जयपुर. मुख्यमंत्री के बजट घोषणा 2021-22 में इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना (Indira Gandhi Urban Credit Card Scheme) शुरू की गई है. इसके तहत शहरी क्षेत्र में रहने वाले स्ट्रीट वेन्डर्स, अनौपचारिक क्षेत्र में सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले लोग ( हेयर ड्रेसर, रिक्षावाला, कुम्हार, खाती, मोची, मिस्त्री, धोबी, रंग-पेंट करने वाले, नल-बिजली मरम्मत करने वाले) और 18 से 40 उम्र के बेरोजगार युवा जिन्हें बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा है, उनको बैंकों के माध्यम से 50 हजार रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा.
ये ऋण 1 वर्ष की अवधि के लिए होगा. जिसमें ऋण वितरण के बाद 3 महीने का मोरटोरियम का लाभ दिया जाएगा. ऋण के पुनर्भुगतान की अवधि मोरेटोरियम के बाद 12 माह की होगी. राज्य सरकार ने प्रदेश के अनौपचारिक व्यापार क्षेत्र में काम करने वाले 5 लाख अभ्यर्थियों को इस योजना से लाभ पहुंचाने का दावा किया. इसीलिए 2 अक्टूबर को शुरू किए गए प्रशासन शहरों के संग को भी इस अभियान से जोड़ा गया है.
केवल 2 प्रतिशत को मिला योजना का लाभ
इस योजना के तहत अब तक 2 लाख 41 हज़ार 237 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. लेकिन पूरे प्रदेश में महज 4897 लोगों को लाभ मिला है. या यूं कहें महज 2% लोगों को ही इसका फायदा मिल पाया है. हालांकि अब राज्य सरकार के निर्देश पर डीएलबी डायरेक्टर ने पहल करते हुए बैंक संचालकों से बात की. उन्होंने बताया कि बैंकों के सामने कोडिंग को लेकर तकनीकी समस्या आ रही थी, जो अब रिलीज हो गया है. बैंक संचालकों को अब जल्द आवेदनों को निस्तारित करने के लिए कहा गया है, ताकि 31 मार्च तक लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके.
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बता दें कि योजना में आवेदन करने के लिए आवेदक का शहरी क्षेत्र का निवासी होना अनिवार्य किया गया है. आवेदक से स्व-प्रमाणित शपथ पत्र भी मांगा जा रहा है, जिसमें वर्तमान में आवेदक पर चल रहे बकाया ऋण संबंन्धित सूचना, व्यवसाय का प्रकार, मासिक आय की स्वघोषणा (मासिक आय 15 हजार रूपये से कम हो), मासिक पारिवारिक आय (मासिक आय 50 हजार रूपये से कम हो) का विवरण मांगा गया है.