जयपुर. सिंधी कैंप थाना पुलिस ने फर्जी बैंक खाता खुलवाकर लोन लेने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की गिरफ्त में आए बदमाश हरियाणा निवासी सत्येंद्र देशवाल और राज सिंह ठाकुर हैं. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चार चौपहिया वाहन, एक लैपटॉप, दो मोबाइल और फर्जकरी दस्तावेज बरामद किए हैं.
आरोपी फर्जी नाम-पते से बैंक खाता खुलवाकर बैंक और फाइनेंस एजेंसी से लोन लेकर ठगी करते थे. आरोपी बैंक और फाइनेंस संस्थानों से करीब 3 करोड़ रुपए का लोन ले चुके हैं. आरोपी बैंक और फाइनेंस कंपनियों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए 100 से ज्यादा फर्जी दस्तावेज तैयार कर के 50 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. 21 दिसंबर को एसबीआई बैंक शाखा प्रबंधक ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके एक कार पर लोन लेने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.
जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपी फर्जी दस्तावेज के आधार पर किसी भी वाहन शोरूम में गाड़ी बुक करवा कर लोन के लिए अप्लाई करवाते, उसके बाद बैंक प्रशासन किसी प्राइवेट एजेंसी से एफआई करवाता है. आरोपी किसी भी तरह से सांठगांठ करके एफआई कंप्लीट करवा लेते. लोन मिलने के बाद आरोपी फोन स्विच ऑफ कर लेते. इस मामले में शोरूम कर्मचारी, बैंक कर्मचारी और एफआई करने वाली एजेंसी के कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
सेनेटरी की दुकान में चोरी
आमेर थाना इलाके में चोरों ने एक सेनेटरी की दुकान को निशाना बनाया है. जहां पर लाखों रुपए के सामान और नकदी पर हाथ साफ किया. चोरी की वारदात दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. चोरों ने पहले दुकान का शटर तोड़ने का प्रयास किया. लेकिन नाकामयाब होने के बाद छत के रास्ते से दरवाजा तोड़कर दुकान के अंदर प्रवेश किया और चोरी की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए.
कालवाड़ पुलिस ने अपहरण मामले में 24 घंटे में ही आरोपी को दबोचा
कालवाड़ थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पति द्वारा पत्नी के प्रेमी के अपहरण के मामले में 2 दिन बाद दूसरे अपहरणकर्ता को भी गिरफ्तार कर लिया है. जयपुर पश्चिम डीसीपी प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि परिवादी नेहा कंवर ने कालवाड़ थाने में मामला दर्ज करवाया था कि 20 दिसम्बर को शाम सात बजे उसका पूर्व पति बलबीर सिंह अपने दोस्त के साथ सफेद गाड़ी में उसके घर पर आया और उसके दोस्त मुकेश सैन को जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर ले गया.
पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर तकनीकी सहायता से बदमाशों का पीछा किया और टावर लोकेशन के आधार पर बलबीर सिंह को श्रीमाधोपुर से गिरफ्तार किया. आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे जेल भेज दिया गया.