जयपुर. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल केंद्र के साथ होने वाली जीएसटी की मीटिंग के बाद 19 दिसंबर को अपनी उपलब्धियों का बखान करेंगे. इससे पहले ईटीवी भारत आपको बताएगा, कि आखिर इस 1 साल में शहरी विकास, स्वायत्त शासन, आवासन और सार्वजनिक निर्माण क्षेत्र में क्या घोषणा की गई और इन घोषणाओं को धरातल पर कितना उतारा गया.
सरकार ने सबसे पहले नगर पालिका के सदस्य के निर्वाचन के लिए शैक्षणिक योग्यता का अवरोध हटाने का निर्णय लिया. इसके अलावा सरकार के अहम निर्णय और उपलब्धियों की बात करें तो...
नगरीय निकाय
- नगरीय निकायों में वार्ड बढ़ाकर पुनर्सीमांकन किया गया.
- जयपुर, जोधपुर, कोटा में दो-दो निगम बनाए गए.
- नगरीय निकायों के राजस्व वृद्धि के लिए भूखंडों की नीलामी में सरलीकरण.
- बकाया कर और लीज राशि को एकमुश्त जमा कराने पर छूट.
- सभी वार्डों में मोहल्ला समितियों के गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई.
- स्टेट सीवरेज, वेस्ट वाटर नीति 2016 को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया.
- रूफटॉप रेस्टोरेंट के संचालन के लिए रूफटॉप बायलॉज.
- पत्रकारों, साहित्यकारों और लेखकों को रिहायशी कॉलोनी में भूखंड आवंटन के लिए आरक्षण का प्रावधान.
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स्मार्ट सिटी
- करीब 400 करोड़ रुपए का व्यय कर परियोजना कार्यों को गति.
- जयपुर, कोटा और अजमेर में पार्किंग अस्पतालों के विकास और जलापूर्ति को लेकर 35 नए प्रोजेक्ट.
- विधानसभा में आधुनिक डिजिटल म्यूजियम बनाने के लिए 13.47 करोड़ का कार्य आदेश जारी.
- अजमेर आनासागर झील में दो फ्लोटिंग ब्रिज.
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अमृत परियोजना
- पार्कों के संरक्षण और संवर्धन की योजना में 11 शहरों में 22.54 करोड़ के 46 पार्क का काम पूरा.
- 29 शहरों में सीवरेज जलापूर्ति ड्रेनेज और ग्रीन स्पेस कार्य को लेकर 615 करोड़ के काम.
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पार्किंग/आरओबी/आरयूबी प्रोजेक्ट
- चौगान स्टेडियम में मल्टीलेवल कार पार्किंग
- अजमेर में समपार फाटक पर आरयूबी
आवासीय योजना
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एएचपी घटक के तहत 2536 और बीएलसी घटक के तहत 9650 आवास केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत करवाए गए.
- हाउसिंग बोर्ड के सालों से धूल फांक रहे करीब 1300 आवासों का बेचान.
आरयूआईडीपी प्रोजेक्ट
- आरयूआईडीपी के दूसरे और तीसरे चरण के तहत सीवरेज, जल प्रदाय और ड्रेनेज पर 400 करोड़ का व्यय कर निर्माण कार्य किए गए.
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दीनदयाल अंत्योदय योजना
- 1185 स्वयं सहायता समूह का निर्माण.
- स्वरोजगार के लिए 1460 करोड़ का व्यक्तिगत और समूह ऋण.
- 3980 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण.
- 60 आश्रय स्थलों का निर्माण.
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स्वच्छ भारत मिशन, जल शक्ति अभियान और ऊर्जा बचत परियोजना
- भीलवाड़ा और पाली में ठोस कचरा प्रबंधन.
- 14,786 घरेलू व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण.
- 2202 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण.
- 384 रूफटॉप रेनवाटर संरचना निर्माण.
- 2,14,803 पौधारोपण.
- विभिन्न निकायों में 1,35,547 एलइडी स्ट्रीट लाइट.
- 18 नगरीय निकायों में अंबेडकर भवन का निर्माण.
- 21 नगरीय निकायों में आधुनिक सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण.
- 30 नगरीय निकायों में श्मशान, कब्रिस्तान का विकास.
- 63 नगरीय निकायों में 8500 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण और पुनरुद्धार.
- 68 नगरीय निकायों में 110 पार्कों का विकास.
इसके अलावा भी जयपुर, उदयपुर और अजमेर में अक्षय ऊर्जा प्रोत्साहन, पार्किंग, ठोस कचरा प्रबंधन, बाजारों की मरम्मत, एलिवेटेड रोड के लिए डीपीआर तैयार कराई गई.
उधर, विपक्ष से लेकर आम जनता सरकार के 1 साल के कार्यकाल से संतुष्ट नहीं दिखी. विपक्ष का आरोप है, कि यूडीएच विभाग में महज डीपीआर तैयार कराने का काम किया गया. कांग्रेस ने घोषणा पत्र के अनुसार निकाय प्रमुख का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करने का जो फैसला लिया था, उसे भी वापस लेना पड़ा. पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार की ओर से अंतिम चरणों में छोड़े गए काम भी पूरे नहीं किए गए.
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सरकार ने अपने पहले बजट में आवासन मंडल के मकानों में 50% तक की छूट, जयपुर मेट्रो फेज 2 बी पार्ट का काम इसी वित्तीय वर्ष में पूरा करने और दूसरे फेज की डीपीआर तैयार कराने, डेलावास में एसटीपी संयंत्र लगाने, कोटा में चंबल रिवर फ्रंट की डीपीआर बनाने, भीलवाड़ा में कोठारी नदी पर और जोधडास चौराहे पर आरओबी, उदयपुर में ट्रैफिक समस्या का समाधान करने, जयपुर में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, जोधपुर में पावटा रोड पर एलिवेटेड और दूसरी नदी से पहले आरओबी के निर्माण की डीपीआर बनाने का बजट भाषण में घोषणा की गई. हालांकि इनमें से अधिकतर घोषणा महज कागजों तक सिमट कर रह गई. ऐसे में आने वाले दिनों में यूडीएच विभाग के सामने पुरानी पेंडेंसी को खत्म करते हुए नए प्रोजेक्ट शुरू करने की भी चुनौती रहेगी.