जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण (Civil Services Appellate Tribunal) ने सेवानिवृत्त ग्राम सेवक के सेवाकाल (Retired Gram Sevak Service Time) की गणना नियुक्ति तिथि से न कर उससे की जा रही वसूली पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अधिकरण ने प्रमुख पंचायती राज सचिव और आयुक्त सहित अन्य से जवाब मांगा है. अधिकरण ने यह आदेश लीलाराम सैनी की अपील पर दिए.
अपील में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी को सर्वप्रथम वन विभाग में नियुक्त किया गया था. लेकिन बाद में उसे वन विभाग (Forest department) से सरप्लस घोषित कर पंचायती राज विभाग के अधीन ग्राम सेवक (Retired Gram Sevak Service Time) के पद पर लगा दिया. इस दौरान उसे एसीपी के परिलाभ भी दिए गए. अपील में कहा गया कि उसकी सेवानिवृत्त के बाद पेंशन विभाग ने कहा कि अपीलार्थी को चयनित वेतनमान और अन्य सेवा संबंधी परिलाभ पंचायती राज विभाग में समायोजित होने की तिथि से मिलने चाहिए.
इस आधार पर पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) ने उसके वेतनमान और चयनित वेतनमान को संशोधित करते हुए अपीलार्थी को दी जाने वाली ग्रेच्युटी और पीएल अवकाश की राशि से वसूली के आदेश दे दिए. अपील में कहा गया कि उसके सेवाकाल की गणना वन विभाग में दी गई नियुक्ति तिथि से ही की जानी चाहिए. इसके अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारी से रिवाइज वेतन निर्धारण के आधार पर कोई वसूली भी नहीं की जा सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने वसूली आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.