जयपुर. आपातकाल ( Emergency) को लेकर राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) के लगातार हमले के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने भी तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता AC कमरों में बैठकर बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर एक भी काम नहीं किया.
खाचरियावास ने कहा कि वर्तमान में लोकतंत्र (Democracy) खतरे में है. उसकी तुलना बीजेपी के नेता आपातकाल के वक्त से करते हैं तो उन्हें पहले आपातकाल के वक्त को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए ताकि उन्हें समझ में आ जाए कि तत्कालीन सरकार ने किन परिस्थितियों में काम किया.
प्रताप सिंह खाचरियावास ने यह भी कहा कि आज बीजेपी नेता बयानबाजी तो कर रहे हैं, लेकिन इनके पास यह जवाब नहीं है कि केंद्र की मोदी सरकार ने अपने शासनकाल में क्या किया? जब पूरा देश कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है, तब केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि करके आम जनता को महंगाई के बोझ के तले दबा दिया. लोग जब ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) के लिए तड़प रहे थे, उस वक्त बीजेपी का एक नेता उनकी मदद के लिए सामने नहीं आया.
'झूठी सहानुभूति दिखाने बयानबाजी कर रहे बीजेपी नेता'
आज जब कोरोना के आंकड़े कम हो चुके हैं, लोगों को थोड़ी राहत मिलने लगी है तो बीजेपी नेता अपने एसी कमरों से बाहर निकलकर झूठी सहानुभूति दिखाने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं.
सतीश पूनिया पर साधा निशाना
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सतीश पूनिया को लेकर कहा कि वह पहले यह बताएं कि उनकी पार्टी में किस तरह के हालात हैं. सतीश पूनिया प्रदेशाध्यक्ष हैं, लेकिन उन्हें उनकी पार्टी के कार्यकर्ता ही तवज्जो नहीं देते हैं. अलग-अलग धड़ों में बंटी बीजेपी कांग्रेस की कार्यशैली पर किस अधिकार से सवाल उठा सकती है ?
कोरोना का देना होगा डेथ सर्टिफिकेट
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में यह मुद्दा भी उठा कि कोरोना से किसी व्यक्ति की मौत हो गई तो उसे कोरोना डेथ सर्टिफिकेट लिखा हुआ नहीं मिल रहा है. अगर किसी भी व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई है तो अस्पताल को और निगम के अधिकारियों को डेथ सर्टिफिकेट पर यह लिखना पड़ेगा.
अगर कोई अस्पताल मौत का कारण कोरोना बताता है और निगम के कर्मचारी डेथ सर्टिफिकेट देने में आनाकानी करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त करवाई होगी. पहले ही परिवार के सदस्य की कोरोना की वजह से मौत से पूरा परिवार दुख में है. इसके बावजूद भी निगम के अधिकारी डेथ सर्टिफिकेट बनाने में आनाकानी करते हैं तो इससे बड़ा कोई पाप नहीं है. ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.
लगातार आ रही हैं शिकायतें
दरअसल लगातार इस बात को लेकर शिकायतें आ रही है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत होने के बाद अस्पताल प्रशासन मौत के कारण में कोरोना अंकित नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों को डेथ सर्टिफिकेट बनाने में भी दिक्कत आ रही है.