जयपुर. राजधानी में बीते 6 साल से जिस मेट्रो के काम को लेकर लगाए गए बैरिकेड्स शहर वासियों के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे, उन्हें हटाने की शुरुआत नवंबर महीने के अंत से कर दी जाएगी. वहीं, रात में भूमिगत मेट्रो के ट्रायल भी शुरू कर दिए गए हैं. जानकारी के अनुसार ये ट्रायल 45 दिन तक चलेंगे.
बता दें कि जिस मेट्रो ट्रेन का फेज ए पार्ट मानसरोवर से चांदपोल तक करीब 22 किलोमीटर का काम महज साढ़े 3 साल में पूरा हो गया था. उसी फेस के बी पार्ट का काम 6 साल में भी पूरा नहीं हो सका. वहीं अब उम्मीद की जा रही है कि इसी वित्तीय वर्ष में जयपुर वासियों को भूमिगत मेट्रो की सौगात मिल जाएगी. हाल ही में हुई मेट्रो की बोर्ड बैठक में इसके ट्रायल पर विस्तार से चर्चा की गई थी. जिससे अब रात के समय इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है.
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वहीं, जयपुर मेट्रो के एमडी मुकेश सिंघल की मानें तो अलग-अलग ब्लॉक में इसका ट्रायल किया जा रहा है. जिसमें सिग्नलिंग, ओवरहेड इलेक्ट्रिक सिस्टम और ट्रैक पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. वहीं, उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे काम पूरा होता जायेगा, उस तरफ के बैरिकेड्स हटा दिए जाएंगे. इस महीने के अंत तक चांदपोल के बैरिकेड्स हटा दिए जायेंगे और उसके बाद छोटी चौपड़ के भी हटा दिए जाएंगे.
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हालांकि, उन्होंने बड़ी चौपड़ पर जगह देरी से मिलने की वजह से वहां काम पेंडिंग होने की बात कहते हुए मेट्रो को पब्लिक के लिए ओपन करने के साथ ही बैरिकेड्स हटाने की बात कही. साथ ही कहा कि इंटरनल सेफ्टी फीचर को लेकर अगले 45 दिन तक मेट्रो का ट्रायल चलेगा. जिसके बाद मेट्रो रेलवे सेफ्टी सर्टिफिकेट मिलने के बाद इसका कमर्शियल संचालन शुरू होगा. लेकिन, अपने पुराने अनुभव के आधार पर मेट्रो प्रशासन ने इस बार कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी से अभी से ही अप्रोच करना शुरू कर दिया है.