रदेश के बेरोजगारों से जुड़ा बेरोजगारी का भत्ते का मामला
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कटौती का मामला
- भामाशाह स्वास्थ्य योजना बंद करना
- कोरोना काल वैश्विक महामारी के दौरान कुप्रबंधन का जुड़ा मामला