जयपुर. बेरोजगार युवाओं ने गुरुवार को भूखे रहकर शहीद स्मारक पर काली दिवाली मनाई. दिवाली के अवसर पर उपेन यादव के नेतृत्व में बेरोजगारों ने विरोध स्वरूप काले दीपक रखकर लक्ष्मी जी का पूजन किया और सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ भी किया. पूजा के बाद बेरोजगारों ने कांग्रेस से आर-पार की लड़ाई का संकल्प भी लिया.
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में बेरोजगार युवा 14 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर 21 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे हैं. इस बीच उपेन यादव ने आमरण अनशन भी किया था. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कवाना पड़ा था. सरकार की ओर से कुछ मांगे मान ली गई थी. लेकिन कई महत्वपूर्ण मांगे अभी भी लंबित हैं. लंबित मांगों को लेकर उपेन यादव के नेतृत्व में बेरोजगार युवा शहीद स्मारक पर डटे हुए हैं.
बेरोजगारों ने बुधवार को भूखे रहकर छोटी दिवाली मनाई थी और आज भी भूखे रहकर काली दीवाली मनाई गई है. गुरुवार को दिन में बेरोजगार युवाओं ने काले गुब्बारे रखकर और काले पट्टियां बांधकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया. शाम को शहीद स्मारक पर लक्ष्मी पूजन भी किया गया. इस दौरान उन्होंने विरोध स्वरूप काले दीपक भी रखें और सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ भी किया.
उपेन यादव ने एक बार फिर सरकार को चेतावनी दि है. यादव ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वह यूपी में होने वाली प्रियंका गांधी की रैली में जाएंगे और स्टेज पर जाकर कांग्रेस का विरोध करेंगे. यूपी में होने वाली रैली में जाने की भी पूरी तैयारी हो चुकी है. प्रदेश के करीब एक हजार बेरोजगार युवा इस रैली में शामिल होंगे.
पढ़ें. नाबालिग से कुकर्म मामला : आरोपी जज को कोर्ट ने दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा
उपेन यादव ने कहा कि सरकार जल्द लंबित और नई भर्तियां निकाले, ताकि बेरोजगार युवाओं के साथ न्याय हो सके और उन्हें नौकरियां मिल सके. उपेन यादव ने बेरोजगार युवाओं के साथ संकल्प भी लिया कि यदि कांग्रेस सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करती है तो वह कांग्रेस को देश से उखाड़ फेंकने का काम करेंगे और उनके खिलाफ वोट करेंगे. यदि सरकार उनकी मांग मान लेती है तो वह सरकार का समर्थन करेंगे. बेरोजगारों ने इस बात को लेकर भी आक्रोश जताया कि सरकार के अड़ियल रवैये के कारण आज उन्हें अपने परिजनों से दूर होकर यहां काली दिवाली मनानी पड़ रही है.
सरकार ने पेपर लीक प्रकरण को रोकने के लिए अध्यादेश लाने की घोषणा की है. वह अध्यादेश भी जल्द से जल्द लाया जाए. परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया जाए और बाहरी राज्यों का कोटा खत्म किया जाए. यह सभी प्रमुख मांगे हैं जिन्हें लेकर बेरोजगारों में सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. बेरोजगारों ने सरकार से आर-पार की लड़ाई का भी ऐलान किया है और चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती है तब तक वे शहीद स्मारक से हटने वाले नहीं हैं. बेरोजगारों ने इस बात को लेकर भी आपत्ति जताई कि 22 दिन यहां आंदोलन करते हुए हो गए हैं. बावजूद इसके न तो सत्ता पक्ष के राजनेताओं ने और न ही विपक्ष के नेताओं ने यहां आकर हमारी सुध ली है.