ETV Bharat / city

RLP सांसद बेनीवाल पर हमले का मामलाः राजस्थान के दो अफसर आज संसद की विशेषाधिकार समिति के समक्ष होंगे पेश

author img

By

Published : Mar 23, 2021, 9:28 AM IST

रालोपा सांसद बेनीवाल पर हमले के मामले में राजस्थान के दो अफसरों की मंगलवार को संसद की शेषाधिकार हनन समिति के समक्ष पेशी है. IAS अमित ढाका और शरद चौधरी दोपहर 3 बजे समिति के समक्ष पेश होंगे.

सांसद हनुमान बेनीवाल, Jaipur News
RLP सांसद बेनीवाल पर हमले का मामला

जयपुर. रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल पर बाड़मेर के बायतु में हुए हमले के मामले में एक बार फिर संसद की विशेषाधिकार हनन समिति ने राजस्थान के अफसरों को तलब किया है. मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात विशिष्ट सचिव IAS अमित ढाका और बाड़मेर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी मंगलवार को दोपहर 3 बजे संसद में विशेषाधिकार हनन समिति के समक्ष पेश होंगे, जहां समिति उनसे सवाल-जवाब करेगी. दोनों ही अधिकारी जवाब देने के लिए देर रात दिल्ली पहुंच गए हैं.

यह भी पढ़ें. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर हमले की कोशिश, समर्थकों ने की पिटाई

दो पूर्व मुख्य सचिव हो चुके हैं पेश

सांसद हनुमान बेनीवाल पर 14 नवंबर 2019 को हुए हमले के मामले में राज्य के दो पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और राजीव स्वरूप भी संसद के विशेषाधिकार हनन समिति के समक्ष पेश हो चुके हैं. इसके साथ ही तत्कालीन डीजीपी भूपेंद्र यादव, एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा भी समिति के समक्ष पेश हो चुके हैं.

FIR दर्ज नहीं होने पर समिति के पास पहुंचा मामला

दरअसल, बायतु में हनुमान बेनीवाल के काफिले पर हुए हमले के मामले में पुलिस की ओर से नामजद FIR दर्ज नहीं करने के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल इस मामले को विशेषाधिकार हनन समिति पास ले गए थे. जिसके बाद समिति ने राज्य के तत्कालीन डीजीपी मुख्य सचिव और तत्कालीन बाड़मेर एसपी को कड़ी फटकार लगाई थी. 17 मार्च 2020 को तत्कालीन मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, तत्कालीन डीजीपी भूपेंद्र यादव, एडीजी उमेश मिश्रा और बाड़मेर के तत्कालीन एसपी शरद चौधरी और सीएमओ में तैनात अमित ढाका को तलब किया गया था. इसके बाद 12 अगस्त 2020 को तत्कालीन मुख्य सचिव राजेश स्वरूप, तत्कालीन डीजीपी भूपेंद्र यादव और एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा और अमित ढाका को समिति ने कड़ी फटकार लगाई थी. समिति ने राजस्थान के तीनों शीर्ष नौकरशाहों को समिति के कक्ष के बाहर भी बैठाए रखा था.

यह भी पढ़ें. जांच के बहाने छेड़छाड़ और दुष्कर्म का आरोपी ASI लाइन हाजिर, पेड़ से बांधकर की थी पिटाई

गौरतलब है कि 12 नवंबर 2019 को बाड़मेर जिले के बायतु में बेनीवाल के काफिले पर हमला हुआ था. जिस वक्त ये हमला हुआ था, उस वक्त केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी भी बेनीवाल के साथ थे. इस मामले में बेनीवाल और उनके समर्थकों ने पुलिस में मामला दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन पुलिस अधिकारियों ने मामला दर्ज नहीं किया. इस पर बेनीवाल ने संसद के शीतकालीन सत्र में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया.

हरीश चौधरी के खिलाफ की गई टिप्पणी के बाद बेनीवाल पर हुआ था हमला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए विशेषाधिकार हनन समिति को भेज दिया था. इस पर समिति सुनवाई कर रही है. बेनीवाल के काफिले पर हमला उनकी ओर से बायतु में क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक और राज्य सरकार के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के खिलाफ की गई टिप्पणी के बाद हुआ था. बेनीवाल ने यहां एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए चौधरी को लेकर टिप्पणी की थी. बेनीवाल का आरोप है कि ये हमला कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी के इशारे पर हुआ है.

जयपुर. रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल पर बाड़मेर के बायतु में हुए हमले के मामले में एक बार फिर संसद की विशेषाधिकार हनन समिति ने राजस्थान के अफसरों को तलब किया है. मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात विशिष्ट सचिव IAS अमित ढाका और बाड़मेर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी मंगलवार को दोपहर 3 बजे संसद में विशेषाधिकार हनन समिति के समक्ष पेश होंगे, जहां समिति उनसे सवाल-जवाब करेगी. दोनों ही अधिकारी जवाब देने के लिए देर रात दिल्ली पहुंच गए हैं.

यह भी पढ़ें. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर हमले की कोशिश, समर्थकों ने की पिटाई

दो पूर्व मुख्य सचिव हो चुके हैं पेश

सांसद हनुमान बेनीवाल पर 14 नवंबर 2019 को हुए हमले के मामले में राज्य के दो पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और राजीव स्वरूप भी संसद के विशेषाधिकार हनन समिति के समक्ष पेश हो चुके हैं. इसके साथ ही तत्कालीन डीजीपी भूपेंद्र यादव, एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा भी समिति के समक्ष पेश हो चुके हैं.

FIR दर्ज नहीं होने पर समिति के पास पहुंचा मामला

दरअसल, बायतु में हनुमान बेनीवाल के काफिले पर हुए हमले के मामले में पुलिस की ओर से नामजद FIR दर्ज नहीं करने के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल इस मामले को विशेषाधिकार हनन समिति पास ले गए थे. जिसके बाद समिति ने राज्य के तत्कालीन डीजीपी मुख्य सचिव और तत्कालीन बाड़मेर एसपी को कड़ी फटकार लगाई थी. 17 मार्च 2020 को तत्कालीन मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, तत्कालीन डीजीपी भूपेंद्र यादव, एडीजी उमेश मिश्रा और बाड़मेर के तत्कालीन एसपी शरद चौधरी और सीएमओ में तैनात अमित ढाका को तलब किया गया था. इसके बाद 12 अगस्त 2020 को तत्कालीन मुख्य सचिव राजेश स्वरूप, तत्कालीन डीजीपी भूपेंद्र यादव और एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा और अमित ढाका को समिति ने कड़ी फटकार लगाई थी. समिति ने राजस्थान के तीनों शीर्ष नौकरशाहों को समिति के कक्ष के बाहर भी बैठाए रखा था.

यह भी पढ़ें. जांच के बहाने छेड़छाड़ और दुष्कर्म का आरोपी ASI लाइन हाजिर, पेड़ से बांधकर की थी पिटाई

गौरतलब है कि 12 नवंबर 2019 को बाड़मेर जिले के बायतु में बेनीवाल के काफिले पर हमला हुआ था. जिस वक्त ये हमला हुआ था, उस वक्त केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी भी बेनीवाल के साथ थे. इस मामले में बेनीवाल और उनके समर्थकों ने पुलिस में मामला दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन पुलिस अधिकारियों ने मामला दर्ज नहीं किया. इस पर बेनीवाल ने संसद के शीतकालीन सत्र में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया.

हरीश चौधरी के खिलाफ की गई टिप्पणी के बाद बेनीवाल पर हुआ था हमला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए विशेषाधिकार हनन समिति को भेज दिया था. इस पर समिति सुनवाई कर रही है. बेनीवाल के काफिले पर हमला उनकी ओर से बायतु में क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक और राज्य सरकार के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के खिलाफ की गई टिप्पणी के बाद हुआ था. बेनीवाल ने यहां एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए चौधरी को लेकर टिप्पणी की थी. बेनीवाल का आरोप है कि ये हमला कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी के इशारे पर हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.