जयपुर. राजस्थान विधानसभा में एक बार फिर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को राहत देने की मांग उठी. इस बार माकपा विधायक बलवान पूनिया और निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने शून्यकाल में इस तरह के जरिए यह मुद्दा उठाते हुए सरकार पर इसके लिए दबाव बनाया.
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विधायक बलवान यादव ने जहां डिस्कॉम की ओर से निकाली गई भर्ती परीक्षा के अत्याधिक फीस से पढ़ रहे परीक्षार्थियों पर आर्थिक भार पर नाराजगी जताई साथ ही यह भी कहा कि बिजली कंपनियों ने परीक्षा तक केंद्र राजस्थान के साथ ही दिल्ली मध्य प्रदेश और नोएडा तक में बना दिए हैं. ऐसे में क्या राजस्थान का रहने वाला छात्र यहां की भर्ती परीक्षा देने के लिए बाहरी राज्यों में जाएगा बलवान पूनिया ने कहा कि सरकार इस ओर ध्यान दें ताकि राजस्थान के परीक्षार्थियों को राज्य की भर्ती परीक्षा है देने के लिए बाहर ना जाना पड़े और इसकी परीक्षा फीस भी कम की जाए.
बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने एक बार फिर सदन में प्रदेश सरकार की नौकरियों में राजस्थान के युवाओं को प्राथमिकता देने और उसके लिए कानून बनाने का मामला उठाया. यादव इस सत्र में लगातार तीसरी बार ये मामला उठा चुके हैं. बलजीत यादव ने शून्यकाल में स्थगन के जरिए ये मामला उठाते हुए सरकार पर राजस्थान की युवा के हितों और हक को सुरक्षित रखने में सक्षम होने का भी आरोप लगा दिया और यह भी कह दिया यदि राज्य सरकार नहीं चेती तो फिर राजस्थान का बेरोजगार युवा सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगा.
बलजीत यादव ने कहा हरियाणा में राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने का कानून बन चुका है इसके साथ ही 21 ऐसे प्रदेश देश भर में है जहां पर अलग-अलग कानून बनाकर बाहरी राज्यों के युवाओं को वहां नौकरी दिए जाने में रोड़ा डाला गया है ताकि उनके प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरियों में ज्यादा प्राथमिकता मिले.
यादव ने कहा इसके लिए महाराष्ट्र बिहार उड़ीसा पश्चिमी बंगाल और गोवा सहित कई राज्य ऐसे हैं जहां स्थानीय भाषाओं के जानकारों को ही सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दिए जाने संबंधी कानून बनाया गया है, लेकिन राजस्थान में लगातार मांग उठाने के बावजूद यहां की सरकार इस प्रकार का कानून नहीं बना रही जिससे राजस्थान की नौकरियों में राजस्थान के युवाओं को ज्यादा प्राथमिकता मिल पाए. इस दौरान बलजीत यादव थोड़े उग्र भी हो गए जिस पर आसन पर मौजूद स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें शांत किया.