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उदयपुर के कुणाल चौबीसा ने बढ़ाया मान: राष्ट्रपति ने सिल्वर मेडल से किया सम्मानित, मेरिट में हासिल किया पहला स्थान - Rajasthan News

भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड शनिवार को देहरादून में हुई. परेड में उदयपुर के कुणाल चौबीसा भी पास आउट हुए हैं. कुणाल को राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया. जूनियर अंडर ऑफिसर कुणाल को टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स से मेरिट के क्रम में प्रथम आने वाले जेंटलमैन कैडेट के लिए रजत पदक प्रदान किया गया.

kunal choubisa
उदयपुर के कुणाल चौबीसा
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Published : Dec 11, 2021, 8:44 PM IST

उदयपुर. कहते हैं कुछ कर गुजरने की इरादे अगर बुलंद हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. एक बार फिर राजस्थान उदयपुर के बेटे ने मान बढ़ाया है. दरअसल भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड शनिवार को देहरादून में हुई. रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी ली. इस बार आईएमए से 387 जेंटलमैन कैडेट पासआउट हुए हैं. जिनमें से 319 बतौर अफसर भारतीय सेना से जुड़े.

इस बार मित्र देशों के 68 जेंटलमैन कैडेट भी पासआउट हुए. परेड में उदयपुर के सज्जनगढ़ निवासी कुणाल चौबीसा भी पास आउट हुए हैं. इसके साथ ही कुणाल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी सम्मानित किया. जूनियर अंडर ऑफिसर कुणाल चौबीसा को टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (टीजीसी) से मेरिट के क्रम में प्रथम आने वाले जेंटलमैन कैडेट के लिए रजत पदक प्रदान किया गया.

बचपन से ही सेना में शामिल होने का था जुनून...

उदयपुर के कुणाल चौबीसा ने आलोक स्कूल से 12वीं करने के बाद एनडीए की परीक्षा दी थी, लेकिन सफल नहीं हो पाए. हालांकि इससे उनका मनोबल टूटा नहीं. टेक्नो इंडिया में इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने के साथ ही सेना में जाने की तैयारी जारी रखी. इंजीनियरिंग के साथ ही निजी क्षेत्र में डेढ़ साल तक जॉब की. इसी दौरान टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (टीजीसी) में प्रवेश लिया. 9 महीने की ट्रेंनिग के बाद शनिवार को आईएमए से पास आउट हुए.

पढ़ें: जयपुर में किंग एडवर्ड मेमोरियल : इतिहास के पन्नों में दर्ज यादगार को यूनेस्को के डर से दिया जा रहा मूल स्वरूप...

इस बार परिजन शामिल पर सादगी से परेड...

आईएमए में कोरोना काल में यह चौथी पासिंग आउट परेड हुई है. इस साल जून में आयोजित पीओपी में परिजन शामिल नहीं हो पाए थे. हालांकि इस बार उन्हें अपने लाडलों के कंधे पर स्टार सजाने का मौका मिला. कुणाल के पिता इंदुशेखर चौबीसा और माता हिना चौबीसा ने अपने बेटे के कंधे पर स्टार सजाए. कुणाल की बहन परिधि भी मौजूद थी. हालांकि सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के चलते इस बार आयोजन को सादगी भरा रखा गया.

पढ़ें: Anasagr lake beauty: आनासागर झील पर सैलानियों की भीड़ बढ़ी, 53 से अधिक प्रजातियों के प्रवासी पक्षी बढ़ा रहे सौंदर्य

अकादमी ने अपने बहादुर पूर्व कैडेट जनरल बिपिन रावत, पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रपति परेड के समीक्षा अधिकारी के रूप में उपस्थित थे. पासिंग आउट परेड में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद थे.

उदयपुर. कहते हैं कुछ कर गुजरने की इरादे अगर बुलंद हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. एक बार फिर राजस्थान उदयपुर के बेटे ने मान बढ़ाया है. दरअसल भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड शनिवार को देहरादून में हुई. रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी ली. इस बार आईएमए से 387 जेंटलमैन कैडेट पासआउट हुए हैं. जिनमें से 319 बतौर अफसर भारतीय सेना से जुड़े.

इस बार मित्र देशों के 68 जेंटलमैन कैडेट भी पासआउट हुए. परेड में उदयपुर के सज्जनगढ़ निवासी कुणाल चौबीसा भी पास आउट हुए हैं. इसके साथ ही कुणाल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी सम्मानित किया. जूनियर अंडर ऑफिसर कुणाल चौबीसा को टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (टीजीसी) से मेरिट के क्रम में प्रथम आने वाले जेंटलमैन कैडेट के लिए रजत पदक प्रदान किया गया.

बचपन से ही सेना में शामिल होने का था जुनून...

उदयपुर के कुणाल चौबीसा ने आलोक स्कूल से 12वीं करने के बाद एनडीए की परीक्षा दी थी, लेकिन सफल नहीं हो पाए. हालांकि इससे उनका मनोबल टूटा नहीं. टेक्नो इंडिया में इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने के साथ ही सेना में जाने की तैयारी जारी रखी. इंजीनियरिंग के साथ ही निजी क्षेत्र में डेढ़ साल तक जॉब की. इसी दौरान टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (टीजीसी) में प्रवेश लिया. 9 महीने की ट्रेंनिग के बाद शनिवार को आईएमए से पास आउट हुए.

पढ़ें: जयपुर में किंग एडवर्ड मेमोरियल : इतिहास के पन्नों में दर्ज यादगार को यूनेस्को के डर से दिया जा रहा मूल स्वरूप...

इस बार परिजन शामिल पर सादगी से परेड...

आईएमए में कोरोना काल में यह चौथी पासिंग आउट परेड हुई है. इस साल जून में आयोजित पीओपी में परिजन शामिल नहीं हो पाए थे. हालांकि इस बार उन्हें अपने लाडलों के कंधे पर स्टार सजाने का मौका मिला. कुणाल के पिता इंदुशेखर चौबीसा और माता हिना चौबीसा ने अपने बेटे के कंधे पर स्टार सजाए. कुणाल की बहन परिधि भी मौजूद थी. हालांकि सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के चलते इस बार आयोजन को सादगी भरा रखा गया.

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अकादमी ने अपने बहादुर पूर्व कैडेट जनरल बिपिन रावत, पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रपति परेड के समीक्षा अधिकारी के रूप में उपस्थित थे. पासिंग आउट परेड में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद थे.

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