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साइबर क्राइम: सरकारी वेबसाइट में सेंध लगाकर फर्जी दस्तावेज बनाने वाले 2 लोग गिरफ्तार

राजधानी जयपुर की साइबर थाना पुलिस ने सरकारी वेबसाइट में सेंधमारी कर फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का खुलासा कर दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. प्रारम्भिक जांच पड़ताल में सामने आया, आरोपी रात 12 बजे के बाद फर्जी प्रमाण पत्र बनाते थे और उसके एवज में प्रति-प्रमाण पत्र चार हजार से पांच हजार रुपए लेते थे.

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Published : Apr 28, 2021, 8:36 PM IST

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फर्जी दस्तावेज बनाने वाले 2 लोग गिरफ्तार

जयपुर. साइबर थाना पुलिस ने सरकारी वेबसाइट में सेंधमारी कर फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का खुलासा कर दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी रात 12 बजे के बाद फर्जी प्रमाण पत्र बनाते थे और प्रति प्रमाण पत्र 4 हजार से 5 हजार रुपए लेते थे.

फर्जी दस्तावेज बनाने वाले 2 लोग गिरफ्तार

बता दें, पुलिस गिरफ्त में आया आरोपी मोहम्मद मुस्तकीम और अमित अग्रवाल हैं. दोनों ही जयपुर के घाटगेट के रहने वाले हैं. दोनों आरोपियों ने एसएसओ आईडी को हैक करने के लिए तहसीलदार सांगानेर में उपखंड अधिकारी और कार्यपालक मजिस्ट्रेट सांगानेर के नाम से फर्जी ईमेल आईडी बनाकर एसएसओ हेल्प डेस्क के जरिए फर्जी ईमेल आईडी एसएसओ आईडी में रजिस्टर्ड करवाई. इसके बाद एसएसओ आईडी हैक कर उपखंड अधिकारी एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट सांगानेर के डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग करते हुए अपना धंधा शुरू किया. प्रत्येक फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के लिए आरोपित चालीस रुपए के बजाए चार से पांच हजार लेते थे.

यह भी पढ़ें: अलवर में बंधक बनाकर लूट करने वाले 6 आरोपी गिरफ्तार

आरोपी फर्जी जाति प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास सहित अन्य प्रमाण पत्र बनाने वाले जरुरतमंद लोगों को अपने झांसे में लेकर उनसे आधे-अधूरे दस्तावेज लेकर प्रमाण पत्र बनाने की कहकर हजारों रुपए ठगते थे. फिलहाल, दोनों आरोपियों से पूछताछ जा रही है. यह जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस बनाने वाले लोगों की पात्रता और अपराध में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है.

यह भी पढ़ें: कमलेश प्रजापत एनकाउंटर: कांग्रेस विधायक ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, 'न्याय नहीं मिला तो इस्तीफा दे दूंगा'

डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के निर्देशन में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. पुलिस के मुताबिक, यूआईटी को इस संबंध में अलग से लिखा जाएगा, एसएसओ आईडी की सुरक्षा के मापदंड में परिवर्तन करने और किसी भी अधिकारी की एसएसओ आईडी में ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर परिवर्तन के लिए गवर्नमेंट डोमेन की मेल आईडी को ही किसी परिवर्तन के लिए अधिकृत करें. या ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाई जाए. किसी भी कर्मचारी की एसएसओ आईडी के साथ छेड़छाड़ कर दुरुपयोग किया जा सकता है. डीओआईटी की इस सुरक्षा संबंधित खामी का दुरुपयोग करते हुए इस गिरोह ने और अन्य गिरोह ने जयपुर शहर में और अपराधों का खुलासा होने की संभावना है. फिलहाल, मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.

जयपुर. साइबर थाना पुलिस ने सरकारी वेबसाइट में सेंधमारी कर फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का खुलासा कर दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी रात 12 बजे के बाद फर्जी प्रमाण पत्र बनाते थे और प्रति प्रमाण पत्र 4 हजार से 5 हजार रुपए लेते थे.

फर्जी दस्तावेज बनाने वाले 2 लोग गिरफ्तार

बता दें, पुलिस गिरफ्त में आया आरोपी मोहम्मद मुस्तकीम और अमित अग्रवाल हैं. दोनों ही जयपुर के घाटगेट के रहने वाले हैं. दोनों आरोपियों ने एसएसओ आईडी को हैक करने के लिए तहसीलदार सांगानेर में उपखंड अधिकारी और कार्यपालक मजिस्ट्रेट सांगानेर के नाम से फर्जी ईमेल आईडी बनाकर एसएसओ हेल्प डेस्क के जरिए फर्जी ईमेल आईडी एसएसओ आईडी में रजिस्टर्ड करवाई. इसके बाद एसएसओ आईडी हैक कर उपखंड अधिकारी एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट सांगानेर के डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग करते हुए अपना धंधा शुरू किया. प्रत्येक फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के लिए आरोपित चालीस रुपए के बजाए चार से पांच हजार लेते थे.

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आरोपी फर्जी जाति प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास सहित अन्य प्रमाण पत्र बनाने वाले जरुरतमंद लोगों को अपने झांसे में लेकर उनसे आधे-अधूरे दस्तावेज लेकर प्रमाण पत्र बनाने की कहकर हजारों रुपए ठगते थे. फिलहाल, दोनों आरोपियों से पूछताछ जा रही है. यह जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस बनाने वाले लोगों की पात्रता और अपराध में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है.

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डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के निर्देशन में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. पुलिस के मुताबिक, यूआईटी को इस संबंध में अलग से लिखा जाएगा, एसएसओ आईडी की सुरक्षा के मापदंड में परिवर्तन करने और किसी भी अधिकारी की एसएसओ आईडी में ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर परिवर्तन के लिए गवर्नमेंट डोमेन की मेल आईडी को ही किसी परिवर्तन के लिए अधिकृत करें. या ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाई जाए. किसी भी कर्मचारी की एसएसओ आईडी के साथ छेड़छाड़ कर दुरुपयोग किया जा सकता है. डीओआईटी की इस सुरक्षा संबंधित खामी का दुरुपयोग करते हुए इस गिरोह ने और अन्य गिरोह ने जयपुर शहर में और अपराधों का खुलासा होने की संभावना है. फिलहाल, मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.

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