जयपुर. राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के आयोजन को लेकर सरकार के तमाम वादे और दावे धरे रह गए. परीक्षा से पहले पेपर अभ्यर्थियों के पास पहुंच गया और उन्होंने नकल भी की. अब बेरोजगारों ने इस परीक्षा को रद्द करने की मांग तेज कर दी है. उनका कहना है कि बड़े अधिकारियों का इस मामले में नाम आने से साफ है कि बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए.
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) से पहले सरकार ने तमाम वादे किए. अब यह दावा किया जा रहा है कि परीक्षा पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई है. लेकिन प्रदेशभर में पुलिस और एसओजी की ताबड़तोड़ कार्रवाइयां, गिरफ्तारियां और संदेह के आधार पर अधिकारियों-कर्मचारियों के निलंबन से साफ है कि रीट में बड़े पैमाने पर धांधली और पेपर आउट (REET Exam paper leak) हुए हैं. इसलिए सरकार को इस परीक्षा को रद्द करना चाहिए.
ये बेरोजगार गुरुवार को जयपुर में शहीद स्मारक पर जुटे और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उनका कहना है कि जब तक सरकार रीट को रद्द नहीं करती है, वे पीछे नहीं हटेंगे. इसके साथ ही बेरोजगारों ने पिछले दिनों हुई एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने, गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले छह बेरोजगारों को रिहा करने और उनके खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लेने की भी मांग की.
आज आंदोलन से ठीक पहले राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव की गिरफ्तारी का भी इन बेरोजगारों ने विरोध किया और उनकी रिहाई की भी मांग की. इसके साथ ही इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग भी अब तेज कर दी गई है.