जयपुर. आपके इरादे नेक हो और आप में हर मुसीबत से लड़ने का जज्बा हो तो फिर दुनिया की कोई भी ताकत आप को हरा नहीं सकती. इस बात को सिद्ध करके दिखाया है जयपुर पुलिस के उन दो सिपाहियों ने जो राजधानी जयपुर के परकोटे में हॉट स्पॉट एरिया में ड्यूटी करने के दौरान खुद कोरोना की चपेट में आ गए थे.
दोनों सिपाही कोरोना को हराकर एक बार फिर से नए जोश और जुनून के साथ ड्यूटी पर लौट आए हैं. दोनों सिपाहियों ने जयपुर पुलिस के सभी सिपाहियों और अधिकारियों के लिए एक नई मिसाल पेश की है. इसके साथ ही राजधानी की जनता को भी एक बड़ा संदेश दिया है कि खुद को पॉजिटिव से बड़ी आसानी से नेगेटिव किया जा सकता है.
राजधानी जयपुर के माणक चौक थाने में तैनात कांस्टेबल राम चरण सबसे पहले कोरोना संक्रमित पाए गए. इसके बाद रामचरण का एक अन्य साथी दीपक कुमार भी कोरोना की चपेट में आ गए. दोनों ही जांबाज सिपाहियों ने पॉजिटिव रहकर कोरोना की जंग जीत ली और आज फिर से पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर वापस लौट आए. ईटीवी भारत की टीम ने दोनों जांबाज सिपाहियों से खास बातचीत की जिसमें दोनों ही सिपाहियों ने सभी लोगों को हमेशा पॉजिटिव सोच रखने का संदेश दिया.
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सिपाही रामचरण ने बताया कि जब उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई तो वह थोड़ा घबरा गए. लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और अपनी सोच को पॉजिटिव रखा. जब उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उन्होंने अपने मन में यह निश्चय किया कि वह कोरोना की इस जंग को जीत कर ही रहेंगे और उन्होंने खुद को कभी भी निराश नहीं होने दिया. इस दौरान पुलिस के आला अधिकारियों ने भी लगातार उनका मनोबल बढ़ाया और पॉजिटिव सोच रखने के साथ ही नियमित व्यायाम और प्राणायाम करके उन्होंने जल्द ही कोरोना की जंग जीत ली.
कोरोना से डरना नहीं बल्कि लड़ना है
सिपाही रामचरण ने बताया कि इलाज के दौरान एक पल ऐसा भी आया जब उनके पास वाले बेड में इलाज के लिए भर्ती हुए व्यक्ति की हालत बेहद नाजुक होने पर उसे वेंटिलेटर पर ले जाया गया. इस दौरान भी रामचरण ने अपनी सोच को मजबूत रखा और साथ ही यह निश्चय किया कि कोरोना से डरना नहीं बल्कि लड़ना है.
रामचरण का कहना है कि लोगों के मन में यह भय बैठ गया है कि कोरोना से कुछ गलत हो जाएगा, जबकि ऐसा नहीं है. अपनी सोच को पॉजिटिव रखकर कोरोना को बड़ी आसानी से हराया जा सकता है और हमें कोरोना से डरना नहीं है, बल्कि सबको मिलकर इस से लड़ना है.
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दवा का असर खुद की सोच और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर
कोरोना से जंग जीतकर नए जोश और जुनून के साथ ड्यूटी पर लौटे कांस्टेबल दीपक कुमार ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव आए हैं, तो उन्हें इस दौरान उनके साथियों का पूरा सहयोग मिला. उन्होंने कभी भी अपने मन में नकारात्मक विचार नहीं आने दिए और डॉक्टर के बताए गए इलाज के साथ ही नियमित रूप से प्राणायाम और व्यायाम भी जारी रखा.
दीपक कुमार ने कहा कि दवा का असर खुद की सोच और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है. उन्होंने खुद पर और डॉक्टर पर विश्वास रखा कि वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर फिर से ड्यूटी पर लौटेंगे. पॉजिटिव सोच के साथ कोरोना को हराने के बाद जब वापस ड्यूटी पर लौटे तो साथियों ने उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया. साथियों ने हौसला अफजाई की और एक बार फिर से पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर वापस लौट आए.